सिवनी – मुख्यालय से नगर समेत क्षेत्र में सब्जी थोक सब्जी मंडी के माध्यम से व्यापारी खरीदकर ले जाते है जहां पर वे सब्जी को चिल्लर में बेचने का काम करते है। लेकिन जिस सब्जी मंडी में दूर – दराज से लोग सब्जी लेने आते है उनके लिए किसी तरह की मूलभूत व्यवस्था नही है जबकि मंडी बोर्ड द्वारा हर चिल्लर व्यापारी हो या थोक व्यापारी सभी से टैक्स की वसूली की जाती है जो टैक्स वसूला जाता है उसका हिसाब – किताब सिर्फ कागजो में बंद कमरे में बनाया जाता है कुल मिलाकर कहे तो चित्त भी मेरा और पटट भी मेरा अर्थात सरकार से तनख्वाह भी लो और मंडी से भी कमाओ सरकार को ठेंगा दिखाने काम मंडी में किया जा रहा है।
दिन दो गुने और रात चैगुने बढ रहे अवैध कब्जे
मंडी परिसर में वैद्य सब्जी व्यापारी कितने है और अवैध कितने है इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है क्योकि सब्जी मंडी सिर्फ थोक सब्जी व्यापारियो के लिए स्थापित की गई है जहां से चिल्लर व्यापारी सब्जी खरीदकर नगर समेत क्षेत्र में सब्जी का चिल्लर व्यापार कर सकें लेकिन मंडी बोर्ड के अधिकारियो की कृपा बरसने से यहां पर लोग अवैध रूप से कब्जा कर कुछ लोग थोक एवं कुछ लोग चिल्लर सब्जी का व्यापार कर रहे है इस मामले में मडी बोर्ड द्वारा किसी तरह का कदम क्यों नही उठाया जा रहा है यह समझ से परे है।
पूरी मंडी में हो रहा सब्जी का थोक एवं चिल्लर व्यापार
पूरी सब्जी मंडी में थो एवं चिल्लर सब्जी का व्यापार धडल्ले से जारी है आपको बता दे इस मंडी में पाॅच एकड भूमि पर सब्जी एवं ढाई एकड भूमि में थोक फल मंडी बनना था जिसके लिए बाकायदा टीन शेड भी बनाये गए है लेकिन देखने में आ रहा है कि सब्जी मंडी में सब्जी वाले तो व्यापार कर ही रहे है लेकिन थोक फल बेचने वालो के शेड में भी सब्जी का व्यापार हो रहा है।
हर जगह अवैध कब्जे ही कब्जे
थोक सब्जी मंडी में व्यापारियो के लिए पक्की दुकानो का निर्माण कराया गया है जिसके अंदर बैठकर सुरक्षित रूप से व्यापारियो को व्यापार करना चाहिए लेकिन देखा जा रहा है कि जो दुकाने बनी है व्यापारियो के द्वारा दुकाने आगे एवं पीछे लोगो के चलने के लिए बनाये गए रास्ते पर कब्जा कर उन जगहो को चिल्लर सब्जी वालो को किराये पर देकर सब्जी का चिल्लर व्यापार कराया जा रहा है साथ ही लोहे की जाली लगाकर दुकानदारो के अवैध रूप से कब्जा कर रखा है इस मामले में मंडी बोर्ड की जिम्मेदारी बनती है लेकिन मंडी बोर्ड द्वारा क्यों कार्रवाई नही की जा रही है यह बहुत बडा प्रश्न है।
बडे – बडे वाहन खडे रहते है मंडी के अंदर
मंडी में अन्य शहरो से सब्जियाॅ ट्रको में भरकर आती है जिसके बाद ये वाहन मंडी से बाहर हो जाने चाहिए लेकिन मंडी बोर्ड के अधिकारियो की दयादृष्टि कहे या कृपा बरसने से सब चल रहा है ।
अक्सर हो रही है चोरियाॅ
थोक सब्जी मंडी में अराजकता बढती जा रही है आये दिन लोगो के मोबाईल चोरी हो रहे है तो किसी के पर्स गायब हो रहे है जबकि सारी सुरक्षा का जिम्मेदारी मंडी बोर्ड की है लेकिन इससे इन्हे क्या लेना देना इनका तो एक ही काम अपना काम बनता भाड में जाए जनता इसलिए तो इन्हे सिर्फ अपना जेब भरने से मतलब है।
थैला भर – भरकर पहुॅचाई जाती है अधिकारियो के यहंा सब्जी
सरकार द्वारा मंडी बोर्ड के कर्मचारियो को तनख्वाह दी जाती है लेकिन इसके बावजूद भी मंडी बोर्ड में कुछेक ऐसे अधिकारी कर्मचारी है जिनके घर रोज फ्री में मंडी से थैला भर – भरकर मंहगी – मंहगी सब्जी सलाद के लिए ककडी,गाजर और मूली के अलावा फलो में आम केला और जो भी मौसमी फल मंडी में आते है वह उनके घर पहुॅचाये जाते है। आखिर सरकार इन्हे पगार किस बात की देती है जब इन्हे सब्जी यहां से फ्री मे लेना पैसा भी अलग से चाहिए तो फिर तनख्वाह किस बात की यह भी बहुत बडा सवाल है।
टैक्स के पैसो का होता है खेला
मंडी बोर्ड द्वारा थोक सब्जी मंडी में कुल मिलाकर चिल्लर और थोक व्यापारियो की संख्या लगभग 1500 के आसपास होना चाहिए जिनसे मंडी बोर्ड रोजाना टैक्स भी वसूलता है जिसकें मुश्किल से 10 प्रतिशत व्यापारियों की पर्ची काटी जाती है शेष का पैसा कहां जाता है आप समझ ही गए होंगें क्या सरकार इन्हे इसी बात की तनख्वाह देती है क्या आपको बता दें इसमें बाकायदा सबका हिस्सा होता है छोटा से लेकर बडे तक का तभी तो कोई मुॅह नही खोल पाता। प्रशासन द्वारा पूरे मामले की जाॅच कर दोषियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
कुछेक कर्मचारी तो सिर्फ तनख्वाह पर करते है गुजारा
मंडी बोर्ड की बात करें तो कुछेक कर्मचारी तनख्वाह पर निर्भर रहते हुए अपने परिवार का पालन पोषण करते है लेकिन सूत्र बताते है कि कुछ अपवादस्वरूप अधिकारी है जिनके करोडो रूपयो के आलिशान बंगले है दूसरेे जिले समेत अनेक जगहो पर उनके द्वारा अपने नजदीकी रिश्तेदारो के नाम पर करोडो रूपयो की अचल सम्पत्ति बनाई गई है आखिर हजारो में तनख्वाह पाने वाले चंद बरषो में करोडो के आसामी कैसे बन गए यह बहुत बडा यक्ष प्रश्न है।
क्या – क्या होना चाहिए मंडी में
थोक सब्जी मंडी में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था,शौचालय,वेयर हाउस,कैंटिन पुलिस चैकी समेत अन्य व्यवस्थाये होना चाहिए जो कि प्रस्तावित था लेकिन व्यापारियो से सिर्फ मंडी बोर्ड के द्वारा टैक्स वसूला जाता है वो भी आधा तेरा आधा मेरा की तर्ज पर चल रहा है और व्यापारी सिर्फ टैक्स देने तक सीमित रह गया है।

किसने क्‍या कहा
इस मामले में जब मंडी के सचिव को फोन लगाया गया तो उन्होने फोन नही उठाया लेकिन जब एसडीएम मेघा शर्मा से बात की गई तो उन्होने बताया कि मेरे द्वारा तीन बार मंडी बोर्ड को कार्रवाई करने के लिए सूचित किया गया है मै फिर एक बार बोलती हॅू।