सिवनी – अवैध निर्माण कार्य तथा अनैतिक रूप से राशि प्राप्त करने के संबंध में एक आवेदन कलेक्टर का सौपते हुए आगे केदारसिंह राहंगडाले, मखराहाकार रामचंद्र महाराज जी ट्रस्ट धपारा (गंगेरुआ) ने बताया कि मेरे द्वारा आपके समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर अनुरोध प्रस्तुत किया था जिसके फलस्वरूप आपके आदेश पत्रिका दिनांक 15 जनवरी 2008 में दिए गए निर्देशानुसार उक्त ट्रस्ट की भुमि खसरा नम्बर 223 रकबा 1.55 हे0 में से 0.06 हे0 (6458.35 वर्गफुट) में बस स्टैण्ड निर्माण कार्य तथा 0.06 हे0 (6458.35 वर्गफुट) भूमि पर दुकान, काम्प्लेक्स तथा 0.01 हे0 (1076.39 वर्गफुट) भुमि पर मूत्रालय, शौचालय निर्माण कार्य की अनुमति प्रदान की गई थी।
परन्तु उक्त ट्रस्ट द्वारा उपर लिखे गए समस्त आदेश की अवहेलना करते हुए नियम विरुध्द तरीके से दुकानों के कमरों का निर्माण कार्य व राशी प्राप्त की गई जिसका विवरण निम्नानुसार है – कुल भुमि 1.55 हे0 (161458.656 वर्गफुट) में पूर्व में भी आय प्राप्त करने की मनसा से निर्माण कार्य कराया गया था तथा उक्त आदेश के पश्चात 74 कमरो (दुकानो) हेतु का अनुबंध 20000 – रूपये प्रति कमरे के अनुसार किया गया जिसमें उक्त ट्रस्ट को 14,80,000 – रूपये प्राप्त हुए।

परन्तु उक्त दुकानों के कमरों के आकार 15 Û 10 = 150 वर्गफुट अनुबंध अनुसार केबल 43 कमरे ही बनाये जा सकते थे। उक्त परिस्थिति में उक्त ट्रस्ट द्वारा विषयांतर्गत वर्णित आदेश की अवहेलना करते हुए 74 कमरों का निर्माण व अनुबंध कर राशी प्राप्त की गई, साथ ही उक्त ट्रस्ट की भुमि पर पूर्व से ही लगभग 40 कमरों का निर्माण किया जा चुका था तथा विषयांतर्गत वर्णित आदेश के पश्चात लगभग 100 नये कमरों का निर्माण किया गया है जिसमें केवल 74 कमरों का अनुबंध कर राशी प्राप्त की गई। उक्त प्रक्रिया के फलस्वरूप मंदिर प्रांगण तथा सार्वजनिक उपयोग हेतु (मंडई- मुला) आदि कार्यक्रमों हेतु भुमि शेष नही है जिससे आम जनता को सामाजिक कार्यक्रमो को सुचारू रूप से करने में परेशानी हो रही है। आगे आवेदक ने बताया कि उक्त ट्रस्ट द्वारा पूर्व में भी ट्रस्ट की भूमि पर ग्राम पचायत धपारा के मदो से प्राप्त राशी से सीमेंट – कांक्रीट सडक का निर्माण कराया गया जिसमें सक्षम अधिकारियो द्वारा स्थगन की कार्रवाई की गई थी जिसकी जाॅच आवश्यक है साथ ही उक्त कमरों के अनुबंध अनुसार सिर्फ एक ही तल का निर्माण किया जाता है परन्तु कुछ दुकानों में दुसरे तल का भी निर्माण किया गया है जो कि अनुबंध की कंडिका क्रंमाक 3 का उलंघन है। इस मामले में आवेदक मृदुल मोषन मेश्राम ने उक्त भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाते हुए आम जनता के हितो का ध्यान में रखकर कार्रवाई करने की मांग की है।