परिजनो ने स्टाफ पर लगाये गंभीर आरोप
सिवनी – सरकार शिक्षा एवं स्वास्थ्य को लेकर बेहद ही संवेदनशील है और इसी बात को लेकर सरकार द्वारा अरबो रूपये इस कार्य के लिए खर्च किये जा रहे है जिसके लिए बच्चो की मृत्यु दर को घाटने लाख जतन किये जा रहे है इसके अलावा प्रसूता माताओ को पूर्ण पोषण आहार मिले इसके लिए सरकार ने एडी चोटी एक कर दी है लेकिन जिन लोगो के हाथो में ये जिम्मेदारी सौपी गई है वे लोग सरकार की इन योजनाओ को पलीता लगाने से नही चूक रहे है।
बच्चे को समय पर उपचार नही मिला
नगर के इंदिरागाॅधी चिकित्सालय में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है इसके पूर्व जिला हास्पिटल से लापरवाही के कई सारे उदाहरण देखने को मिल ही जायेगे लेकिन एक और लापरवाही सोमवार को देखने मिली जहां हास्पिटल में मेटरनिटी वार्ड में समीक्षा प्रीयाशु चैधरी को 3 नवम्बर 24 को भर्ती किया गया जिसके बाद प्रसूता की जजकी की जाती है और एक स्वस्थ्य बच्चे का जन्म होता है जिसके बाद दूसरे दिन चिकित्सको की लापरवाही से नवजात की जान चली गई।
नवजात को बुखार आने पर समय पर उपचार नही मिला
जजकी के लिए भर्ती कराया जाता है जिसके बाद रविवार को एक स्वस्थ्य बच्चे का नार्मल डिलेवरी करा दी जाती है जिसमें जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ्य रहते लेकिन जैसे ही नवजात को टीका लगाया जाता है उसे बुखार आ जाता है जिसके बाद परिजन जब उसके उपचार की बात की जाती है तो उनकी बात को नजरअंदाज किया जाता है जिसके बाद जब बच्चे की हालत जब बिगड जाती है तब स्टाफ नर्स के द्वारा परिजनो को डाट फटकार लगाई जाती है और कहा जाता है कि आपने पहले क्यो नही बताया जबकि परिजनो की माने तो उनके द्वारा बच्चे के उपचार के लिए गुहार लगाई जाती है तो स्टाफ नर्स द्वारा सब ठीक रहने की बात की जाती है और हालत बिगडने पर नवजात की मौत हो जाती है।
चिकित्सालय में बने शौचालय नही है उपयोगी
इसके अलावा परिजनो ने बताया कि हास्पिटल में साफ – सफाई की ठेका जिस कंपनी को दिया गया है उसके द्वारा सही ढंग से काम नही किया जा रहा है इसकी वजह से वाडो में बने शौचालय साफ – सफाई को तरस रहे है जबकि हास्पिटल जैसी जगह पर शौचालय आदि साफ सुथरे रहने चाहिए।
जिम्मेदार नही दे रहे ध्यान जिसका खामीयाजा भुगत रहे मरीज और परिजन
चाहे मरीज हो या परिजन सभी को हास्पिटल से शौच आदि के लिए बाहर जाना पडता है इसके पूर्व भी संवाददूत ने एक अभियान चलाया था जिसमें समय से चिकित्सको का नही पहुॅचने को लेकर सवाल उठे थे इसके पूर्व जिले की कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन ने भी हास्पिटल की व्यवस्थाओ को ठीक करने कहा था लेकिन इसके बाद भी हास्पिटल की दुर्दशा देखने सुनने को मिल रही है नगर के कंडीपार में बने मेडिकल काॅलेज के उदघाटन के अवसर पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने खुले मंच से कहा था कि चिकित्सा क्षेत्र में वही आता है जिसके मन में सेवा भाव होता है लेकिन मरीज और परिजनो के साथ दुव्यवहार किया जाना ये कैसी मानव सेवा है नवजात शिशु की मौत होने के बाद हास्पिटल को पोल खुल गई है अब आगे देखना बाकी है कि इस मामले में जिला कलेक्टर किस तरह की कार्रवाई करती है।