जहां स्त्री का सम्मान नही वहा देवता दूर – दूर तक फटकते तक नही है।
सिवनी – हमारे धर्म ग्रन्थो की बात करें या सृष्टि की उत्पत्ति की तो सबसे पहले माॅ का स्थान होता है क्योकि यदि सृष्टि ना होती तो हम सबको आश्रय कौन देता कौन खाने को अनाज देता,इस बात से इतना तो स्पष्ट है कि दुनिया में सबसे पहले स्थान यदि है तो वह स्त्री है वह किसी कि माॅ है किसी की बहन है तो किसी की पत्नि है इसी बात को लेकर हमारे धर्म ग्रन्थो में भी महिला का स्थान सबसे उपर है उसमें भी माॅ को सर्वोपरी माना है और कहा भी गया है जहां स्त्री की पूजा होती है वहा देवता भी वास करते है जहां स्त्री का सम्मान नही वहा देवता दूर – दूर तक फटकते तक नही है।
इन्ही सब बातो को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा महिलाओ के लिए कई सारी योजनाये चलाई जा रही है महिलाओ का उत्थान हो सके जिसके लिए राजनीति हो नौकरी हो या अन्य दूसरे काम सबमें उनके लिए प्रावधान सुरक्षित है लेकिन देखने में आ रहा है कि उन्ही महिलाओ के साथ आज के आधुनिक युग जब हमारे देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू है तो वही हमारी जिले की कलेक्टर भी सुश्री संस्कृति जैन है इसके अलावा हमारी जिला पंचायत की अध्यक्षा भी महिला तो वही बात करे भाजपा की जिलाध्यक्ष भी महिला ही है।
हमसे रोजगार गांरटी के तहत पंचायत द्वारा नाली की सफाई कराई जा रही है
आपको बता दे बरघाट जनपद के ताखलाकलाॅ में गत दिनो देखने में आया कि वहा की महिलाये गाॅव के अंदर रोड के किनारे बैठी हुई थी हमने अनायास पूछ लिया कि आप लोग काम करके आ रहे है क्या ,आपको लंच का अवकाश मिला है, तो उन्होने जवाब दिया कि नही हम लोग गाॅव की नाली साफ कर रहे है हमसे रोजगार गांरटी के तहत पंचायत द्वारा नाली की सफाई कराई जा रही है जब हमने ग्राम पंचायत के सचिव और उपसरपंच से पूछा तो उन्होने बताया कि आगे गणतंत्र दिवस है जिसके चलते हम ग्राम की सफाई करवा रहे है। क्या प्रावधान के तहत और सही मायने में बात करे तो क्या यह उचित है नही।
महिला मजदूरो ने बताया कम मिलती है मजदूरी
महिला मजदूरो ने बताया कि रोजगार गारंटी के तहत हमें मजदूरी कम मिलती है कारण पूछने सचिव ने बताया कि नियम के तहत कम खंती खोदने पर जितनी मजदूरी बनती उतनी दी जाती है इस कारण मजदूरी कम बनती है तो वही महिलाओ ने बताया कि खंती जहां खोदने दिया जाता है जिसकी मिटटी दूर डालने कहा जाता है इसलिए समय पर काम कम होता है इसके साथ कही – कही की जमीन मुरम वाली होती है या पत्थर वाली इस कारण खंती पूरी नही खुदती इस कारण भी मजदूरी कम बनता है।
प्रशासन इस मामले में जिले में जितनी भी ग्राम पंचायते है वहां पर ग्राम पंचायत के तहत जो भी काम होते है उनमें महिलाओ के लिए काम का प्रावधान करे कि महिलाओ से किस तरह का काम कराया जाय जिससे उन्हे उनकी मेहनत का पूरा मेहनताना मिल सके इसके अलावा उन्हे उनके अधिकार प्राप्त हो सके।







