नियमो का हुआ खुला उलघंन
सिवनी – आजकल क्षेत्र में कालोनियो की बाढ सी आ गई है लोग बाहर से आकर कौडियो के दाम जमीन खरीदकर उसमें सडको नालियो के अलावा चकमक कर देते है जिसको देखकर लोग खुश हो जाते है इस चकमक के चक्कर में प्लाट खरीदने वाले बाकी चीजो को भूल जाते है जिसको लेकर ये भूमाफियाओ को अपना उल्लू सीधा करने में परेशानी नही होती है और ये मोटी रकम वसूलकर निकल लेते है नगर में ऐसी ढेर सारी कालोनियाॅ है जो नियम विरूद्ध तरीके से संचालित हो रही है लोगो को ये लोग वेवकूफ बनाकर प्लाटो की बिक्री धडल्ले से किये जा रहे प्रशासन को इनकी पूरी पडताल करते हुए दोषियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।ऐसे ही नगर में एक काॅलोनी का निर्माण कर धडाधड प्लाट बेच दिए गए और उस कालोनी का नाम है स्वर्णभूमि काॅलोनी आईये जानते है इस काॅलोनी में क्या कमी है।
रेरा भी नही

आपको बता दे सूत्रो की माने तो रियल स्टेट विनिमयन प्राधिकरण यह एक सरकारी निकाय है जिसका गठन रियल स्टेट ( विनिमय और विकास ) अधिनियम,2016 के तहत किया गया था,इस अधिनियम का मकसद,रियल स्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता,जवाबदेही,और दक्षता बढाना है,यह घर खरीददारो के हितो की रक्षा करता है और सुनिश्चित करता है कि बिल्डर और डेवलपर निष्पक्ष तरीके से काम करे।
कलेक्टर रजिस्टेªशन होना चाहिए
अब देखना होगा कि इनके पास कलेक्टर से कालोनी लिए रजिस्टेªशन कराया गया है या नही।
विकास अनुमति
इसके अलावा कालोनाईजर द्वारा कालोनी के लिए विकास अनुमति ली गई है या नही यह सब कुछ देखना होगा।
टीएनसी है या नही
रेरा के क्या है नियम

किसी भी प्रोजेक्ट को विज्ञापित करने या बेचने से पहले,उसे रेरा में रजिस्टर कराना होता है।
प्रमोटर को कस्टमर से मिली अग्रिम राशि का 70 प्रतिशत एक अलग बैंक एकाउंट में रखना होता है।
परियोजना से जुडी जानकारी जैसे की प्रोजेक्टर का ले -आउट स्वीकृति,ठेकेदार,और प्रोजेक्ट की मियाद,खरीदार को देनी होती है।
अगर बिल्डर समय पर निर्माण पूरा नही करता,तो उसे ब्याज देना होता है।
खेल मैदान नही
नगर के डूंडासिवनी क्षेत्र में बनी स्वर्णभूमि कालोनी में नियम के मुताबिक खेल मैदान होना चाहिए जो कि है ही नही।
पार्क भी छोटा सा है
जिस हिसाब से कालोनी का रकबा है उस हिसाब से पार्क नही बनाया गया है।
स्कूल के लिए जगह नही
कालोनी में स्कूल के लिए जगह छोडी जानी चाहिए लेकिन वह भी नही है।
वैघ कालोनियो के लिए नियम
काॅलोनी में सडक,बिजल,पानी,स्ट्रीट लाईट,सीवेज,डेªनेज सिस्टम जैसी सुविधाएं होनी चाहिए।
कालोनी में सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए।
कालोनी में आर्किटेक्ट द्वारा नक्शा बनाया जाना चाहिए।
काॅलोनी में निर्धारित मानको के हिसाब से विकास होना होना चाहिए।
काॅलोनी में चैडी सडके और बडे पार्क होने चाहिए।
कालोनी के बाहर भी विकास कार्य निगम को कराना चाहिए।
अवैध कालोनी बनाने वालो पर कार्रवाई
अवैध कालोनी बनाने वाले कालोनाईजर या बिल्डर को 7 साल तक की जेल और 10 लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है। काॅलोनाईजर के अलावा,प्रमोटर और डायरेक्टर को भी दोषी माना जा सकता है।
फोन नंबर नही थे रजिस्टर
कालोनी के लिए कुछ महिलाओ को प्लाट की बिक्री और खरीददारो को फोन लगाने के लिए रखा गया था लेकिन जिस नंबर से उन महिलाओ के द्वारा फोन लगाया जा रहा था क्या कालोनाईजर के द्वारा उन नंबरो का रजिस्टेªशन कराया गया था यदि नही तो क्यो नही आखिर इसका जवाबदार कौन।