सिवनी – भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा योजनाए शुरू की गई जिसमें केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय भारत में खेलों को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाता है। भारतीय खेल प्राधिकरण जो युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत काम करता है, देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है। प्राधिकरण खेल विकास को बढ़ावा देने के लिए सुधारों और योजनाओं की एक श्रृंखला तैयार और कार्यान्वित करता है। सरकार का मानना है कि बेहतर और स्वस्थ जीवन के लिए लोगों को अपनी दिनचर्या में खेल और फिटनेस से जुड़ी गतिविधियों को शामिल करना चाहिए। यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी भी कई मौकों पर लोगों से अपने रोजमर्रा के जीवन में खेल को प्राथमिकता देने का आग्रह कर चुके हैं। बढ़ावा देना के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करना है। यह योजना सभी के लिए खेल के साथ-साथ उत्कृष्टता के लिए खेल को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। व्यक्तिगत और सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय विकास के लिए एक उपकरण के रूप में खेल को मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से इस योजना को वर्ष 2017 में नया रूप दिया गया था। लेकिन इन सबके बावजूद सिवनी जिले में कई वर्शो से एस्टोटर्फ बनकर तैयार है लेकिन उस मैदान का ताला नही खोला जा रहा है इसके साथ ही वर्शो से विभिन्न खेलो के खिलाडियो को खेलो के हिसाब से कोच भी रखे गए लेकिन वे कोच भी वर्शो से सिर्फ कहे कि घर बैठे एक हाथ से दो दो लडडू खाने का काम कर रहे है और यह काम एक साल नही विगत दसो वर्शो से धडल्ले से चल रहा है जिसकी सुध लेने वाला कोई भी नही कुछ कोच तो नियमित ग्राउंड आते है लेकिन कुछ कोच तो एक ही समय में दो दो जगह डयूटी विगत दसो वर्शो से कर रहे है इस मामले में जिला खेल अधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार जो नियमित मानीटरिंग नही करते या करते है तो उनकी जानकारी यह लापरवाही क्यो नही आई सबसे बडा प्रष्न यह है आखिर यह धोखा सरकार को क्यो दिया जा रहा बच्चो के भविश्य से खिलवाड आखिर क्यो संवाददूत न्यूज खेल विभाग के और भी मामले आगे उजागर करता रहेगा।