सिवनी। बच्चों के बेहतर भविष्य बनाने के लिए स्कूल में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है इसके अलावा आज भी गुरूओ की उतना ही सम्मान है जितना हुआ करता था आज भी गुरूओ के द्वारा शिक्षित बच्चे कितने भी बडे ओहदे पर पहुॅच जाये लेकिन वे उनका सम्मान करना नही भूलते क्योकि जिस तरह एक बिना स्वरूप की मिटटी को एक स्वरूप देने का कार्य एक मिटटी के बर्तन बनाने वाला करता है उसी तरह एक शिक्षक भी बच्चों को शिक्षा देकर उसे उसे एक योग्य नेता,डाक्टर इंजिनियर और शिक्षक तो वही एक सफल व्यवसायी बनाता है।
शिक्षक अपना नैतिक कर्तव्य छोड कोई राजनिति करने में लगा है
लेकिन आज के समय में सरकार द्वारा भी उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षको को सम्मानित भी किया जाता है लेकिन अक्सर देखा जा रहा है कि शिक्षक अपना नैतिक कर्तव्य छोड कोई राजनिति करने में लगा है यदि आप शिक्षक है तो आपके उपर एक बहुत बडी जिम्मेदारी है आप किसी के भविष्य के साथ खिलवाड नही कर सकते लेकिन लोग स्कूल छोडकर राजनीति मे रूचि लेने से बाज नही आ रहे है सूत्र तो यह भी बातते है कि यदि बात जब उनपर आती है तो वे जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारियो को धमकाने चमकाने से भी नही चूकते आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है और फिर जिस राष्ट्र के शिक्षक ही ऐसे होंगे तो फिर उस राष्ट्र की नीव कितनी मजबूत होगी यह आप कल्पना कर सकते है इसलिए देश की सरकारो को चाहिए कि ऐसे लापरवाह अधिकारियो कर्मचारियो जिनके उपर नैतिक जिम्मेदारी है उनकी लापरवाही को नजरअंदाज ना किया जाकर इन्हे कठोर दंड से दडित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई किसी के भविष्य के साथ खिलवाड ना कर सकें।
कही समय के बाद तो कही छुटटी के पहले चले जाते है अपने घर
आपको बता दें कई सारे शिक्षक तो समय पर स्कूल पहुंचे और छात्रों को उन्हें अच्छी शिक्षा नही कर रहे है जिस समय शिक्षको को स्कूल पहुॅच जाना चाहिए उस समय वे अपने घर से निकलते है और स्कूल की छुटटी होने के कही एक घंटे पहले तो कही आधे घंटे पहले स्कूल छोड अपने घर पहुॅच जाते है। आपको बता देे इसके लिए उन्हें लाखों रुपए वेतन के रूप में भी मिलता है। इन सब के बावजूद कुछ शिक्षक अपने शैक्षणिक कार्य को छोडकर शिक्षा के प्रति बेहद लापरवाही बरत रहे हैं। कुछ शिक्षक कृषि कार्य में जुटे हैं तो कुछ अन्य कार्य में। जिसके चलते छात्र-छात्राओं का भविष्य गर्त में जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि अपने कर्तव्यों के प्रति गद्दारी कर रहे ऐसे शिक्षकों के प्रति सख्त कार्यवाही की जाए। अब ग्रामवासियों में जहां खासा आक्रोश है, वही ग्रामवासी, अभिभावक इस मामले की शिकायत अधिकारियों से कर रहे हैं जिस पर जांच भी हो रही है। सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य सिवनी के निर्देशानुसार विकासखंड अधिकारी कुरई द्वारा मंगलवार 24 जून को अनेक स्कूलों का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान निरीक्षण अवधि तक अजय भारद्वाज (प्र.पा.), कृष्णकांत नाविक (उ.मा.शि.), श्रीमती अर्पणा कोष्टी (उ.मा.शि.), आशीष पटले (उ.मा.शि.), राकेश बिसेन (मा.शि.), रमेश मर्सकोले (मा.शि.), दुर्गा प्रसाद कटरे (मा.शि.), नितेश ठाकुर (मा. शि), सिया भलावी (प्रा.शि.), श्रीमती रानू नामदेव (प्रा.शि.), श्रीमती नर्बदा टेमरे (प्रा.शि.) अनुपस्थित पाये गये एवं शेष शिक्षक और कर्मचारी अवकाश पर थे।
संस्था में छात्रों की उपस्थिति कम पाये जाने एवं निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाये गये। शिक्षकों का एक माह का वेतन आगामी आदेश तक रोके जाने तथा विलंब से आने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी किये जाने के लिए सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य द्वारा निर्देशित किया गया है।







