सीएम हेल्पलाइन और कलेक्टर से शिकायत के बाद, जांच में आए विभागीय अधिकारियों ने ठेकेदार को बचाने पक्षपात पूर्ण रिपोर्ट तैयार की
सिवनी बरघाट। करोड़ो की लागत से निर्माणाधीन छात्रावास भवन धंसने की संभावना बनी हुई है। घटिया सामग्री के इस्तेमाल से तैयार हो रहा है छात्रावास भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है। छात्रावास भवन में हुए भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत सिवनी कलेक्टर और सीएम हेल्पलाइन में की गई है लम्बे समय से शिकायत के बाद विभागीय अधिकारी मौके पर जांच करने पहुंचे और ठेकेदार को बचाने पक्षपात पूर्ण रिपोर्ट तैयार कर दी गई है और सिवनी कलेक्टर को गुमराह कर मामले को दबाने की कोशिश में विभागीय अधिकारी जुटे हुए है। सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड अंतर्गत बेहरई गांव में करोड़ो की लागत से जूनियर आदिवासी बालक छात्रावास भवन निर्माणाधीन है, ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की साठगांठ से गुणवत्ताहीन बन रहे छात्रावास भवन कीलिखित शिकायत ग्रामीण अनेकों बार संबधित विभागीय अधिकारी सहित सीएम हेल्पलाइन और जिला कलेक्टर से कर चुके है। ग्रामीणों की शिकायत पर विभागीय अधिकारी जांच करने मौके पर पहुंचे थे जहां ग्रामीणों के द्वारा अधिकारियों को निर्माणाधीन भवन के बारे अनेकों अनियमितताएं बताई गई लेकिन जांच अधिकारियों की ठेकेदार से मिलीभगत के कारण ग्रामीणों की शिकायत की अनदेखी करते हुए ठेकेदार को बचाने जांच अधिकारियों ने पक्षपात पूर्ण रिपोर्ट तैयार की गई है। निर्माणाधीन छात्रावास भवन में काम कर रहे वर्करों ने अपना नाम गोपनीय रखने और समाचार पत्र में नाम ना छापने की शर्त में बताया है कि घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर भवन तैयार किया जा रहा है। भवन में जंग लगे लोहे की पुरानी रॉड लगाई गई है और घटिया सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है, छात्रावास भवन की बीम ,कालम और नींव कमजोर बनी है तेज बारिश के चलते भवन धंसने का खतरा है। आम नागरिक ईओडब्ल्यू के अधिकारियों से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग शासन से की जा रही है।
अधिकारी नही देते सूचना के अधिकार की जानकारी
इस मामले में आदिवासी विकास विभाग में जब सूचना के अधिकार के तहत छात्रावास जानकारी मांगी गई जिसका जवाब आज तक नही दिया गया गया है आप अंदाजा लगा सकते है कि अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में इतने लिप्त है कि वे निर्माणाधीन भवन संबंधी कोई भी जानकारी देने से आखिर क्यो कतराते है इससे साफ – साफ जाहिर होता है कि भ्रष्टाचार में सबकी लिप्तता है अब देखना होगा कि जिले की कलेक्टर और जनप्रतिनिधि इस मामले में क्या कार्रवाई करते है।
पक्षपात रिपोर्ट तैयार कर, कलेक्टर को किया गुमराह
सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड अंतर्गत बेहरई गांव में करोड़ो की लागत से बन रहे नवीन जूनियर आदिवासी छात्रावास भवन में भारी भ्रष्टाचार होने की शिकायत अधिकारियों से ग्रामीण अनेकों बार कर चुके है और ईओडब्ल्यू टीम से उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग लंबे समय से कर रहे है। लेकिन ठेकेदार की ऊंची पहुंच के चलते जिले के विभागीय अधिकारियों को शिकायत की जांच सौंपा जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के द्वारा ठेकेदार के पक्ष में जांच रिपोर्ट तैयार कर सिवनी कलेक्टर को गुमराह किया जा रहा है, ग्रामीणों का मानना है कि नवीन जूनियर आदिवासी छात्रावास भवन की ईओडब्ल्यू टीम से उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो भारी भ्रष्टाचार सामने आएगा।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर, वर्करों ने खोले राज
निर्माणाधीन छात्रावास भवन में काम कर रहे मजदूरो ने भवन के घटिया निर्माण के बारे में बताया है, मजदूरो ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि निर्माणाधीन छात्रावास भवन में संबधित विभागीय अधिकारी की गैर मौजूदगी में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, नौसिखिए अप्रशिक्षित मिस्त्री के द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है, बीम और कालम कमजोर बने है, निर्माण एजेंसी ठेकेदार ने भवन को पेटी ठेके में देकर एक व्यक्ति के द्वारा भवन निर्माण कराया है, पेटी ठेकेदार के द्वारा कम दर पर नौसिखिए अप्रशिक्षित मिस्त्री और मजदूरों से भवन तैयार करवाया जा रहा है, बताया गया कि जंग लगे लोहे और घटिया सीमेंट का इस्तेमाल कर भवन खड़ा किया गया है, कई सालों पुरानी ईट लगाई गई है और जंग लगे लोहे के दरवाजे, पुराने चैखट लगाकर पेंटिंग कर दी गई है, पेटी ठेकेदार के सुपरवाइजर के भरोसे की बुनियाद पर जल्दबाजी में भवन खड़ा किया गया है। सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि नवनिर्मित छात्रावास भवन की बार बार शिकायत होने पर पेटी ठेकेदार के द्वारा जल्दबाजी में लीपापोती की गई बिल्डिंग को निर्माण एजेंसी ठेकेदार संबधित विभाग को सौंपने की तैयारी में है। हाल ही में प्रदेश के झाबुआ जिले में एक निर्माणाधीन सिनेमाघर की छत गिरने से 25 मजदूर मलबे में दब गए थे जिसमें 2 मजदूरों की मौत हो गई थी। विभागीय अधिकारी संबधित निर्माण एजेंसी ठेकेदार को बचाने की भरपूर कोशिश कर रहे है। आम नागरिक प्रदेश सरकार से निर्माणाधीन छात्रावास भवन की ईओडब्ल्यू टीम से उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रहे है।







