सिवनी – (वल्र्ड वाइड फंड फॉर नेचर) के मुख्य उद्देश्य पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण के क्षरण को रोकना और एक ऐसा भविष्य बनाना है जिसमें मनुष्य प्रकृति के साथ सद्भाव में रहें. इसके लिए, डब्लूडब्लूएफ निम्नलिखित मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है लेकिन पूरे भारत में शासकीय भूमि पर हो रहे अवैध कब्जो के कारण जंगली जानवरो का आवासिय क्षेत्रो में आ जाना जिससे जंगली जानवरो के द्वारा कोई भी मानव उसका शिकार हो जाता है आखिर कैसे रूकेगा अतिक्रमण।
जैव विविधता का संरक्षण
लुप्तप्राय प्रजातियों और उनके आवासों की रक्षा करना, वनों, महासागरों और मीठे पानी के निकायों जैसे प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना कुछ इस तरह के कार्य है डब्लूडब्लूएफ के लेकिन इस पर भी चर्चा की गई जिसमें कई तरह की चिटिया पक्षी मानो गायब से हो गए इसके बहुत से कारण हो सकते है इस पर कितना कार्य डब्लूडब्लूएफ कर रहा है।
प्रदूषण और अपव्यय को कम करना
प्रदूषण को कम करना और संसाधनों का अपव्यय कम करना, जिससे मानव और पर्यावरण दोनों को लाभ हो इसी बात को लेकर वन्य प्राणियो की रक्षा के लिए जितने भी राष्ट्रीय स्तर के पार्क है वहा कम से कम प्रदूषण किये जाने का प्रावधान है।
पर्यावरण के अनुकूल नीतियों को बढ़ावा देना
समुदायों और सरकारों को पर्यावरण के अनुकूल नीतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना इसके लिए समय – समय पर कार्यशालाये आयोजित की जाती है जिससे कि लोगो में वन एवं वन्य प्राणियो के प्रति जागरूकता बढे और वनो की रक्षा की जा सकें जिससे वन्य प्राणी सुरक्षित रह सकें।
वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित संरक्षण
संरक्षण गतिविधियों को वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित करना और सीखे गए सबक से भविष्य के कार्यों के लिए मार्गदर्शन लेना कुछ इस तरह के कार्य भी डब्लूडब्लूएफ की टीम के द्वारा किये जा रहे है।
डब्लूडब्लूएफ इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल है, जैसे कि प्रजातियों और उनके आवासों का संरक्षण के तहत बाघ, हाथी, गैंडा, समुद्री कछुए और अन्य वन्यजीवों की रक्षा के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे है।
वन संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य
वनों की हो रही अधांधुध कटाई को रोकना इसके अलावा टिकाऊ वन प्रबंधन को बढ़ावा देना लेकिन इसके बावजूद भी वनों की कटाई रूकने का नाम नही ले रही है।
इसके अलावा समुद्र में पलने वाले जीवो के सरंक्षण एवं समुद्र में फैल रहे प्रदूषण को रोकने के भी प्रयास डब्लूडब्लूएफ के द्वारा किये जा रहे है।
इस अवसर पर पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीशसिह और डब्लूडब्लूएफ संगठन की ओर से कार्यशाला के संबोधित करने के लिए संकेत भाले,नेहा सिन्हा,सौम्रित भटटाचार्य,संदीप चैाकसे और स्नेहा तिवारी उपस्थित हुए जिन्होने बताया कि हमें वन्य जीवो की जीवन शैली एवं उनकी शारीरिक बनावट के हिसाब से कही हमारी सुख सुविधाओ के चलते उनकी जीवन शैली तो प्रभावित नही हो रही है इस बात का भी ध्यान रखना होगा साथ ही यह भी समझना होगा कि आखिर जानवर हिंसक क्यों होते है इन कारणो को भी जानना जरूरी है साथ ही कही ऐसा तो नही कि हमने उनकी रहने खाने की जगहो पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया इसलिए उनकी जीवन शैली प्रभावित हो रही है जिसके कारण वन्य जीवो का आवासिय क्षेत्रो की ओर आना स्वाभाविक सी बात है।