सिवनी – रेलवे स्टेशन पर ऐसी घटना घटित हुई जिसे देखकर जिसने देखा वह कहने पर मजबूर हो गया जाको राखे सांईया मार सके ना कोय और बाल ना बांका कर सके जो जग बैरी होय अर्थात जिसे ईश्वर बचाना चाहता है उसका कोई कुछ भी नही कर सकता ऐसा कुछ एक भावुक कर देने वाली घटना ने इंसानियत और संवेदनशीलता की मिशाल प्रस्तुत की। शनिवार के दिन सिवनी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए सामान्य प्रतीत हो रहा था, लोग अपना – अपना सामान लेकर जिसके साथ बच्चे थे वे अपने बच्चो को लेकर अपनी – अपनी बोगी में जाकर सीट पर बैठ गये जिसके बाद शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन (नंबर 11202) दोपहर 1.40 बजे छिंदवाड़ा की ओर चल पडी।
जिसके बाद ट्रेन बम्होड़ी गांव के पास पहुंची ही थी कि एक दिल को झाकझोर देने वाली घटना घटित हुई जहां पर एक 18 माह की बच्ची अंशिका अचानक गायब हो गई जिसके बाद अभिभावक सकते में आ गये माॅ का तो रो – रो कर बुरा हाल था जिसे सुन यात्रियों और स्थानीय लोगों के दिल को झकझोर कर रख दिया। मामा के पीछे – पीछे चली गई थी
इस मामले में बताया जाता है कि बालिका का मामा भी इस यात्रा में साथ था जो अपनी सीट से उठकर बोगी के दरवाजे की ओर गया जिसके बाद बालिका भी अपने मामा को देखने दूसरी दिशा में चली गई जहां वह दरवाजे नीचे गिर पडी जहां वह गिरने के बाद बाल – बाल बच गई।
स्थानीय युवाओं का साहस और सहायता आई काम
जिसके बाद बम्होड़ी गांव के युवाओं ने मानवियता की एक अनूठी मिसाल पेश की। जैसे ही पटरी किनारे किसी बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी जिसके बाद धर्मेंद्र सनोड़िया, विश्वनाथ यादव और घनश्याम यादव तुरंत वहां पहुंचे जहां से रोने की आवाज आ रही थी उन्होने देखा एक छोटी बच्ची जमीन में पडी – पडी रो रही है जिसके बाद, उन्होंने बच्ची को उठाया और पाया कि उसके हाथ, पैर, कमर और चेहरे पर चोटें आई हैं।

युवाओ ने मानवता और साहस दिखाते हुए तत्काल बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए, वे तुरंत उसे अपनी बाइक पर लेकर शहर पहुंचे। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्होंने रेलवे स्टेशन जाकर रेलवे पुलिस को घटना की पूरी जानकारी दी। रेलवे पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन को सूचित किया।