सिवनी – आज हम 21 वी सदी में जीवन यापन कर रहे है जहां पर जात पात छुआ छूत और दकीयानूसी कानून लगभग ना लोग मानते है और ना ही किसी को इन सब को करने की छूट है और जो इन नियमों को जबरन किसी से मनवाने के लिए किसी को बाध्य करता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जाती है लेकिन आज भी कुछेक अपवाद स्वरूप दबंग और कुंठित मानसिकता के लोग इन नियमो को मनवाने गरीबो को बाध्य करते है और इसके लिए ये लोग भोले भोले गरीब आदिवासियों का सहारा लेते हुए उन्हे ढाल की तरह इस्तेमाल करते है ताकि समय आने पर सामने वाले ने इनकी बात ना मानी तो वे किसी भी मामले में इन्हे फॅसा सकें। कुछ इसी तरह का एक मामला प्रकाष में आया है जहां कुरई जनपद अंतर्गत मामला आदिवासी बहुल विकासखंड कुरई के ग्राम पंचायत पिंडरई का है जहा एक कच्ची पगडंडी के लिए बीच खेत एवम् धान की फसल को नष्ट करके रोड बनाने की बात को लेकर सरपंचपति मुरली कुमरे द्वारा भू स्वामी मनोज मंडलेकर को जान से मारने की धमकी दी गई ।
ग्राम पंचायत पिंडरई से ग्राम बावली के लिए सीधे कच्ची सड़क का उपयोग किया जाता था , लेकिन 102 वर्ष बाद किसान द्वारा सीमांकन करवाया गया जिसमे खसरा नंबर 120/3 भू स्वामी पूर्णिमा डहरवाल की बीच जमीन से पिंडरई से बावली का रास्ता बनाया गया है उसी उसी भू स्वामी की जमीन पर शासकीय माध्यमिक विद्यालय भी बनाया गया है । जिसकी जानकारी के बाद भू स्वामी पूर्णिमा डहरवाल द्वारा बीच खेत से रास्ता ना देकर खेत के किनारे से रास्ता देने की बात कही लेकिन कुछ आदिवासी समाज के लोग भू स्वामी पर दबाव बना रहे है की वो अपनी धान की फसल नष्ट करके उन्हे बीच खेत से रास्ता दे , जब मामला सरपंच पति मुरली कुमरे के पास पहुंचा तो कुमरे द्वारा भूस्वामी के साथ फोन कॉल पर गाली गलौच की गई एवम जान से मारने की धमकी दी गई ।
’मामला सांप्रदायिक हिंसा में ना बदल जाए’
मामला जिस जगह का है वह ग्राम पंचायत पिंडरई के सुनारी टोले का है जहा 90 प्रतिषत जनसंख्या आदिवासी समाज की है , एवम् भूस्वामी गैर आदिवासी है । ऐसे में आदिवासियों द्वारा महिला मंडल बनाकर भूस्वामी को प्रताड़ित किया जा रहा है एवम बीच खेत से रास्ता ना देने के कारण आदिवासी समाज की महिलाओं द्वारा भूस्वामी का सामाजिक बहिष्कृत किया जा रहा है एवम नियम लागू किया गया है कि उक्त किसान पूर्णिमा डहरवाल पति मनोज डहरवाल के परिवार से अगर कोई व्यक्ति बात करता है तो उस पर 15000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा , इस नियम के बाद भूस्वामी मनोज डहरवाल का बहिष्कृत किया गया । अब मनोज डहरवाल महाजन टोला निवासी है जहा की सबसे ज्यादा जनसंख्या ओबीसी वर्ग की है जहां पर दोनो समाज के बीच आक्रोश फेल गया है । अगर इस समस्या का निराकरण तत्काल नही किया जाता है तो ग्राम पंचायत पिंडरई में दोनो समुदायों के बीच अंषाति की स्थिती पैदा हो सकती है इस मामले में पीडित ने पुलिस थाना कुरई में दिये अपने षिकायती पत्र में बताया है कि ग्राम पिंडरई के जितेन्द्र बोपचे तामसिंह गौड एवं कला पति गेंदलाल द्वारा पगडंडी रास्ता के उपर से आने जाने से मना किए जाने पर विवाद करने के संबंध में षिकायत की है आगे पीडित ने बताया है कि वह एवं दबंग लोग एक ही ग्राम के रहने वाले है उक्त मामले को लेकर अपषब्दो का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी दी जा रही है जिससे वह बुरी तरह भयभीत है और उक्त दबंगो के द्वारा पीडित परिवार के साथ दुव्र्यहार किया जा रहा है इसके अलावा दंबगो के द्वारा कहना नही मानने पर एससीएसटी मामले में फॅसा देने की भी धमकी दी जा रही है इसके अलावा दबंगो द्वारा महिलाओ को ढाल बनाया जाकर उन्हे आगे किया जा रहा है इसके साथ ही झूठे इल्जाम में पीडित को फंसा देने की भी धमकी दी जा रही है पीडित गरीब किसान अपने खेत के किनारे से रास्ता देने के लिए तैयार है लेकिन ग्राम के दंबग लोग पीडित के बीच खेत से रास्ता लेने की जिद पर अडे हुए है चुकि पीडित के पास थोडी सी ही जमीन है जिससे वह अपने परिवार के बच्चो का पालन पोशण करता है। पीडित ने पुलिस प्रषासन से दोशीयो के खिलाफ जाॅच कर कार्रवाई करने की मांग की है। अब आगे देखना बाकी है कि प्रषासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है।