पत्रकार संगठनो ने जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा है
सिवनी 28 अक्टूबर 2025 – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव एवं गृहमंत्री के नाम पत्रकार संगठनों ने सैकड़ो पत्रकारों के साथ जाकर कलेक्ट्रेट कार्यालय में जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें पत्रकार संगठनों ने उल्लेख किया है कि सिवनी जिले में कार्यरत पत्रकार निष्पक्षता और निर्भीकता के साथ जनता की आवाज- प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार भी समय-समय पर पत्रकारों के मान सम्मान की बात करते आई है,
प्रदेश सरकार भी समय-समय पर पत्रकारों के मान सम्मान की बात करते आई है, परंतु दुर्भाग्यवश जमीनी स्तर पर कई बार पत्रकारों के साथ दोहरा रवैया अपनाया जाता है। कभी उन पर हमले किए जाते हैं, तो कभी बिना जांच के झूठे प्रकरण दर्ज कर उन्हें परेशान किया जाता है। इस प्रकार की कार्यवाही से लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है।
ज्ञापन में आगे उन्होंने उल्लेख किया है कि सिवनी कोतवाली पुलिस द्वारा अपराध क्रमांक 899/2025 में धारा 121(1), 132, 221, 296, 324(4), 351(3) 191(2) के अंतर्गत लगभग 08-10 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें दैनिक शिवनी न्यूज के संपादक अजय ठाकरे का नाम भी शामिल किया गया है। जबकि श्री ठाकरे उस समय मात्र समाचार कवरेज के उद्देश्य से मौके पर उपस्थित थे।
अजय ठाकरे, संपादक दैनिक सिवनी न्यूज के विरुद्ध दर्ज प्रकरण की पहले निष्पक्ष जांच कराई जाए,
यहां यह उल्लेखनीय है कि कोतवाली पुलिस दल द्वारा अजय ठाकरे के निवास पर जाकर उनको गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल पत्रकारों की स्वतंत्रता पर कुठाराघात है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध भी है। अतः अजय ठाकरे, संपादक दैनिक सिवनी न्यूज के विरुद्ध दर्ज प्रकरण की पहले निष्पक्ष जांच कराई जाए, जांच पूरी होने से पूर्व उनके परिवार को किसी भी प्रकार से परेशान न किया जाए एवं पुलिस बल द्वारा उनके निवास पर जाकर कार्यवाही का भय प्रदर्शित न किया जाए, प्रदेश के पत्रकार संपादक, संवाददाता, ब्यूरो प्रभारी, स्ट्रिंगर एवं फील्ड में कार्यरत प्रेस फोटोग्राफर की सुरक्षा हेतु विशेष कानून बनाया जाए, किसी भी पत्रकार के विरुद्ध यदि शिकायत प्राप्त होती है, तो उस पर राजपत्रित अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराए जाने के बाद ही किसी भी प्रकार की एफआईआर या कार्रवाई की जाए, प्रदेश में कार्यरत पत्रकारों को भीड़ का हिस्सा न मानते हुए, बिना जांच के षड्यंत्रपूर्वक एफआईआर दर्ज किए जाने पर रोक लगाई जाए।
ज्ञापन में आगे बताया गया है कि उपर्युक्त बिंदुओं पर सद्भावनापूर्वक विचार कर आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें, ताकि प्रदेश के पत्रकार अपने दायित्वों का निर्वहन भयमुक्त होकर कर सकें। ज्ञापन की प्रतिलिपि पुलिस महानिदेशक भोपाल, पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर, उप पुलिस महानिरीक्षक छिंदवाडा को भी प्रेषित की गई है।







