सिवनी – महिला थाना जिला सिवनी के अंतर्गत प्रकरण पुलिस अधीक्षक सिवनी द्वारा जघन्य सनसनी खेज की श्रेणी में रखा गया था एवं इसकी विवेचना गंभीरता पूर्वक विवचेना अधिकारी द्वारा की गई थी, आये दिन बच्चो के साथ कोई ना कोई घटना सुनने को मिल ही जाती है इसमें अपराधी कोई करीब का ही होता है और ज्यादातर मामलो में अपराधी नाते – रिश्तेदार जान पहचान वाला या पडोसी ही होता है ऐसा ही कुछ दिनांक 20 जून 2023 को हुआ नाबालिग पीडिता ने अपनी माॅ के साथ महिला थाने जाकर पुलिस को बताया कि आरोपी रामवीर पिता रामस्वरूप साक्य, उम्र 36 वर्ष, निवासी कस्तुरबा वार्ड जिला सिवनी ने उसके साथ दिनांक 31 जनवरी 23 से 12 अप्रैल.23 तक लगातार बहलाफुसलाकर अपने घर ले जाता था और उसके साथ जबरदस्ती गलत काम (बलात्कार) करता रहा, उसने आरोपी के डर के कारण किसी को कुछ नही बताया। दिनांक 12 अप्रेल 2023 की सुबह 08 बजे करीब पीडिता के साथ फिर जबरदस्ती अपने घर ले जाकर सबंध बनाया जिसके बाद से पीडिता की माहवारी नही आई तो पीडिता के माता ने उसको डाक्टर के पास लेकर गई जिससे पता चला कि वह ढाई महिने की गर्भवती है, उसके गर्भवती होने की सूचना जब आरेापी को लगी तो आरोपी ने अपनी पत्नि के साथ मिलकर पीडिता का गर्भपात करवाने के लिए पीडिता को दवाईया लाकर दी और उसको खाने के लिए कहा पीडिता ने डर के कारण उन दवाईयो को खा लिया जिससे उसकी तबीयत खराब हो गई, उक्त घटना की रिपोर्ट पीडिता ने अपनी माता के साथ महिला थाना उपस्थित होकर दर्ज करवाई, उक्त् शिकायत के आधार पर पुलिस के द्वारा आरोपी रामवीर शाक्य एंव उसकी पत्नि आरती शाक्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक 32/2023 पर अन्तर्गत धारा 313, 376, 376(2) (एन), 376(3) 34 भा.द.वि. तथा 5र (पप), 5स, 6, लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष पाक्सों न्यायालय सिवनी में प्रस्तुत किया गया शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमति दीपा ठाकुर जिला अभियोजन अधिकारी के द्वारा गवाह एवं सबूतो को माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया एवं तर्क दिया गया कि आरोपी के द्वारा नाबालिग के साथ गंभीर प्रकृति का अपराध किया है जिसको कडी से कडी सजा देने का निवेदन किया जिससे सहमत होते हुए माननीय नयायालय द्वारा आरोपी को धारा 313 भा.द.वि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 में क्रमशः 4(2) , सहपठित धारा 6, के आरोप मे आजीवन कारावा एवं 3000 रूपये अर्थदंड , धारा 5(एल )सहपठित धारा 6, के आरोपी में आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये , धारा 5(जे)(पप) सहपठित धारा 6 में आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया है। आप भी ऐसे राक्षसो से सावधान रहे सुरक्षित रहे।