कभी भी घटित हो सकती है अप्रिय घटना एप्रोच रोड मे पड़ी गहरी – गहरी दरारे —
केवलारी- मध्यप्रदेश मे पुलो के निर्माण मे भ्रष्टाचार चरम पर है जो कि समझ से परे है। सिवनी मंडला राजमार्ग 11 ए पर सिवनी से मंडला सीमा थांवर नदी तक करोड़ों राशि के पांच उच्चस्तरीय पुलो के निर्माण कर चल रहे है। जिनमे थांवर नदी का पुल को छोड़कर बाकी चार पुलो पर आवागमन चालु हो गया है। पहला पुल 47-48 किलोमीटर मे खैरी मुनगापार सागर नदी पर बना पुल,दुसरा 56-57 किलोमीटर केवलारी बैनगंगा नदी पर बना पुल,तीसरा 60-61 किलोमीटर बोथिया छिपिदहार नाला मे बना पुल ,चैथा 65-66 किलोमीटर गंगाटोला पटपरा नाला में बना पुल ओर पांचवा सिवनी मंडला बार्डर मे थांवर नदी मे बन रहा पुल,ब्रिज कॉरपोरेशन सेतु निर्माण निगम मध्य प्रदेश शासन के द्वारा करोड़ों का ठेका नामी कंपनियों को दिया जाता है, वैसे भारत में सिमिन्डिया लिमिटेड, गेमन इंडिया लिमिटेड जेसे नामी कम्पनिया पुलों का निर्माण करती है समय के साथ अरबो करोड़ो के कामों के लिए राज्य स्तर में भी बहुत सी कंपनिया पैदा हो गई है जो पुल बनाने का काम कर रही है।

सबसे बड़ी समस्या इन कम्पनियों के साथ यह देखी जा रही हैं। ठेका लेकर लोकल ठेकेदारो को पेटी कॉन्टैक्ट मे दिया जाता है जिसके चलते पुलो के डिजाइन ड्रॉइंग एवं तकनीकी पेट्रन मे कमी देखी जा रही है। लोकल कंपनी ठेकेदार के द्वारा अनस्किल्ड वर्करो को पुल निर्माण कार्यों में लगाया जाता है, जिसके चलते पुल गुणवत्ताहीन बन रहे है। जिसका जीयता जागता उदाहरण भीमगढ़ गांव एवं सुनवारा में बेनगंगा नदी पर बना पुल बर्ष 2020 की बाढ़ पिल्लर सहित वह गये। राजतंत्र व परातंत्र शासन काल में बने पुल आज भी अमर ओर ख्यातिलब्ध है। बर्तमान समय मे ठेकेदारी प्रतिस्पर्धा व विभागीय परसेंटेज का फार्मूला ने भ्रष्टाचार की सीमा को लांघ गया है ।सिवनी मंडला राजमार्ग मे सागर नदी, बेनगंगा नदी ,पटपरा नाला मे बने पुल का बर्चुअल कार्यक्रम के तहत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने अपनी विदाई का भबिष्य स्वीकार कर एक साथ प्रदेश स्तर के लाखो अधुरे कामो का उदघाट्न कर दिया, ओर राजनीति दबाब चुनावी शंखनाद के कुछ घंटे पूर्व किये गये लाखो उदघाटन मे ये पुल भी शामिल थे। उदघाटन हुये एक साल हो गये लेकिन अभी भी पुलो के काम पूर्ण नहीं हुये है।उदघाटन के बाद पुल पूर्ण या यु कहे विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से फार्म 7 एमबी मे शतप्रतिशत राशि आहरित कर ली गयी है ।बेनगंगा नदी में बने पुल में तो अभी तक दोनो साइड ना तो सपोटिंग आरसीसी बाल बनी ना ही पिंचिंग हो पाई।बेनगंगा नदी के दोनो साइड पुल एप्रोच मार्ग की अर्थ फिंलिग बर्क तकनीकी बिहीन बनने से रोड पुल से दिनों नीचे हो रही है। बाहन जब पुल पर इंटरी लेते है तब गचका यह साबित कर देते है कि गुणवत्ताहीन अर्थवर्क किया गया हैं ।

बोथिया छिपिदहार नाला मे बनाया गया पुल का तो अभी तक उदघाटन भी नहीं हुआ ओर उदघाटन कराना भी नहीं चाहते यहां कांग्रेसी विधायक को लेकर असमंजस बनाया हुआ है । पुल के दोनो साइड आरसीसी स्पोटिंग बाल का काम एक साइड अपस्ट्रीम साइड पर धीमी गति से चल रहा है डाउन स्ट्रीम साइड में तो ऐसा प्रतीत होता हैं कि दीबाल बनाने की कोई मनसा नहीं हैं । बोथिया हाईस्कूल के किनारे से पुल से बोथिया गांव के तरफ बनायी रोड के नीचे एक साइड से दुसरे साइड में जल निकासी के लिये पुलिया तो बनायी गयी लेकिन पुलिया के किनारे लगभग 50 -60 मीटर एप्रोच रोड की फिंलिग मिट्टी गिर कर जलवहाव को अवरुद्ध कर दिया है ।इस पुलिया के दोनों साइड में भी कंक्रीट बाल बनना था।इसकी जानकारी पूर्व एसडीओ पवन पटवा ने भी दी थी। लेकिन ठेकेदार द्वारा इसे भी नजर अंदाज किया जा रहा है।पुल की एप्रोच मार्ग का घाटिया स्तर का निर्माण कार्य व तकनीकी विहीन बर्क यह बता रहा है की बनी रोड दोनो तरफ कोलेब्स होने लगी ।

जिसके चलते रोड मे लम्बी लम्बी दरारे आ गयी ।ओर ये दरारे यह संकेत दे रही है कि कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। तत्काल इस मामले की उच्चस्तरिय जाॅच कर दोषियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये।