नाम किसी का पैसा किसी के खाते में कैसे चला गया
सिवनी – ग्राम पंचायत गुर्रा में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है जिसमें शिकायत के बाद भी अधिकारियो द्वारा मामले की जाॅच ना किया जाना पंचायत के सरपंच सचिव के साथ मिली भगत को दर्शाता है। इस मामले में प्रमोद मंडाले एवं ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत साल्हेखुर्द गुर्रा में वर्ष 2024 में कुछ पीएम आवास स्वीकृत हुए हैं जिसमें ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि पीएम आवास की सूची में रामचंद्र सोनवाने पिता हरिश्चंद्र सोनवाने का नाम है लेकिन सचिव की लापरवाही के चलते किसी और व्यक्ति का मकान निर्माण हो रहा है इस मामले में रामचंद्र सोनवाने के नाम पर पैसा निकला और दूसरे के खाते मंें चला गया पता ही नहीं है की उसके लिए पीएम आवास योजना में आवास के लिए राशि स्वीकृत हुई है और उसकी पहली किस्त भी डाल दी गई है।
स्पेलिंग मिस्टेक का बना रहे बहाना
ग्रामीणों ने बताया कि सचिव से बात करने पर पता लगा कि जनपद के अधिकारियों ने स्पेलिंग मिस्टेक के कारण रामचंद्र आ रहा है जबकि वहां धर्मचंद के नाम से स्वीकृत हुआ है जिसके बाद जनपद पंचायत पर बरघाट आकर शिकायतकर्ता प्रमोद मंडाले द्वारा जानकारी लगाई गई जानकारी में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वह पीएम आवास रामचंद्र सोनवाने को ही स्वीकृत हुआ है।
हितग्राही को पता ही नही दूसरे को पहुॅचा दिया गया लाभ
इसके बाद रामचंद्र सोनवाने से बात करने पर यह पता लगा कि उसे किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है और ना ही उसके बैंक खाते में प्रथम किस्त आई है जब रामचंद्र के बैंक खाते में प्रथम किस्त गई नहीं तो फिर गई कहां।
जनसुनवाई में की गई शिकायत लेकिन नही हुई जाॅच
इसके पूर्व में भी सचिव लक्ष्मी प्रसाद पंचेश्वर की भ्रष्टाचार संबंधित शिकायत जनपद पंचायत बरघाट एवं जिला प्रशासन शिवानी एवं जनसुनवाई के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को लिखित सूचना दी गई थी लेकिन आज दिनांक तक भ्रष्टाचारी सचिव के खिलाफ अधिकारियों द्वारा कोई जांच की गई और ना ही भ्रष्टाचारी सचिव पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई, जनपद बरघाट के अधिकारियों की मिली भगत से ग्राम पंचायत साल्हेखुर्द गुर्रा में हो रहा शासन की वित्तीय राशि एवं ग्रामकोष की एवं पीएम आवास की राशियों में हो रहा भ्रष्टाचार आज कल ग्राम पंचायत साल्हेखुर्द गुर्रा काफी सुर्खियों में है ।
अधिकारियो द्वारा की जा रही मामले पर लीपापोती
जहां शिकायत पर शिकायत हो रही है लेकिन जनपद जनपद पंचायत बरघाट के अधिकारियों द्वारा सही समय पर जांच ना करके लिप पोती की जाती है जिसके कारण शिकायत करता झूठे पाए जाते हैं आज ऐसा कई मामला सामने आ रहे है ।
निर्माण से पहले ही निकाल लिए ली गई थी राशि
जैसे ग्राम में सीसी नाली निर्माण होना था जिसकी राशि 69000 हजार सचिव द्वारा 6 माह पहले निकाल कर भ्रष्टाचार किया गया इसी तरह सीसी नाली निर्माण होना था जिसके 1 लाख 50 हजार रूपए निकाल के भ्रष्टाचार किया गया एवं पेशाब घर गांव में पांच जगह निर्माण होना था जिसके 19250 निकाल के सचिव द्वारा भ्रष्टाचार किया गया एवं इसी तरह मनरेगा कार्यो में सीटीआरएफआर फर्कोलेशन टैंक बड़े तालाब के ऊपर साइट निर्माण किया गया है जिसमें ग्राम के मजदूरों द्वारा ही कार्य किए गया है ।
सचिव पर फर्जी बिल लगाने के लग रहे आरोप
और सचिव द्वारा 1 लाख 50 हजार रुपए के फर्जी बिल लगाए गए हैं एवं खेत तालाब निर्माण कार्य काम था बघेल के खेत में किया गया है उसमें भी लगभग 1 लाख 50 हजार रुपए का फर्जी बिल लगाया गया है एवं इसी तरह ग्राम में पंच गजानन्द ठाकरे के खेत में खेत तालाब निर्माण किया गया है उसमें भी लगभग 1 लाख का फर्जी बिल लगाया गया है एवं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन तलाव में मजदूरों द्वारा ही कार्य किया गया है ना ही कोई मशीनों से और ना ही कोई ट्रैक्टर गाड़ी वाहन से शिकायतकर्ता देवानंद नांदने द्वारा जनपद पंचायत बरघाट में दिनांक 16 अक्टूबर 2024 को ग्राम पंचायत साल्हेखुर्द गुर्रा की लिखित शिकायत की है।
ठेके की राशि आखिर सचिव ने शासकीय खाते क्यो जमा नही की
कि मवेशी खरीदी बिक्री का ठेका महा अगस्त में 38500 में बिक्री ग्राम पंचायत साल्हेखुर्द गुर्रा द्वारा किया गया है जिसमें मवेशी ठेकेदार द्वारा 19250 यानी आधी राशि जमा किया गया है जिसकी रसीद सहित शिकायत करता ने शिकायत किए हैं लेकिन उस राशि को भी सचिव लक्ष्मी प्रसाद पंचेश्वर ने ग्राम पंचायत के खाते में आज दिनांक तक जमा नहीं किया है।
अधिकारी नही दे रहे ध्यान
और राशि का बंदरबाट कर भ्रष्टाचार कर बहाने बाजी की जाती है और जनपद पंचायत बरघाट में बैठे अधिकारी भी आज दिनांक तक कोई जांच नहीं कर भ्रष्टाचारी सचिव लक्ष्मी प्रसाद पंचेश्वर पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं कहीं ना कहीं जनपद के अधिकारी भी कार्यवाही न करने का कारण भ्रष्टाचार में लिप्त होना तो नहीं है इस कारण भ्रष्टाचारी सचिव को संरक्षण दिया जा रहा है जब भ्रष्टाचारी सचिव ने ग्राम कोष की राशि 19250 आज दिनांक तक पंचायत के खाते में जमा नहीं किया है और अन्य निर्माण कार्यों में भी भारी भ्रष्टाचार है तो जनपद पंचायत बरघाट के अधिकारियों द्वारा आज दिनांक तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई जबकि इस मामले में अधिकारियों को पहले ही सचिव पर कार्यवाही कर देना चाहिए था जिसमें शिकायत की आवश्यकता ही नहीं पढ़नी थी वह पैसा गया कहां और न जाने भ्रष्टाचार में लिप्त सचिव ने ऐसे ही शासन वित्तीय राशि में भी न जाने कितने पैसे घटक गया होगा लेकिन जनपद पंचायत बरघाट के अधिकारियों द्वारा सचिव का संरक्षण ही किया जाता है और किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है आम जनों से सुनने में आया है कि सचिव द्वारा मनरेगा कार्यो में एवं वित्तीय राशि में भी भारी भ्रष्टाचार किया गया है और आज फिर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत साल्हेखुर्द गुर्रा में कुछ पीएम आवास स्वीकृत किए गए हैं जिसमें रामचंद्र सोनवाने का भी सूची में नाम है जिसमें पंचायत सचिव लक्ष्मी प्रसाद के साठगांठ से जिस पात्र व्यक्ति का आवास में नाम आया था उसका घर निर्माण तो नहीं करवाया जा रहा लेकिन किसी अन्य व्यक्ति धर्मचंद पिता हरिश्चंद्र से साठगांठ कर आवास निर्माण की राशि उसके खाते में डलवाई जा रही है एवं धर्मचंद द्वारा आवास निर्माण कर रहा है वह भूमि भी सुरक्षित भूमि गोठान की है जिसकी शिकायत प्रमोद मंडाले ने जनपद पंचायत बरघाट में दिनांक 18 नवम्बर 2024 को सहायक कलेक्टर प्रभारी सीईओ से लिखित शिकायत किया है एक तरफ जिला कलेक्टर गोठान भूमि को सुरक्षित करने के आदेश समस्त विभागों को देती हैं तो वही पंचायत के सचिव कलेक्टर के आदेश की धज्जियां उड़ाते हैं पीएम आवास की सूची में नाम किसी का और पीएम आवास की राशि किसी और खाते में यहां तो खुलेआम पंचायत सचिव द्वारा मध्य प्रदेश शासन की योजना पीएम आवास की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं एवं अन्य कार्यों में भी भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है लेकिन जनपद पंचायत बरघाट के अधिकारी मौन क्यों बैठे हैं।
आभार – देवानंद नांदने