’’खेल हुनर शास्त्र शिक्षा और शस्त्र शिक्षा आज के युग में अति आवश्यक’’
पानी हमेशा छोटे पौधों पर दिया जाता है वृक्ष पर नहीं’’ शुरुआत कहीं से भी कभी भी की जा सकती है आज के इस भाग दौड़ के परिवेश में व्यस्ततम परिस्थितियों में हम सब पारिवारिक रिश्तों की उधेड़ बुन मे लगे रहते है आसपास पड़ोस समाज और राष्ट्र की फिक्र से हमे क्या वास्ता ऐसी ही समझ हम अधिकांश के मन मस्तिष्क पर हमेशा बनी रहती है
आज आवश्यकता है इससे हटकर भी कुछ और सोचने की
लेकिन आज आवश्यकता है इससे हटकर भी कुछ और सोचने की और यह सब कुछ संभव है हमारे एक छोटे से सही प्रयास मे प्रयास करने पर खेल का हुनर शिक्षा और धार्मिक संस्कार सही समय पर मिले तो नन्हे नन्हे बच्चे अपने भविष्य के निर्माण में स्वयं सक्षम हो जाते हैं बच्चों के खेल हुनर ए शस्त्र विद्या शिक्षा एवं धार्मिक संस्कार हमारी संस्थाओं से यह प्रयास निरंतर जारी है आप भी अपना प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग कर आने वाले भविष्य को उज्जवल बनाने में अपना सहयोग रूपी एक आहुति दे सकते