सिवनी – जिले में डॉग बाइट और आवारा श्वानो की आबादी लगातार युद्ध गति से बढ़ रही है। जिसके बाद श्वानो के हमले से लोगों के घायल होने के मामले भी अधिक मात्रा में प्रकाश में आ रहे है। शासन श्वानो की अबादी नियंत्रण करने और आवारा श्वानो का कुशल प्रबंधन करने के लिये निरंतर प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश और बजट दे रही है । इसके बाद भी भ्रष्टाचार और लापरवाहियों के कारण न सिर्फ जनता के धन की बर्बादी हो रही है. बल्कि श्वानो की नसबंदी के बाद भी उनकी आबादी और डॉग बाइट के मामले बढ़ रहे हैं।
सिवनी नगर पालिका परिषद द्वारा श्वानो की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिये श्वानो की नसबंदी का जो फर्जीवाड़ा किया गया वह परिषद के पार्षद द्वारा सार्वजनिक करते हुये जिला कलेक्टर से जाँच की मांग है। आपको यहाँ बता दें कि श्वानो की नसबंदी के साथ ही आवारा श्वानो को पकडने के पूर्व परिषदों के कार्यकाल में अभियान चलते रहे है परंतु वर्तमान परिषद के कार्यकाल में यह अभियान भी चलते हुये नहीं दिखा समझा जा रहा है कि इस मामले में भी फर्जीवाड़ा कर नपा के अधिकारियों कर्मचारियों ने गोलमाल किया है।
सिवनी नगर पालिका परिषद द्वारा श्वानो की नशबंदी पर लाखों रूपये खर्च कर दिये जाने के बाद भी श्वानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और पार्षद द्वारा भी इसमें भ्रष्टाचार होने की संभावना व्यक्त की गयी है। इस विषय को लेकर पूरे नगर में नगर पालिका परिषद के अधिकारी कर्मचारियों एवं पार्षदों पर लोग फब्तीयाँ कश रहे है और उनका मजाक उड़ा रहे है।
सवालों के घेर में श्वानो की नसबंदी
सिवनी शहर में श्वानो नसबंदी एवं एन्टीरेबीज टीकाकरण हेतु एनिमल केयर सेंटर दुर्ग को ठेके पर दिया गया था। जिसका प्रति श्वान का 1140 – रूपये के मान से ठेका हुआ था और ठेका लेने वाले संस्थान ने १००३ कुत्तों की नसबंदी की जिसके कुछ भुगतान हो गये कुछ प्रस्तावित है। इसके बावजूद भी कुत्तों की संख्या में कोई कमी नहीं है पिछले वर्षों की तुलना से अधिक कुत्ते पैदा हो रहे है। सिवनी शहर में हजारो की संख्या में कुत्ते पैदा हुये है। सुभाष वार्ड में पचास मीटर की दूरी पर तीन कुतियों ने 21 बच्चे पैदा किये है। इसी तरह पूरे शहर का नजारा है। कुत्तों की बढ़ती संख्या से नगर पालिका का कुत्ता नसबंदी का कार्य सवालों के घेरे है।
नहीं दिख रहा नसबंदी का असर
सिवनी शहर में सडकों पर ज्यादाकर बच्चे, महिलाएं डॉग बाईट ( श्वानो के काटने ) का शिकार हो रहे हैं। सुबह मार्निंक वाँक के लिये जाने वालों एवं दुपहियों वाहन चालको के साथ आये दिन श्वानों के काटने और साइकिल तथा बाईक चालको के पीछे भौंकते हुये श्वानो से दुर्घटनाएँ हो रही है, इस समस्या के निराकरण के लिये नगर पालिका ने जो कार्य किया है वह मजाक बनकर रह गया है।







