सिवनी – पेच टाइगर रिजर्व क्षेत्र के पास भीमलटोला के गांव के किनारे कुएं में बाघ के गिर जाने से बाघ की मौत हो गई..
जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग को दी …
’ वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर कर रही है जांच
’ ग्रामीणो का कहना है कि यह वही बाघ है जिसके हमले से इंसानों की भी जान गई थी हालांकि अभी इसकी पुष्टि विभाग द्वारा नही की गई है कि यह वही टाइगर है जिसके हमले से कुछ लोगो की जान चली गई थी.
’ मौके पर वन विभाग के आला अफसर व कुरई थाना से पुलिस बल घटनास्थल पर पहुॅच गए …..
जब इस विषय में पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह से बात की गई तो उन्होने बताया कि बाधिन जब बच्चो को जन्म देती है जिसके बाद शैशवकाल में ही 50 प्रतिशत बच्चो की स्वाभाविक मौत हो जाती है जिसके बाद 2 वर्ष की आयु कुछ बाघ के बच्चो की मौत हो जाती है जिसके बाद कुछ बाघो की मौत वर्चस्व की लडाई में हो जाती है और यह चिंता का विषय नही है हमारे यहंा बाघो की मौत स्वाभाविक होती है जिसकी जानकारी हमारे कर्मचारी घने वनक्षेत्र में जाकर पता लगा लेते है और उसकी विधिवत कार्रवाई की जाती है प्रकृति की अपनी व्यवस्था है हमारे कर्मचारी घने वनक्षेत्र होने के बाद भी गश्ती करते है यह हमारे लिए गौरव की बात है आगे पूछ जाने पर जिन कृषको की भूमि वनक्षेत्र से करीब है उनके खेतो तक वन्य प्राणी ना पहुॅचे वन्य प्राणीयो के अलावा वे लोग भी सुरक्षित रहे सके जिसके लिए विभाग द्वारा 1100 झटका मशीन का निःशुल्क वितरण किया गया है। आगे पूछे जाने पर उन्होने बताया कि वन क्षेत्र से कम से कम 200 मीटर की दूरी तक खदान मशीन या खदान नही होना चाहिए।