एक ऐसी अजीबो – गरीब पचांयत जहां नही आते सरपंच सचिव

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सिवनी – मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर दूर अमरवाडा रोड पर स्थित ग्राम पंचायत तिघरा में अंधेरनगरी चैपट राजा की कहावत चरितार्थ हो रही है। यहा पर सरपंच श्रीमति उमा अजय बघेल जो कि दो वर्ष पूर्व चुनी गई है। वह ग्राम पंचायत तिघरा से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम धतुरिया में निवासरत है और ग्राम पंचायत में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करने आती है। यही हाल सचिव विकास बघेल का है। वे भी पंचायत नही आते एममात्र रोजगार सहायक यदाकदा पंचायत खोल कर बैठा रहता है। लेकिन पंचायत में विकास कार्यो पर विराम लगा हुआ है।
पंचायत में नाम तक अंकित नही है
यहां पर एक नही बल्कि अनेको समस्यायें व्याप्त है। इस पंचायत की जनसंख्या 890 है वही इसके अन्तर्गत आनेवाले ग्राम धतुरिया की 300 आबादी है। तथा ग्राम खापा में 200 लोग निवासरत है। मगर पंचायत ना खुलने से ग्रामवासी बिना काम के लौट जाते है। आश्चर्य तो इस बात का है कि कई वर्षो से इस पंचायत में पुताई तक नही हुई है। और पंचायत भवन के नाम तक अंकित नही है। इस पंचायत भवन के सामने कच्ची नाली बहती है। जो पंचायत अपने भवन के लिए नाली नही बना सकें वह ग्राम का विकास का कार्य क्या करेंगी।
पुलिया तक नही बनी
हालात इतने बदतर है कि पंचायत भवन के पीछे से बहने वाली नाली गहरी है और सडक पार करने लिए पुलिया की अति आवश्कता है मगर पंचायत ने इसे बनाने के लिए कभी सोचा ही नही बारिश में इन नालियों का बहाव तेज होता है। जिससे बच्चों को भी खतरा बना रहता है। सूत्रो की माने तो ग्राम पंचायत ने नाली सफाई व निर्माण की राशि का आहरण तो किया मगर खर्च नही किया गया इस बात की पुष्टि पंचायत के दस्तावेजो से की जा सकती है।
अनुपयोगी जलाशयो का हो सरक्षंण या उसे पूर दिया जाये

यहा पर लगभग 20 वर्ष पूर्व महेन्द्र बघेल के घर के पीछे कुॅंआ है जो शासकीय भूमि पर बना हुआ है। इसका उपयोग ना होने से यह अनुपयोगी हो गया है। जिसे या तो पूर दिया जावे या इस सरंक्षित किया जावे जिससे बारिश में फैलने वाली बीमारी को रोका जा सकें।
वृक्षारोपण के शेष बचे ठूंठ
ग्राम पंचायत के ठीक सामने दो टाॅको का निर्माण किया गया था जिसमें मवेशी पानी पीते है। मगर टांको के चारो ओर कीचड व पानी के कारण मवेशी टांको तक भी नही पहुॅच पा रहे है। और मच्छरो का प्रकोप बढ गया है। पूर्व सरपंच के कार्यकाल में जो वृक्षारोपण किया गया था वह अब ठूठ के रूप में देखे जा सकते है। ग्रामवासियों ने बताया कि ग्राम पंचायत की गोचर भूमि ( पशुओ के चारे की भूमि ) लगभग 60 एकड भूमि जो शासकीय थी उसपर अतिक्रमणकारियो ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।
सरपंच सचिव नही आते पंचायत भवन में
सरपंच सचिव पर ग्रामवासियों आरोप लगाया है कि उनसे फोन पर बात करना चाहे तो वह फोन उठाना भी उचित नही समझते। इस गाॅव में कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ तो दूर बात जनपद सीईओ भी आना पसंद नही करते। आज तक किसी भी अधिकारी व विधायक सांसद कभी नही आये। ग्रामवासियों ने बताया कि अगर इन समस्याओ पर कार्रवाई नही की गयी तो ग्रामवासी आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे। पत्रकार भी पहली बार हमारे गाॅव आये है जिससे हमें हर्ष हो रहा है।

मै निय‍मित रूप से ग्राम पंचायत तिघरा जाता हॅॅू में अतिरिक्‍त प्रभार में हूँ सरपंच महोदया का पूर्व सरपंच से मतभेद था

सचिव विकास बघेल