मध्यप्रदेश के एक प्राचार्य रचने जा रहे इतिहास

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सिवनी – मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल उठाने वाली और बेहद ही चैंकाने वाला मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। सिवनी जिला मुख्यालय के नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्कूल में 28 फरवरी को बेहद ही असंवेदनशील और कार्य के प्रति लापरवाह सिर्फ अपने बिदाई समारोह की चिंता करने वाले प्रिंसिपल प्रेमनारायण वारेश्वा का विदाई समारोह आयोजित किया जा रहा है, जबकि इसी दिन मध्यप्रदेश बोर्ड की कक्षा 12वीं एवं 8वीं की परीक्षा भी होनी है।


क्या जीवन में इन्होने यही सीखा और सिखाया है
जिस तरह कुम्हार कच्ची मिटटी से पक्के घडे को गढता है उसी स्वरूप में मिटटी उसका स्वरूप लेती है वैसे ही हमारे जीवन में गुरू होते है एक तरफ गुरू अपने छात्रो के लिए सब कुछ कुर्बान कर देते है इसलिए सरकार भी शिक्षको को बेहद ही महत्व देती है तो वही दूसरी तरफ हमारे सिवनी जिले के सुभाष स्कूल के प्राचार्य अपने बिदाई कार्यक्रम को समारोह में तब्दील करना चाहते है इन्हे इतनी भी चिंता नही कि इसी दिन बच्चो की बोर्ड परीक्षाये है इसी बीच इनके द्वारा अपना बिदाई समारोह मनवाना कितना उचित है इस मामले में विभाग और प्रशासनिक अधिकारी इनके खिलाफ क्या कार्रवाई करते है देखना बाकी है क्या इसके बाद भी इनका बिदाई समारोह होगा या नही यह देखना बाकी है।


आखिर परीक्षा के दौरान ही विदाई समारोह क्यों ?
आखिर परीक्षा का समय विद्यार्थियो के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान ध्यान भटकाने वाली कोई भी गतिविधि छात्रों के परिणामों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। विदाई समारोह जैसे कार्यक्रम को परीक्षा के समय आयोजित करना, न केवल अनुचित है बल्कि यह शिक्षा प्रणाली की गंभीरता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।


आपको बता दे क्यो हो रहा है यह समारोह
आपको बता दे स्कूल के बाजू में एक बिंल्डिग तीन करोड के लागत से बनाई गई है जिसमें पाचॅ अक्टूबर 2023 को जिस समय बिल्डिंग का भूमिपूजन हुआ तब एक शिलालेख में भूमिपूजन करने वाले के साथ शाला के प्राचार्य प्रेमनारायण वारेश्वा ने अपना नाम भी खुदवा लिया वही शिला प्राचार्य के बिदाई समारोह से पूर्व इमारत में आखिर क्यो लगा दी गई इसके साथ इस इमारत का उदघाटन अपै्रल में होना है लेकिन इस इमारत का फोटो प्राचार्य प्रेमनारायण वारेश्वा द्वारा अपने कार्ड में अपने फोटो के साथ के साथ छापेखाने से छपवा कर बटवा भी दिया गया हैा

इससे परीक्षार्थियों की एकाग्रता भंग होगी

साथ ही 28 फरवरी 2025 को कक्षा 12 वीं की परीक्षा प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की जाएगी। तो वहीँ कक्षा 8वीं की परीक्षा दोपहर 2 बजे से शाम 4.30 बजे तक होगी। इसका मतलब यह हुआ कि यदि विदाई समारोह आयोजित किया जाता है, तो इससे परीक्षार्थियों की एकाग्रता भंग होगी और विद्यार्थियो को परीक्षा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
विद्यालय प्रशासन की लापरवाहपूर्ण हरकत
विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है कि वह परीक्षा के दौरान शांति और सुव्यवस्थित माहौल बनाए रखे। लेकिन नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्कूल के प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और परीक्षा के समय ही प्राचार्य प्रेमनारायण वारेश्वा का विदाई भव्य समारोह निश्चित कर दिया। और इसमें सबसे बड़ी लापरवाही प्रिंसिपल की है कि उन्हें भी इस बात की जानकारी होने के बाद स्कूल प्रशासन को इस विदाई समारोह को आगे बढाने या बच्चों के पेपर की समय से अलग और विद्यालय परिसर में ना करवाकर कही और करवाने का निर्णय लिया हो.
विद्यार्थियो और अभिभावकों की चिंता
विदाई समारोह के चलते छात्रों की एकाग्रता भंग हो सकती है। परीक्षा हॉल में शोरगुल का माहौल उत्पन्न हो सकता है। विद्यार्थियो की मानसिक स्थिति पर विपरीत असर पड़ सकता है। अभिभावकों की चिंताएं बढ़ सकती हैं, क्योंकि परीक्षा के दौरान अनुशासन में गड़बड़ी से विद्यार्थियो का भविष्य प्रभावित हो सकता हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी को इस मामले को लेना होगा संज्ञान में
इस गंभीर मुद्दे पर डीईओ को तुरंत मामले को संज्ञान में लेना चाहिए और सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि परीक्षा के दौरान कोई भी बाहरी गतिविधि छात्रों की परीक्षा में विघ्न न डाले। विदाई समारोह को परीक्षा समाप्त होने के बाद किसी अन्य दिन आयोजित करने का निर्देश सख्ती से देना चाहिए।