सिवनी – एक समय था जब हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्रीजी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था शास्त्री जी ने हमारे देश के अन्नदाता को करीब से जाना और पहचाना था कि किस तरह की परेशानियो के जूझकर हमारा किसान देश के लोगो के पेट को भरता है किसान ना बरसात देखता है ना ठंडी ना गरमी उसे तो बस इस बात की चिंता होती है कि मेरे खेत का अनाज पक जाये लेकिन जब तक किसान के खेत से अनाज उसके घर तक ना आ जाये गारंटी नही कि खेत में पडा अनाज सुरक्षित है भी कि नही लेकिन वही अन्नदाता की दुर्दशा तो देखिये व्यापारियो का माल टीन शेड के नीचे और हमारे देश के किसान को अनाज की रखवाली करने खुले में सोना पडता है ऐसे समय में जब हम कडकडाती ठंड में जब हम अपने घरो के भीतर रजाई ओढ कर सोते है मंडी प्रशासन टैक्स के पैसे को अन्य कामों में खर्च कर रहा है। मंडी में किसानों के लिए न तो पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध है और न ही परिसर की साफ-सफाई की जा रही है। मंडी में किसान धूल से परेशान है जिससे वृद्ध किसानो को अस्थमा दमा जैसी गंभीर बीमारी होने की आंशका बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार मंडी परिसर में जगह-जगह व्यापारियों ने अपनी फसल फैला रखा है। ऐसे में किसानों को पर्याप्त जगह भी नहीं मिल पा रही है। परेशान किसान ट्रैक्टरों को भी इधर-उधर खड़े करते हैं। मंडी में जो शेड बनाया गया है उसमें किसानो का गल्ला होना चाहिए लेकिन टीन शेड में किसानो को पहले महत्व ना देते हुए व्यापारियो को महत्व दिया जा रहा है जिसमे व्यापारियो का गल्ला रखा है। मंडी प्रशासन की अनदेखी से किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानो का गल्ला खुले में रखा होने से यदि अचानक बारिश हो जाये तो किसानो के लिए भारी परेशानी खडी हो सकती है।