कारगिल युद्ध सबसे विषम परिस्थिति में लड़े गए युद्धओ में से एक है – अजय बाबा पाण्डेय
सिवनी-प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस पी जी कॉलेज सिवनी में कारगिल विजय दिवस का गरिमापूर्ण आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आगाज रितिका सोनी व कीर्ति द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीत व हमारे जबाज सैनिकों के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ रविशंकर नाग ने बताया कि कारगिल विजय को आज 26 वर्ष पूर्ण हुए, देश के युवाओं को हमारी सेनाओं के शौर्य व पराक्रम से परिचित कराने के उद्देश्य से ऐसे आयोजन शासन की मंशानुरूप किये जाते है। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि की आशंदी से बोलते हुए जनभागीदारी अध्यक्ष अजय बाबा पाण्डेय ने कहा कि कारगिल युद्ध सबसे विषम परिस्थिति में लड़े गए युद्धओ में से एक है। कहा कि इस लड़ाई में हम हर प्रकार से चुनौतीयों से घिरे थे, 18000 फीट की ऊचाई पर दुश्मन बैठा था। जहां पहुंचकर हमारे सैनिकों को 140 पोस्ट को दुश्मन के कब्जे से वापस लेना था। फिर भी हमारे सैनिको ने इस युद्ध में विजय प्राप्त कर अपने पराक्रम का लोहा मनवाया।

पडोसी मुल्क ने धोखे से हमारी ऊंचाई वाली 140 पोस्ट पर कायरता से कब्जा कर लिया था – लेफ्टिनेंट पवन कुमार वासनिक

एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट पवन कुमार वासनिक ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि पडोसी मुल्क ने धोखे से हमारी ऊंचाई वाली 140 पोस्ट पर कायरता से कब्जा कर लिया था। जिसकी जानकारी हमारी सेना को देर से मिली। फिर भी इस कठिन चुनौती को स्वीकार कर हमारे सैनिक आगे बढ़ते रहें व दुश्मन के मनसूबे पर पानी फेर दिया। कहा कि लगभग 60 दिन चली इस लड़ाई का सफल अंत हुआ। 14 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायजेयी ने घुसपैठियों के खिलाफ चले ऑपरेशन विजय की सफलता का ऐलान किया था। 26 जुलाई 1999 को आधिकारिक तौर पर कारगिल युद्ध की समाप्ति हुई थी। इस जंग में भारतीय सैनिकों की गौरवपूर्ण जीत और देश के लिए जवानों की शहादत इतिहास के पन्नों में दर्ज होकर अमर गाथा बन गई।

कारगिल विजय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों ने किस प्रकार अपने प्राणों की आहुति दी – के सी राउर

क्रीड़ा अधिकारी के सी राउर ने कहा कि एनसीसी के तत्वावधान में कारगिल विजय के शहीदों की वीरता व साहस को नमन करने के लिए शानदार आयोजन किया गया। कहा कि कारगिल विजय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों ने किस प्रकार अपने प्राणों की आहुति दी और हमारे देश की सुरक्षा सुनिश्चित की। यह हमारे लिए एक प्रेरणा स्रोत है और हमें अपने सैनिकों पर गर्व है। हम सभी को उनके बलिदान और उनकी वीरता के लिए सदैव कृतज्ञ रहना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम उनकी यादों को जीवित रखें और आने वाली पीढ़ियों को उनके बारे में बताते रहें।

कार्यक्रम में एनसीसी केडेट्स पियूष चैरसिया, भारती पारधी, प्रत्याँचा , पल्लवी, युक्ति व अंशुल ने भी कारगिल युद्ध का सुंदर वर्णन किया। युद्ध के दौरान शहादत को प्राप्त होने वाले सैनिकों से परिचय कराया।

कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय स्टॉफ, एनसीसी व एन एस एस के विद्यार्थियों द्वारा मोमबत्तीयां प्रज्वलित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।