सिवनी – थाना उगली पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान बालाघाट जिले की स्कूल में चल रही स्कूल बस को चेक करने पर बस का फीटनेस, इंश्योरेंश, परमिट, पीयूसी नही होना पाये जाने पर मिनी बस क्रमांक. एमपी 50 पी 0506 के वाहन चालक द्वारा, मोटर व्हीकल अधिनियम की धारा 3/181, 5/180, 66/192 (क), 56/192(1), 146/196, 51/177, 115(7)/190 (2) मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करना पाये जाने से मौके पर बस को जप्त कर चालान न्यायालय पेश किया गया जो माननीय न्यायालय द्वारा उपरोक्त स्कूल बस के चालक एवं वाहन स्वामी के विरूद्ध 41500 – रूपये का जुर्माना किया गया|
कार्रवाई के अभाव में सब कुछ चल रहा हैं।
यह तो एक मामला है इसके अलावा पूरे जिले में ना जाने कितने ऐसे निजी स्कूलो में कंडम वाहन संचालित है जिनके ना तो परमिट है ना फिटनेस और ना ही इश्योरेंस है इसके अलावा स्कूल बसो में एक महिला एवं एक पुरूष अंटेडेंट होना चाहिए इसके अलावा स्कूल बसो में सीसीटीव्ही कैमरे के अलावा खिडकियो में जाली और बस के अंदर जो जरूरी सामग्री होती है सुरक्षा की दृष्टि से वो सब कुछ होना चाहिए यदि परिवहन विभाग और यातायात विभाग मिलकर चैकिंग अभियान चलाये तो ना जाने कितने ऐसे वाहन मिल जायेेंगे जिनमे उपरोक्त खामिया है लेकिन कार्रवाई के अभाव में सब कुछ चल रहा हैं। सबकी आॅखे तब खुलती है जब कभी कोई बडी दुर्घटना घटित हो जाती है।
जानवरो की भॉति ठूंस – ठूंस कर बैठाये जाते है बच्चे
कई स्कूल बसो में तो यह भी देखा गया है कि स्कूल बसो में क्षमता से अधिक बच्चो को बैठाया जाता है जो कि सडक परिवहन विभाग के नियमो की सीधी अवहेलना है इसके अलावा स्कूल बसो मंें क्षमता से अधिक बच्चो को ठूंसठूंस कर भरने का प्रावधान है ही नही।
पूरी ली जाती है फीस
इसके अलावा स्कूल बसो में आने और जाने वाले बच्चो से स्कूल फीस पूरी ली जाती है चाहे उस बच्चे को कितनी भी परेशानी हो इन सब बातो पर भी यातायात विभाग और सडक एव परिवहन विभाग को भी ध्यान देते हुए लापरवाही करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।
यूनिफार्म में ना तो चालक होते है और नही परिचालक
आधिकांश स्कूल बसो में यह भी देखा जा रहा हे कि चालक एवं परिचालक के अलावा अटेंडेंट का डेªस कोड होता है लेकिन डेªस कोड में कोई भी नही रहता है।
इस मामले में थाना प्रभारी उगली उपनिरीक्षक सदानन्द गोदेवार, सउनि. सीएल सिंगमारे, आरक्षक 60 संदीप ठाकरे, आरक्षक 562 विजेश चैधरी, आरक्षक 495 सुनील ठाकरे, आरक्षक 548 विनोद तेकाम का योगदान सराहनीय रहा।