सिवनी – कार्तिक माह के पूर्ण चन्द्र दिवस को कार्तिक पूर्णिमा, पूनम, पौर्णमी तथा पूरणमासी आदि नामों से सम्बोधित किया जाता है। वैसे तो पूर्णिमा हर महीने में आती है लेकिन कार्तिक महीने की पूर्णिमा का सर्वाधिक महत्व माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने की विशेष परंपरा है। इसके साथ ही इस दिन देव दीवाली और गुरु नानक जयंती पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन तुलसी पूजन करने का भी विशेष महत्व माना गया है। चलिए आपको बताते कार्तिक पूर्णिमा के दिन शाम की पूजा का विशेष महत्व इस दिन लोग संध्याकाल में भगवान शिव और भगवान विष्णु की विधि विधान पूजा करने के बाद घर के अंदर और बाहर दीपक जलाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। यदि यह संभव न हो, तो घर में स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना का विशेष महत्व होता है।
पूजा के समय भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते, धूप, दीप, चंदन, रोली, अगरबत्ती, अक्षत, फूल, पंचामृत, फल और नैवेद्य अर्पित करना चाहिए साथ ही भगवान शिव को जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा जरूर चढ़ाएं। और घर के विभिन्न स्थानों पर दीपक जलाएं और भगवान की आरती करें। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें। चालिए आपको बताते है कार्तिक पूर्णिमा का महत्व – कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। कहते हैं इसी दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था जिसके बाद देवताओं ने पृथ्वी पर आकर दीपों के माध्यम से शिव का विशेष स्वागत किया था। इसलिए इस दिन दीपदान का विशेष महत्व माना जाता है। नगर से नागपुर रोड पर स्थित सीलादेही जहां ब्रम्हलीन द्विपीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की कृपा से अन्नपूर्णा देवी की स्थापना की गई जिसके बाद अनेको श्रद्धालुओ के परिश्रम और सहयोग से यह स्थान एक तीर्थ के रूप में देखा जा सकता है। जहां नगर से सात किलोमीटर दूर सीलादेही की वैष्णवी पहाड़ी में मां अन्नपूर्णा का दर्शन-पूजन करने श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उमडा। 18 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान का समापन कार्तिक पूर्णिमा पर बुधवार को विधि-विधान से हवन-पूजन, महाआरती, भंडारे व भजन संध्या के साथ कार्यक्रम को विश्राम दिया गया । तो वहीं बुधवार की प्रातःकाल की बेला पर भारी तादाद में श्रद्धालुगण माॅं वैनगंगा नदी के तट स्थित लखनवाड़ा छपारा सहित अन्य प्रमुख नदियों में दीपदान भी करने पहुंचे। सीलादेही में बड़ी संख्या में लोगों ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया।
भगवान शिव का पूजन का महत्व आज के दिन बताया गया है तो वही सीलादेही की पहाडी पर विराजीत माॅ अन्नपूर्णा जो साक्षात जगतजननी जगदम्बा महारानी है सारे जगत का अन्न भंडार भरने की कामना से स्थापित मां अन्नपूर्णा देवी को छप्पन भोग अर्पित किए गए, श्रद्धालुओं ने मातारानी के मंदिर में माथा लगाकर आर्शीवाद प्राप्त किया। मां वैष्णवीदेवी धाम के सेवादार समिति के सदस्यों ने बताया कि कन्या भोजन के बाद मां अन्नपूर्णा के भंडारा प्रारंभ किया गया, जो भक्ति से ओतपोत भजन कार्यक्रमों के साथ देर शाम तक निरंतर जारी रहा। भारतीय जनता पार्टी द्वारा 5 नवंबर को कारीरात से प्रारंभ की गई एकता पद यात्रा का समापन सीलादेही पहाड़ी में समारोहपूर्वक किया गया। विधायक दिनेश राय मुनमुन ने निधि से स्वीकृत 15 लाख रुपये टीन शेड निर्माण कार्य भूमिपूजन भी किया। कार्यक्रम में सांसद भारती पारधी के अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष मीना बिसेन,युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष वैभव पंवार,टिंकू ठाकरे,बाबा पांडे, गोमती ठाकुर,रूक्मणी सनोडिया,जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी उपस्थित रहे।
प्राकृतिक वातावरण का लिया आनंद – ब्रह्मलीन द्विपीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाराज द्वारा पूजित मां वैष्णवी देवी धाम सीलादेही में प्रतिवर्ष धनतेरस से मां अन्नपूर्णा महोत्सव प्रारंभ किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर दोपहर 2 बजे से प्रारंभ हुए मां अन्नपूर्णा के महाप्रसादी (भंडारा) में भक्तों को दाल-बाफले, कढ़ी-पुलाव, हलुआ-खीर इत्यादि परोसा गया। रमणीय धार्मिक स्थल पर शहरवासियों ने परिवार सहित पहुंचकर देवी मां का दर्शन किया। भक्ति गीत-भजनों की प्रस्तुति स्थानीय कलाकारों दी गई। यह स्थल रमणीय धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। चारों ओर हरियाली व नैसर्गिंक सुंदरता का अभूतपूर्व प्राकृतिक छटाओ के बीच यह स्थल यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओ को सुकून देती है। वन विभाग ने सीलादेही पहाड़ी को नगर वन के रूप में विकसित कर इसे सैर सपाटे के लिए अनुकूल बनाया है। जहां बच्चो के लिए झूले, फिसलपटटी,सीसो के अलावा सुंदर गार्डन परिवार, मित्रों के साथ बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने पहाड़ी की ऊंचाई से दूर-दूर तक फैली हरियाली के विहंगम नजारे का आनंद लिया। जहां से आप नगर के आसपास के नजरे का आनंद ले सकते है।