सिवनी – मुख्यालय से महज पाॅच से छह किलोमीटर की दूरी पर मंडला रोड पर आमाझिरिया के पास खेती की जमीन का समतलीकरण किया जा रहा है जिसके तहत बडी – बडी मशीने लगाई जाकर युद्ध गति से रात और दिन कार्य चल रहा है जिसमें कई सारे पेडो को जड समेत उखाडकर उन्हे नष्ट कर दिया गया है।
जहां से जहां इस जमीन का समतलीकरण किया जा रहा है वह बाईपास और मंडला मुख्य मार्ग पर स्थित है। जहां से रोज कई सारे बडे अधिकारियो को आना जाना होता ही रहता है सूत्र बताते है यह नवनिर्मित कालोनी जो कि लगभग 9 एकड जमीन पर जो कि ग्रीन लैंड है उसमें तैयार की जा रही है उस पर कैसे समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है यह सबसे बडा प्रश्न है।
आपको जानकारी के लिए बता दें ग्रीन बेल्ट की जमीन, जिसे हरित पट्टी भी कहा जाता है, एक ऐसा क्षेत्र है जो शहरी क्षेत्रों के आसपास या साथ में होता है, जहां विकास, विशेष रूप से निर्माण, प्रतिबंधित या पूरी तरह से निषिद्ध होता है. इसका मुख्य उद्देश्य शहरी फैलाव को रोकना, वन्य जीवन और कृषि भूमि की रक्षा करना और शहर के निवासियों को प्राकृतिक वातावरण प्रदान करना है.


ग्रीन बेल्ट की जमीन के बारे में कुछ और बातें उद्देश्य
ग्रीन बेल्ट का मुख्य उद्देश्य शहरी फैलाव को रोकना, कृषि भूमि की रक्षा करना, वन्य जीवन को आश्रय प्रदान करना और शहर के निवासियों को प्राकृतिक वातावरण प्रदान करना है.ग्रीन बेल्ट में आमतौर पर निर्माण, विशेष रूप से आवासीय और औद्योगिक निर्माण, प्रतिबंधित होता है.
कृषि और वानिकी ग्रीन बेल्ट में कृषि, वानिकी और मनोरंजक गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है.लंदन के आसपास की ग्रीन बेल्ट इसका एक प्रसिद्ध उदाहरण है. ग्रीन बेल्ट को ग्रीनबेल्ट या ग्रीनबेल्ट संपत्ति भी कहा जाता है.ग्रीन बेल्ट शहरी क्षेत्रों को अनियंत्रित रूप से फैलने से रोकती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का संरक्षण होता है.यह उपजाऊ कृषि भूमि को खोने से बचाता है और स्थानीय खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देता है. ग्रीन बेल्ट वन्यजीवों के लिए आवास प्रदान करती है और जैव विविधता को बढ़ावा देती है.ग्रीन बेल्ट हवा और पानी को शुद्ध करने में मदद करती है, जिससे शहरी क्षेत्रों में बेहतर पर्यावरण की स्थिति बनती है.ग्रीन बेल्ट शहर के निवासियों को प्रकृति के साथ जुड़ने और आराम करने के लिए खुली जगह प्रदान करती है. ग्रीन बेल्ट न केवल शहरी निवासियों को लाभान्वित करती है, बल्कि आसपास के ग्रामीण समुदायों को भी लाभान्वित करती है, क्योंकि यह ग्रामीण जीवन शैली को बनाए रखने में मदद करती है।


इस मामले में कालोनी में बैठे एक सज्जन ने बताया कि अभी तो समतलीकरण का कार्य चल रहा है आगे देखेंगे इस जमीन पर क्या करना है जब आगे पूछा गया कि यह तो ग्रीन बैल्ट की भूमि है इस पर तो सिर्फ प्रकृति के संरक्षण कार्य किया जा सकता है जबकि यहा पर लगे पेडो को जडो से ही उखाड दिया गया तो उनका कहना था इतनी मंहगी जमीन पर खेती थोडी करेंगें। मतलब साफ है कि इस पर तो कालोनी ही बनेगी अब देखना होगा कि ग्रीन बैल्ट की भूमि कैसे यलो बैल्ट की होती है और कालोनी कटती है। आगे प्रशासन के सामने सबसे बडी चुनौती यह है कि इस ग्रीन बैल्ट की भूमि पर कैसे कालोनी का निर्माण होता है और इस मामले में प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।