सिवनी – जल संसाधन विभाग में नियम विरूद्ध तरीके से मुख्य अभीयंता का प्रभार लिए अशोक डहेरिया अपने चहेतो पर इतने मेहरबान हुए कि उन्हे नियम विरूद्ध तरीके से कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिला दिया और तमाम योजनाओ में खुलकर भ्रष्टाचार का नंगा नाच खुलेआम किया जा रहा है साथ ही किस तरह मुख्य अभियंता के द्वारा जिला प्रशासन और प्रदेश के मुखिया की आॅंखो में किस तरह धूल झोकी जा रही है आपको बता दे प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल ने अपने आदेश क्रंमाक 4214/14/2017 तारीख 8 अक्टूबर 2024 के द्वारा मध्यप्रदेश की सभी वृहद, मध्यम, लघु परियोजनाओ के नहरो के मरम्मत एवं रखरखाव हेतु राशि आवंटित की थी जिसमें संजय सरोवर परियोजना की नहरो के मरम्मत कार्य के लिए 66 लाख रूपये एवं पेंच परियोजना नहर संभाग सिगना चैरई छिंदवाडा के लिए 5116350 लाख रूपया की धनराशि आवंटित की गई थी लेकिन दोनो नहरो के प्रभारी कार्यपालन यंत्रियो ने नहर की मरम्मत किए बगैर ही पूरी की पूरी राशि डकार ली और आवाज तक नही आई। जिसका परिणाम यह निकला कि जगह – जगह से नहरो के फूटने की खबरे आ रही है जिसका खामियाजा सिर्फ किसान भुगत रहे है। इस पूरे मामले में सबसे मजेदार बात यह है कि जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन को प्रमुख अभियंता के एक्त आवंटित राशि का आदेश प्रभारी कार्यपालन यंत्रियो द्वारा नही बताया गया इसके अलावा सभी को धूर्त समझते रहे। इस मामले में बताया गया कि नहर हो कबरबिज्जू के द्वारा खोद – खोदकर खोखला कर 25 फुट पत्थर से पिचिंग की गई नहर को ध्वस्त कर दिया। उदयभानसिंह मर्सकोले एसडीओ है जिन्होने 3 साल पहले संजय सरोवर बांध के गेट परिचालन में भारी लापरवाही बरती थी जिसके कारण पूरे 25 गाॅव जलमग्न हो गए थे दो – दो पुल टूट गए थे जिसके बाद उन्हे वहा से हटा दिया गया था लेकिन जिले का दुर्भाग्य तो देखिये इतनी बडी लापरवाही और भ्रष्टाचार के बावजूद भी अशोक डहेरिया को पुनः बाॅंध का प्रभार दे दिया इस वर्ष जुलाई माह मे उनके द्वारा बाॅध में पानी भर दिया गया जब ग्रामीणो ने इस बात की शिकायत प्रमुख अभियंता से की तो बाॅंध को नियमानुसार खाली कराया गया। इस बात की जानकारी जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन को भी है इस मामले की जाॅच भी उनके द्वारा कराई गई लेकिन पूरा मामला ठंडे बस्ते मे चला गया तो दूसरी ओर मर्सकोले एसडीओ पेड पर निवास करने वाले कबरबिज्जू को धरती मे निर्मित नहर एवं पानी में आवास बनाकर रहने की बात और तो और सीधे कृषको से पंचनामा तैयार करवाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन को भी धूर्त समझते है।

इस मामले को लेकर जब वन्य प्राणी चिकित्सक अखिलेश मिश्रा से बात की गई तो उन्होने बताया कि नहर को कबरबिज्जू ने खोदा है यह एक कहानी गढी गई है भ्रष्टाचार की इस मामले में भ्रष्टाचार पर मिटटी और चादर डालने जैसा काम किया गया है जिसमें आगे श्री मिश्रा ने बताया कि कबरबिज्जू नहर एवं पानी मे ंकभी नही रहता वह हमेशा अपना आशियाना पेडो पर बनाता है और पेडो मे ही हमेशा निवास करता है यदि कोई कबरबिज्जू को पानी में रहने वाला बताता है तो वह पूर्णतः असत्य और पूरे जनमानस को भ्रमित कर रहे है।
विधायक के खिलाफ रचि साजिश


इस मामले में जल संसाधन विभाग में खुद नियम विरूद्ध तरीके से मुख्य अभियंता का प्रभार लिये अपने पद का दुरूपयोग करने के मामले में चर्चित अशोक डहेरिया द्वारा भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन के खिलाफ साजिश रचकर उनके द्वारा मारपीट करने की झूठी कहानी गढते हुए उनपर झूठे आरोप लगाये गए जिसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश हो जाने के बाद संजय सरोवर बांध की कैनाल जो कि सरेखाटोला एवं मसूरभामरी के नजदीक पूरी ऐ चेन टूट कर बिखर गई रातो – रात डहेरिया मुख्य अभियंता ने अपने करीबी अभियंताओ को बुलाकर एक नए झूठ का असली जामा पहनाने का असफल प्रयास किया गया। उदयभान सिंह मर्सकोले जो कि अपरवैनगंगा बांध उपसंभाग क्रंमाक 3 भीमगढ के प्रभारी एसडीओ है।
प्रभारी मुख्य अभियंता अशोक डेहरिया को हटाने में क्यो असफल है भाजपा के विधायक दिनेश राय मुनमुन और विपक्ष कांग्रेस के विधायक ठाकुर रजनीश सिंह
जिले में जलसंसाधन विभाग के प्रभारी मुख्य अभियंता अशोक डेहरिया का मुद्दा गरमा गया है। भारतीय जनता पार्टी के सत्ता पक्ष के विधायक दिनेश राय “मुनमुन” और कांग्रेस के विपक्षी विधायक रजनीश सिंह, दोनों ही अशोक डेहरिया को लापरवाही एवं भ्रष्टाचार के मामले को लेकर हटाने की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके, डेहरिया अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं।

विधायक आखिर क्यो है नाराज
अशोक डेहरिया, जो मूल रूप से कार्यपालन यंत्री के पद पर हैं, लंबे समय से प्रभारी मुख्य अभियंता के रूप में कार्य कर रहे हैं। दोनों विधायकों का आरोप है कि डेहरिया की कार्यशैली में लापरवाही और विकास कार्यों में बाधा उनके पद पर बने रहने का मुख्य कारण है। सत्ता और विपक्ष के विधायक यह दावा कर रहे हैं कि विभागीय कामों में देरी और भ्रष्टाचार की शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
सत्ता पक्ष भी अक्षम
भाजपा विधायक दिनेश राय “मुनमुन” का कहना है कि उन्होंने कई बार शासन और विभाग को डेहरिया के खिलाफ शिकायतें की हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्यपालन यंत्री के द्वारा की गई इतनी बडी लापरवाही के बावजूद यह स्थिति सत्ता पक्ष की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है।


विपक्ष भी है नाराज

कांग्रेस विधायक रजनीश हरवंश सिंह भी इस मामले को लेकर खासे नाराज है उन्होने कहा कि अशोक डेहरिया का जलसंसाधन विभाग में बने रहना जनता के हितों के खिलाफ है। उन्होंने इसे प्रशासनिक उदासीनता करार दिया और कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़क पर आंदोलन करेंगे।

आखिर प्रशासन क्यो है चुप
हालांकि, जिला प्रशासन और जलसंसाधन विभाग ने अब तक इस मामले में कोई अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे स्थिति और अधिक जटिल हो गई है, पूरे मामले को लेकर विधायकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
आगे की रणनीति आखिर क्या है
इस मामले में सत्ता और विपक्ष के एकमत होने के बावजूद कार्रवाई न होना प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्न खड़े कर रहा है। जनता भी इस मामले पर अपनी पैनी नजर गडाये हुए है कि अशोक डेहरिया को हटाने की मांग पूरी होगी या फिर यह राजनीतिक और प्रशासनिक खींचतान का हिस्सा बनकर रह जाएगी।
आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में शासन और जलसंसाधन विभाग क्या कदम उठाते हैं और अशोक डेहरिया पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।
प्रदेश सरकार अब अशोक डहेरिया मामले में क्या कार्रवाई करती है देखना है आपको बता दे 16 दिसंबर से विधानसभा का सत्र चालू होने वाला है और मामला विधानसभा के पटल पर जरूर रखा जाएगा अब भाजपा की मोहन सरकार के ही ऊपर है कि उनकी बाल अपने विधायको पाले में जाती है या फिर अधिकारियो के।