सिवनी – पौराणिक कथाओं में एक प्रसिद्ध कथा समुद्र मंथन की है जिसमें देवताओ और दैत्यो के बीच हुए इस समुद्र मंथन से गौ माता कामधेनु की प्राप्ति हुई थी. हिन्दु धर्म में धर्मग्रन्थो के अनुसार बहुत प्रमुख स्थान दिया गया है. गौ में 33 कोटी देवताओं के स्थान की बात भी हिन्दुधर्म ग्रन्थो मे बताई गई है सिवनी जिले में जिस प्रकार से गौ हत्याओ की घटनायें हुई हैं. उनकी ओर ध्यानाकर्षण करते हुए कामधेनु गाय की आकृति में पंडाल तैयार किया गया है

तथा गौमाता के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने, उसकी सेवा देखभाल करने के प्रति लोगों को जागरुक करने वाली अनुपम झाँकी का चित्रण किया गया है. जिसमें बैनगंगा तट पर हुए नरसंहार सहित आंध्रप्रदेश की पुंगनूर गाय जो कि घरों में पालने हेतु सर्वोत्तम है, का सजीव चित्रण किया गया है. जहाँ श्रद्धालुगण पहुंचकर छोटी-छोटी पुंगनुर गायों का चारा खिलाकर पुण्य लाभ कमा रहे हैं. समुद्र मंथन का दृश्य भी साकार किया गया है.

वहीं श्री कृष्ण जी की मनोहारी प्रतिमा, बछड़े को दूध पिलाती गाय और चाँद की आकृति का सेल्फी पाईंट लोगों को बरबस ही सेल्फी लेने हेतु आमंत्रित कर रहा है. बता दें कि बाल हनुमान मंदिर के समिति द्वारा इसके पूर्व चन्द्रयान 2, अखंड भारत, स्वर्ग नरक प्राचीन भारत आदि की झांकी भी बनायी गयी है.

सुंदर सजीव झाँकियों के लि ए प्रख्यात हुई इस समिति के पंडाल का आकर्षण अपार जनसमूह को अपनी ओर खींच रहा है. जिसे देखने हेतु प्रतिदिन हजारों लोग उपनगरीय क्षेत्र डूंडा सिवनी के आखरी छोर तक पहुंच रहे हैं. बाल हनुमान मंदिर समिति के संजय यादव द्वारा समस्त श्रद्धालुजनों, माता के भक्तों से माँ भगवती की आराधना एवं गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की है।