परियोजना अधिकारी का कारनामा ,50 हजार रूपये दिलाकर बीपीएम को बचाने कराया राजीनामा

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पीड़िता महिला आशा कार्यकर्ता ने धमकी व दबाव देकर राजीनामा कराने की शिकायत कलेक्टर से की
सिवनी। आदिवासी विकासखंड छपारा में स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से लूट और भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने वाले बीपीएम योगेन्द्र सेन को प्रमाणित शिकायत व कॉल रिकार्डिंग होने के बाद भी बचाने के लिये विभागीय अधिकारी के साथ साथ जांच करने वाले अधिकारी भी अपना स्तर गिराने से चूक नही रहे है।

महिला बनी महिला की ही दुश्मन – महिला पीड़िता व शिकायतकर्ता है और उसे प्रताड़ित करने वाले को बचाने के लिये महिला अधिकारी ही मुख्य भूमिका निभा रही है। इतना ही नहीं महिला अधिकारी धमकी, प्रताड़ना के साथ दबाव देकर राजीनामा भी करवा रही है। इस पूरे कारनामे में महिला ही महिला की दुश्मन बनी हुई है।
महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी राजश्री मेश्राम की राजीनामा कराने की पूरी कहानी सिवनी कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन तक पीड़िता शिकायतकर्ता आशा कार्यकर्ता झनकपुरी डेहरिया ने रूबरू होकर अवगत कराया है।
आशा कार्यकर्ता द्वारा शिकायत पर जांच के मामले में राजश्री मेश्राम महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी लखनादौन द्वारा राजीनामा करवाने व 50 हजार रूपये वापस कराने के मामले की शिकायत जिला कलेक्टर से पीड़िता ने 14 सितंबर 2024 को किया है।
बीपीएम योगेन्द्र सेन ने 70 हजार रुपए मेरी नौकरी को बचाने के बदले में लिया था – पीड़ित शिकायत कर्ता झनकपुरी डहेरिया आशा कार्यकर्ता जूनापानी रैय्यत से स्वास्थ्य विभाग छपारा के बीपीएम योगेन्द्र सेन ने 70 हजार रुपए मेरी नौकरी को बचाने के बदले में लिया था। जिसकी शिकायत आशा कार्यकर्ता द्वारा सिवनी जिला कलेक्टर को लिखित में की गयी थी और जनसुनवाई में भी शिकायत की गयी थी।
जिसके बाद जिला कलेक्टर के आदेश से शिकायत पर 13 सितंबर 2024 को लखनादौन में जांच की कार्यवाही की गई। जांच कमेटी में अपर कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। लखनादौन में पीड़िता अपने पति व बेटी के साथ सुबह 10.30 बजे पहुंच गये थे जिन्हें देर रात्री में 9 बजे तक राजीनामा होने तक छोड़ा गया।
महिला पीड़िता शिकायतर्ता को रात 9 बजे तक बैठालकर रखा गया – 13 सितंबर 2024 को जिसमें पीड़ित आशा कार्यकर्ता के कथन अपर कलेक्टर व जांच टीम के समक्ष सुने गये जिसके बाद जांच टीम के रवाना हो जाने के बाद जांच टीम की सदस्य महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमति राजश्री मेश्राम लखनादौन ने पीड़िता शिकायतकर्ता को देर रात 9 बजे तक रोककर रखा और मानसिक रूप से बेहद प्रताडित किया और महिला बाल विकास कार्यालय के कमरे में बिठा दिया।
नौकरी बचाना है तो जैसा मैं कहती हूं वैसा करो – इसके बाद पीड़ित शिकायतकर्ता को परियोजना अधिकारी राजश्री मेश्राम द्वारा बार-बार धमकी दी गयी कि तुम्हारी नौकरी चली जायेगी तुम्हें आशा कार्यकर्ता की नौकरी बचाना है तो जैसा मैं कहती हूं वैसा करो। मुझे रात्रि 9 बजे रात तक कार्यालय में बैठाल कर रखा गया।
पीडिता का मोबाइल भी छीनकर अपने पास रख लिया – पीड़ित शिकायतकर्ता को परियोजना अधिकारी के द्वारा डराया धमकाया गया वहीं उसका मोबाईल दोपहर से छीनकर रख लिया गया था जो देर रात तक वापस किया गया।
जबरदस्ती राजीनामा के कागजातों में हस्ताक्षर करवा लिया – इसके बाद परियोजना अधिकारी राजश्री मेश्राम द्वारा जबरदस्ती राजीनामा के कागजातों में हस्ताक्षर करवा लिया गया और साथ 50 हजार रूपये की राशि भी दी गई यह कहकर की जो रूपये बीपीएम योगेन्द्र सेन ने लिया था वह वापस कर रहे है। इसका परियोजना अधिकारी राजश्री मेश्राम द्वारा वीडियों भी बनाया गया है।
राजश्री मेश्राम ने यह भी धमकी दी कि – पीड़ित महिला की शिकायत पर जांच टीम में शामिल महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी की सदस्य राजश्री मेश्राम द्वारा यह भी धमकी दी गई कि यदि तुमने राजीनामा वाली बात किसी को बताई तो तुम्हारी नौकरी चली जायेगी।
जब सिवनी कलेक्टर को 50 हजार रूपये वापस देने पहुंची शिकायतकर्ता – पीड़ित शिकायतकर्ता का कहना है कि मेरी शिकायत पर 13 सितंबर 2024 को जांच हुई है उसमें परियोजना अधिकारी राजश्री मेश्राम द्वारा प्रताड़ित किया गया है।
वहीं राजीनामा के दौरान परियोजना अधिकारी राजश्री मेश्राम द्वारा बीपीएम योगेन्द्र सेन से वापस दिलाये गये 50 हजार रूपये भी कलेक्टर के माध्यम से वापस देने सिवनी कलेक्टर कार्यालय पहुंची थी, जहां पर कलेक्टर से मिलने के बाद जांच के दौरान राजीनामा कराये जाने की संपूर्ण जानकारी पीड़िता के द्वारा दी गई। पीड़िता ने बताई कि कलेक्टर मैडम द्वारा मंगलवार को जांच अधिकारी को 50 हजार रूपये वापस करने के लिये कहा है एवं उनसे मिलने के लिये कहा है।