सिवनी – मंगलवार को जनसुनवाई में आकर ज्योति तेकाम निवासी कन्हान पिपरिया थाना कान्हीवाडा ने पुलिस अधीक्षक पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौपते हुए बताया कि उसके पिता स्व.संतोष तेकाम की हत्या कर उसे आत्महत्या किये जाने का प्रयास किया गया जिसके बाद जिम्मेदारो ने भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ना करते हुए आरोपियो का साथ दिया जिसकी जाॅच कर दोषियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
आगे पिडिता ने बताया कि उसके पिता ने आत्महत्या नही की बल्की उनकी हत्या की गई है मामले की वास्तविकता हेतु फिर से मेरे पिता के शरीर का शव परीक्षण किया जाये इस मामले में आगे पीडिता ने बताया कि ग्राम के ही अपराधियो ने मिलकर मेरे पिता की हत्या की है जिसमें शोभाराम चंद्रवंशी पिता किशनलाल चंद्रवंशी,रामचरण चंद्रवंशी पिता शोभाराम चंद्रवंशी,शिवचरण चंद्रवंशी पिता शोभाराम चंद्रवंशी शिवनंदन चंद्रवंशी पिता शोभाराम चंद्रवंशी मोहित चंद्रवंशी पिता रामचरण चंद्रवंशी,कमलेश चंद्रवंशी पिता रामचरण चंद्रवंशी ,देवेन्द्र चंद्रवंशी पिता श्री शिवचरण चंद्रवंशी जाति गौली, अन्य पिछड़ा वर्ग, निवासी कन्हान पिपरिया थाना कान्हीवाड़ा, तहसील-सिवनी, जिला सिवनी मध्यप्रदेश,ओमेश्वर ठाकरे, कान्हीवाड़ा पुलिस थाना प्रभारी, जिला सिवनी मध्यप्रदेश,प्रमोद मालवी, पुलिस कर्मचारी पुलिस थाना काहीवाड़ा, जिला सिवनी, मध्यप्रदेश, पी एम करने वाले चिकित्सक सिवनी जिला सिवनी, मध्यप्रदेश।
आगे पीडिता ने बताया कि शोभाराम चंद्रवंशी पिता किशनलाल चंद्रवंशी,रामचरण चंद्रवंशी पिता शोभाराम चंद्रवंशी,शिवचरण चंद्रवंशी पिता शोभाराम चंद्रवंशी शिवनंदन चंद्रवंशी पिता शोभाराम चंद्रवंशी मोहित चंद्रवंशी पिता रामचरण चंद्रवंशी,कमलेश चंद्रवंशी पिता रामचरण चंद्रवंशी ,देवेन्द्र चंद्रवंशी पिता श्री शिवचरण चंद्रवंशी जाति गौली, अन्य पिछड़ा वर्ग, निवासी कन्हान पिपरिया थाना कान्हीवाड़ा, तहसील-सिवनी, जिला सिवनी द्वारा पीडिता के पिता आदिवासी किसान स्व संतोष तेकाम की जमीन हड़पने व कब्जा करने के उद्देश्य से हत्या करने एवं उपरोक्त तक को हत्या जैसे अपराध से और आदिवासी की जमीन हड़पने के लिये संरक्षण देकर बचाने वाले कान्हीवाडा थाना प्रभारी ओमेश्वर ठाकरे पुलिस कर्मी प्रमोद मालवी एवं पीएम करने वाले चिकित्सक के द्वारा अपनी भूमिका निभाये जाने पर जांच कर कानूनी कार्यवाही करने एवं आदिवासी परिवार को खेती किसानी करने के लिये आने जाने हेतु रास्ता नहीं देने पर उपरोक्त लोगो पर अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत कार्यवाही करने की बात कही गई |

पति की हत्‍या हो जाने के बाद एक सप्‍ताह में पत्नि ने भी तोडा दम

पीडिता ने बताया कि मै पीडिता सहित तीन बहन है एवं मेरे पिता की हत्या व मृत्यु के बाद ही एक सप्ताह बाद पीडिता की मां भागवती तेकाम की भी भय डर के कारण आकस्मिक रूप से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद से पीडिता दो बहने अपने गांव में चाचा संजय कुमार तेकान के साथ ही रह रही है और वे ही पालन पोषण कर रहे है। आगे जानकारी देते हुए पीडिता ने बताया कि हम लोग अनुसूचित जनजाति वर्ग में आते है, उपरोक्त लोगो के द्वारा मेरे पिता व परिवारजनों को वर्षों से खेती किसानी करने नहीं देते है, हमेशा परेशान करते है, पूर्व में भी कई बार उपरोक्त लोगो के द्वारा मेरे पिता, चाचा व परिवारजनों के साथ मारपीट करने व जान से मारने की धमकी दे चुके है।

पुलिस थाना कान्हीवाडा द्वारा कार्रवाई नहीं दिये जाने के कारण अपराधियो के हौसले बुलंद हुए

इस संबंध में कान्हीवाड़ा पुलिस थाने में 2 नवंबर 2022 के बाद 18 नवंबर 2022, और 11 अप्रैल 2023 के बाद 4 जुलाई 2023 सहित कई बार मौखिक व लिखित शिकायत कान्हीवाडा थाना सहित पुलिस अधीक्षक सिवनी से भी गई है। इस संबंध में कान्हीवाडा पुलिस थाना में उपरोक्त लोगो पर 13 नवंबर 2022 को एनसीआर क्रमांक 0226/2022 में शिकायत दर्ज की गई है जिससे उपरोक्त लोगो ने जान से मारने हत्या करने की धमकी देते हुये गारपीट की गई थी। इस संबंध में पुलिस थाना कान्डीवाडा द्वारा कार्रवाई नहीं दिये जाने के कारण उपरोक्त लोगो के हौसले बुलंद हुये उन्हें पुलिस का संरक्षण मिला और उपरोक्त लोगो ने मेरे पिता आदिवासी किसान संतोष काम की बेरहमी से मारते पीटते हुए दिनांक 14 सितंबर 2024 को हत्या करके फांसी पर लटका दिया गया था जिसे कान्हीवाडा पुलिस और मेडिकल पी एम करने वाले डाक्टरो ने भी सच मानकर उपरोक्तो को हत्या के अपराध से बचाने का कृत्य किया है। इस संबंध में उच्चस्तरिय जांच कराई जाने की मांग पीडित पक्ष की ओर से की गई है।

पीडिता के परिजनो के साथ विवाद रहा है जिसकी शिकायत कान्हीवाडा थाने में किये जाने की बात बताई है।
आगे पीडितो ने बताया उनके पूर्वजो के समय से पटवारी हल्का नंबर 77 रा.नि.म भोमा में खसरा 167 रकबा 0.04 एवं नंबर 191 रकबा 3.06 हेक्टेयर किसानी का कार्य में आनेदिका के स्वर्गीय पिता व चाचा पूर्वज करते आ रहे है। जिससे लगी उपरोक्त लोगो की जमीन लगी हुई है इस मामले में उपरोक्त लोगो के साथ पीडिता के परिजनो के साथ विवाद रहा है जिसकी शिकायत कान्हीवाडा थाने में किये जाने की बात बताई है। विवाद सिर्फ जमीन हडपने के लिए किया जाता रहा है इस बात का जिक्र भी आवेदन में किया गया है।
आगे पीडिता ने उपरोक्त लोगो के उपर आरोप मढते हुए बताया कि पीडिता के पिता के मृत्यु पूर्व भी पीडिता के परिजनो को उपरोक्त लोगो के द्वारा धमकी दी गई थी पीडिता ने आगे बताया कि रात में पिता गाॅव में कही रूक गये होंगे इसलिए हमने ध्यान नही दिया जिसके बाद दूसरे दिन दिनांक 14 सितंबर 2024 को सुबह लगभग आठ बजे के बाद जब खेत में घास लेने पीडिता उसकी दादी कौशल्याबाई एवं नानी सुददो और चाचा तेजलाल तेकाम गए जहां देखने पर पता चला कि संतोष पीडिता के पिता घेत में लगे महुआ के पेड़ की डगाल से फांसी के फंदे में गमछा से बांधकर जमीन पर बैठे हुये थे जिसकी सूचना तुरत परिवार के अन्य सदस्यों व गांव वालों को दी गई। जिसके बाद मृतक के भाई द्वारा इस बात की सूचना पुलिस को दी गई।

मेरे पिता को किसी के द्वारे घटना स्थल पर हत्या करने के बाद घसीटकर लाया गया था


आगे पीडिता ने बताया कि मेरे परिवार के अन्य सदस्यों व गांव वालों ने मेरे पिता के शत्रीर में लगे चोट के निशान को देखा तो सभी को लगा कि किसी ने मेरे पिता स्व श्री संतोष तेकान को मारने व हत्या करने के बाद फांसी में लटकाने का का प्रयास किया है। चान जी, यह कि हमारे परिवार के सदस्यों ने घटना स्थल के आसपास देखा तो वहां पर मेरे पिता को किसी के द्वारे घटना स्थल पर हत्या करने के बाद घसीटकर लाया गया था क्योंकि जहां पर से लाया गया था उस स्थान के खेत के भुट्टे की फसल टूटी हुई व चरपट दिखाई दे रही थी जिसमें बकायदा किसी इंसान को घसीटने के निशान भी दिखाई दे रहे थे।

मेरे पिता के मृत शरीर के दाहिने हाथ में बंधी मार के निशान थे
पीडिता ने आवेदन में आगे यह भी बताया कि मेरे पिता के मृत शरीर के दाहिने हाथ में बंधी मार के निशान थे, और दोनों हाथ की चमडी छिली हुई थी जहां से खून निकल रहा था। वहीं मेरे पिता के मृत शरीर के पेशाब के स्थान से भी खून निकलने के निशान दिखाई दे रहे थे, और पैर में ऐढ़ी के उपर भी खून निकल रहा था, जिससे ऐसा लग रहा था कि उपरोक्त लोगो ने सुनियोजित तरीके से पीडिता के पिता की हत्या की है जिसके प्रमाण मौके पर मौजूद थे

चिकित्‍सक और पुलिस भी शक के घेरे में

जिसके बाद डॉक्टरों के द्वारा जो पोस्टमार्टम किया गया था उसमें भी अनावेदकों की सांठगांठ से उसे आत्म हत्या के कैस में बदलने का प्रयास किया गया है जबकि घटना स्थल के वीडियों व फोटोज देखने के बाद यदि सूक्ष्मता की जाये तो पता चल जायेगा कि कोई भी व्यक्ति जमीन में बैठकर फाॅसी कैसे लगा सकता है।
आगे पीडिता ने बताया कि उनके माता की मृत्यु हो जाने के बाद उनके परिवार का गुजर बसर मुश्किल हो गया है इसके साथ ही पूरे मामले की जाॅच की जाकर दोषियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई यदि नही की जाती है तो पीडिता का परिवार न्याय पाने के लिये माननीय न्यायालय की शरण में जाने के लिये मजबूर होंगे।