सिवनी – शनिवार को एडीशनल एसपी गुरूदत्त शर्मा ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि हम आज ऐसे अपराध का खुलासा करने जा रहे जो अपने आप में बहुत बडा है विगत अनेक वर्षो से क्षेत्र में छोटी बडी चोरिया हो रही थी जिसका पता नही लग पा रहा था ये लोग चोरी को अंजाम देने के लिए पहले रैंकी किया करते थे जिसके बाद मौका पाकर अपराध को अंजाम देने का का काम करते थे इनके द्वारा कुल 37 चोरिया की गई है जिसमें 28 चोरी के अलावा बाकी चोरी इनके द्वारा पूर्व में की गई है। इनके पास से पुलिस ने दो कार तीन मोटरसाईकिल एक लैपटाप जिसका उपयोग ये रिकार्ड रखने के लिए किया करते थे मोबाईल के अलावा नगद 9 लाख 92 हजार रूपये जप्त किये गए है।

जब पुलिस ने संदेह के आधार पर जय बाघमारे जो कि गगेरूआ का निवासी बताया जा रहा है जिससे पूछताछ की तो उसने अपने साथी कपिल रंगारे जो कि खारी बरघाट का रहने वाला व चोरी का दूसरा आरोपी दीपक रंगारे जो कि गोरखपुर थाना अरी का रहने वाला बताया जा रहा है इनके द्वारा थाना अरी में पाॅच जगहो पर बरघाट क्षेत्र में करीब 15 – 20 जगहो पर नकबजनी की वारदात करने का अपराध स्वीकार किया जिसके बाद पुलिस ने जय बाघमारे को न्यायालय में पेश किया। जिसके बाद नकबजनी के फरार आरोपी कपिल रंगारे और दीपक रंगारे को पुलिस टीम ने पकडा जब हिरासत मेे लेकर पुलिस ने आरोपियो से पूछताछ की तो आरोपियो ने बताया कि वे अपना शौक एवं पुराने केसो मे बरी होने के लिए पैसो की आवश्यकता को पूरा करने के चलते थाना बरधाट में 20,थाना अरी अंतर्गत 05,थाना डूंडासिवनी में 06,थाना केवलारी में चैकी पलारी क्षेत्र में 03,थाना कोतवाली क्षेत्र में 01 व लखनवाडा थाना क्षेत्र में 02 स्थानो पर नकबजनी की घटना को कर नगदी संपत्ति एवं सोने चाॅदी के जेवरात चोरी करना पुलिस के सामने स्वीकार किया इसके अलावा चोरी के आरोपियो ने बताया कि जो जेवरात इनके द्वारा चुराये गए उसे महाराष्ट्र के गढचिरौली जिला जो कि नक्सलप्रभावित जिला है वहां जंगलो में पुलिस कम जा पाती है

वहा जुॅआ खेला करते थे जहां दाॅव में जेवरात लगाते और कैश प्राप्त करते थे उन पैसो से मोटरसाईकिल कार के अलावा शौक की अन्य सामग्री को खरीद लेते थे जिनके पास से कई सारी और भी चीजे जिसमें वारदात को अंजाम देने में उपयोग होने वाले औजार में एक कटर और एक ताला तोडने की राड भी पुलिस ने जप्त की है इसके अलावा दो कार तीन मोटर साईकिल एक लैपटाप और तीन नग मोबाईल भी पुलिस को आरोपियो के पास से मिले है। पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि आरोपी मोबाईल का उपयोग नही किया करते थे जिससे आरोपी पकड में आ सकें। आरोपियो के खिलाफ विभिन्न थानो में अपराध के मामले दर्ज है।

इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन के थाना प्रभारी बरघाट निरीक्षक मोहनीश सिंह बैस, थाना प्रभारी डूंडासिवनी निरीक्षक किशोर वामनकर थाना प्रभारी अरी उपनिरी.आशीष खोब्रागडे, उनि. सत्येन्द्र उपाध्याय, उनि. फुंदूलाल उइके, सउनि बालकृष्ण तिरगाम सउनि, देवेन्द्र जयसवाल, सउनि. शैलेष तिवारी प्र.आर.372 अमर उइके, प्र.आर.223 रविकांत ठाकुर, प्र.आर.05 संतोष प्र.आर.366 शेखर बघेल, प्र.आर. 490 योगेश राजपूत, प्र.आर 473 मतीन खान, आर.575 नेपेन्द्र चैधरी, आर.370 उपन्द्र नागभिरे, आर.651 संजय राहंगडाले, आर.249 राजेन्द्र कटरे, अ र.761 विनोद, आर. 734 उलेश, आर. 597 आभाष, आर.805 उपेन्द्र, आर.389 अजय, आर. 726 प्रवीण, आर.346 दिनेश, आर. 521 हेंमत राहंगडाले, आर.671 पारस तुरकर, आर.671 दिनेश मसकरे, आर. अंकित देशमुख, आर. लकेश पटले, आर. चेतन शर्मा, आर.287 आशीष कोडापे, आर.520 विवेक बाथर आर.699 सीतराम जावरे, आर.678 अखिलेश माहोरे, आ.01 अंशुमन राजपूत, आर. अजय बघेल, आर. विनय चैरिया म.आर. 364 मंजू मासुरकर का विशेष योगदान रहा।