* जगद्गुरु शंकराचार्य जी एवं आचार्य महामंडलेश्वर जी रहा पावन‌ सान्निध्य 

* शोभायात्रा एवं धर्मसभा में उमड़ा जनसैलाब * क्षेत्रीय भजन मण्डल की प्रस्तुति रही आकर्षक का केंद्र 

         परमपूज्य द्वारका -शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में दिनांक 14 दिसम्बर 2024 को भगवत्पूज्यपाद धर्मसम्राट् अनन्तश्री विभूषित ज्योतिष् एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी की तपोस्थली श्री परमहंसी गंगा आश्रम झोंतेश्वर से परमाराध्या श्रीमाता राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी , श्रीबाला त्रिपुर सुन्दरी की भव्य शोभा यात्रा गुरुधाम से होते हुए परमपूज्य धर्म सम्राट अनंत श्री विभूषण जगतगुरु शंकराचार्य उदय पिता दिवस पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की पूज्य माता श्री गिरिजा देवी के पावन जन्मस्थान मातृधाम पहुंचने पर शोभायात्रा में विराजमान पूज्यपाद जगद्गुरु  शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द जी महाराज एवं पंचाग्निपीठ के के आचार्य महामंडलेश्वर श्री रामकृष्णानन्द जी महाराज का  पुरजोर से स्वागत किया। जगह-जगह स्वागत सत्कार किया गया और वंदन किया गया पूरे गांव में ऐसा लग रहा था जैसे मानो दीपावली का त्यौहार हो। घर-घर रंगोली‌, दीप जलाकर पुष्प वर्षा की गयी ।मां भगवती का एवं‌ पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज का स्वागत किया गया जगह-जगह तोरण‌वंदन द्वार  लगाये गये सारा वातावरण धर्ममय हो गया ।इस अवसर पर मात्र धाम में  विराजमान श्रीविद्या एवं श्रीयंत्र की अधिष्ठात्री देवी श्रीमाता ललितेश्वरी त्रिपुर सुन्दरी का पूज्यपाद श्री शंकराचार्य जी महाराज एवं पंचाग्निपीठ के आचार्य महामंडलेश्वर श्री रामकृष्णानन्द जी महाराज‌ ने  पूजन किया और भक्तों को शुभाशीर्वाद दिया। मातृधाम मंदिर परिसर में धर्मसभा का आयोजन किया गया जिसे संबोधित करते हुये द्वाराका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा की मां का स्थान सर्वोपरि है और मां के समान कोई दूसरा देवता नहीं है “ना मातु परदैवतम्”और  मातृधाम में सभी का कल्याण के लिए मां पराम्बा विराजमान हैं।  जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने अपने गुरुदेव भगवान का पावन‌ स्मरण करते हुये कहा हमें सद्गुरु के कारण ही भगवती के दर्शन और उनकी उपासना से कल्याण कर रहे हैं। गुरु सदैव विद्यमान रहते हैं और गुरु तत्व सदा  रहता है। गुरु के स्मरण से समस्त कष्ट दूर होते हैं गुरु ही अपने शिष्यों का कल्याण करते हैं और सद्गुरु वही होता है जो भगवान के प्राप्ति का रास्ता बताता है। धर्मसभा में  आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंद जी महाराज ने कहा की भगवती राजराजेश्वरी ही समस्त कष्टों को और विघ्नों को हरने वाली हैं और हमें ऐसे गुरु की प्राप्ति हुई जिन्होंने भगवती का दर्शन करा कर हम सभी का कल्याण कर दिया अपने गुरु की महिमा को बताते हुए उन्होंने मातृधाम की भूमि को अत्यंत पुण्य धरा बताया। आपने गुरु के बताये रास्ते का अनुकरण कर धर्म पालन की बात कही और यह भी कहा कि आज गुरु के कारण ही हमें सब कुछ प्राप्त हुआ है और बिना गुरु के जीवन अधूरा होता है इसलिए गुरु के प्रति निष्ठावान श्रद्धावान होना चाहिये । धर्मसभा को ज्योतिष्पीठ पं. रविशंकर शास्त्री ने भी संबोधित कर विरुदावली का वाचन किया इस अवसर पर आचार्य पं. सनतकुमार उपाध्याय ने श्री चरणपादुकाओं पादुका पूजन संपन्न कराया। शोभायात्रा में अनेक साधु- संत सहित वृन्दावन से पधारे संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान आचार्य सच्चिदानंद द्विवेदी, परमहंसी गंगा आश्रम से पधारे आचार्य पं. राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी , ब्रह्मचारी निर्विकल्प स्वरूप , राघवानंद , विमलानंद , आचार्य सुंदर पाण्डेय, आचार्य पं. हीरालाल द्विवेदी, आचार्य पद्मनाभ द्विवेदी सहित अनेक विद्वानों की उपस्थिति रही।  अनेक गुरु भक्तों श्रद्धालुओं की उपस्थिति के साथ अनेक गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित‌ रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रशांत तिवारी द्वारा किया गया। आयोजन में मोहगांव के भजन मण्डल एवं श्रीविद्या म्यूजिकल ग्रुप के द्वारा भजनों की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।पूज्यपाद द्वारका -शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं पंचाग्निपीठ के आचार्य महामंडलेश्वर श्रीमत्  रामकृष्णानंद जी महाराज ने रात्रि विश्राम मातृधाम में किया और प्रातः काल भक्तों को दर्शन और नारायणात्मक शुभाशीर्वाद प्रदान किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये सभी श्रद्वालुओं का हृदय से धन्यवाद  मातृधाम मंदिर समिति एवं आध्यात्मिक उत्थान मंडल द्वारा किया गया।