सिवनी – 1947 को भारत ब्रिटिश से मुक्त हो गया था लेकिन गणतंत्र के तौर पर उसकी स्थापना 26 जनवरी 1950 को हुई थी जिसके बाद से गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी शासकीय कार्यालयो और शिक्षा संस्थानो और घरो में तिरंगा फहराया जाता है लेकिन हमारे जिले के पलारी स्थित बैंक आॅफ महाराष्ट में 26 जनवरी 2025 को सबेरे के समय झंडा नही फहराया गया जिसके बाद बैक कर्मी विशाखा कटरे से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होने बताया कि जिस मकान में बैंक स्थित है उस स्थान पर झंडा फहराने के लिए जगह पर्याप्त नही है इस कारण झंडा भवन की छत पर फहराया जाता है लेकिन सबेेरे हमारा स्टाफ झंडा फहराने बैंक गया तो वहा भवन के स्वामी ने झंडा फहराने भवन की छत पर जाने से मना कर दिया इस कारण झंडा नही फहराया जा सका जिसके बाद जब प्रभारी प्रबंधक से झंडा फहराने का कारण पूछा गया जिसके बाद आनन – फानन में 2 बजकर 44 मिनिट झंडा फहराया गया। जिसके बाद अब भवन के स्वामी से बात की गई और पूछा गया कि आपने तिरंगा फहराने से बैक वालो को क्यो मना किया तो उन्होने बताया कि सबेेरे बैक का कोई भी कर्मचारी झंडा फहराने नही आया और मै तिरंगे का अपमान कैसे कर सकता हॅू। लोगो ने इस बात का विरोध किया संवाददूत ने झंडा ना फहराने का कारण पूछा गया जिसके बाद पूरी मनगढंत कहानी बनाई गई । अब देखना बाकी है कि इस मामले में प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है और दोषियो के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।

तिरंगा फहराने के कुछ नियम इस प्रकार है ा

तिरंगा सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले फहराएं.

तिरंगे को जमीन पर न रखें, यह अपमान है.

तिरंगे पर कभी भी किसी तरह की कोई लिखावट नहीं करनी चाहिए

तिरंगे को कभी भी उल्टा नहीं फहराना चाहिए. भारतीय ध्वज को फहराने के दौरान भी ध्यान रखें कि वो उल्टा न हो.

कभी भी तिरंगे को जलाना या फाड़ना नहीं चाहिए. उसे मोड़कर रखने से भी उसका अपमान होता है. आप उसे अच्छी तरह से फोल्ड करके रख सकते हैं.

तिरंगे को कभी पानी में भी नहीं डुबाना चाहिए.

तिरंगे को फहराने के बाद एक मिनट का मौन और सलामी देनी चाहिए.

भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, तिरंगे को कहीं भी लगाते वक्त उसकी केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए.

फटा या गंदा हुआ फ्लैग प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए. ऐसा करना दंडनीय अपराध है.

26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है. संविधान में इसे झंडा फहराना कहा जाता है.