सिवनी – सरकार द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा धन खर्च किया जा रहा है जिसको लेकर सरकार बेहद ही संवेदनशील भी है जिसके पीछे सरकार की मंशा यह होती है कि जो बच्चे आज स्कूलो में पढाई कर रहे है वे भविष्य में राष्ट्र की नीव है उन बच्चों के मस्तिष्क पटल पर देश की ऐसी तस्वीर उकेरा जाना चाहिए कि वे बच्चे भविष्य में उसके आगे की सोच सकें क्योकि बच्चो को भी पता है हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटलविहारी बाजपेयी ने पूरे देश में सडको का जाल बिछा दिया जिससे देश के विकास में गति आई लेकिन जब दूर – दराज क्षेत्रो से ऐसी तस्वीरे मीडिया के माध्यम से सामने आती है तो बहुत दुख होता है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रो में कई सारे ऐसे स्थान है जहां कि सडकें स्वयं अपनी दुर्दशा की कहानी स्वयं बयां करती है ऐसी बात नही है कि इस बात की खबर जिले के कलेक्टर से लेकर जनप्रतिनिधियों को नही है लेकिन कही ना कही इन अधिकारियो जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का शिकार ग्रामीण क्षेत्र की भोली – भाली जनता और छोटे – छोटे स्कूली बच्चे होते है। अब आप सोचिये यदि इस मार्ग से किसी प्रसूता महिला को स्वास्थ्य केन्द्र तक लाना हो तो कैसे पैदल तो छोडिये एम्बुलेंस भी कैसे स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुॅचेगी यह बहुत बडा प्रश्न है। लेकिन जमीनी स्तर पर देखने में आ रहा है कि कही पर स्कूलो की दुर्दशा है जहां स्कूलो की छते बारिश के चलते टपक रही है तो कही देखने में आ रहा है कि बच्चे छतरी लेकर क्लासरूम में पढाई कर रहे है तो कही छत से सीमेंट उखडकर गिर रही है।
तो कही छते इतनी कमजोर हो गई है कि छतो पर बल्लियाॅ लगाई गई है।
जर्जर भवन में संचालित स्कूल छात्रों का भविष्य खतरे में…
सिवनी जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत केवलारी के अंतिम सीमावर्ती क्षेत्र पां. छपारा अंतर्गत ग्राम पंचायत नसीपुर के ग्राम कुनबी टोला में शासकीय माध्यमिक शाला जहां पर 70 छात्र छात्राएं विद्या अर्जन कर रहे हैं, यहां पर आधा दर्जन शिक्षकों की पद स्थापना भी है, लेकिन गंभीर विडंबना यह है, कि तस्वीरों में स्पष्ट नजर आ रहा है, कि किस प्रकार बल्लियों के सहारे से स्कूल की छत को सहारा दिया गया है.
मानते हैं बरसात का दौर अनवरत जारी है, लेकिन क्या शिक्षा विभाग के पास में इतना भी फंड नहीं है,कि हमारे भवनों को हम समय रहते रिपेयरिंग कर ले, इस क्षेत्र की विडंबना कहे या दुर्दशा स्वर्गीय ठाकुर हरवंस सिंह त्रि विभागिय मंत्री के लाडले सुपुत्र विधायक ठाकुर रजनीश सिंह यहां विधायक पद का नेतृत्व कर रहे हैं.
उनकी विधानसभा अंतर्गत कोई यह पहला स्कूल नहीं है, जहां पर जर्जर भवन में विद्यालय संचालित हो रहा है. क्या उनकी विधायकी केवल चबूतरा और सभा मंच तक ही सीमित है.

जीर्ण शीर्ण अवस्था में पुल और पुलिया…
एक तरफ बारिश का कहर जोरों पर है, नदी नाले उफान पर हैं, पांडिया छपारा से नाई टोला मार्ग पर एक पुलिया जो जरा सी बरसात का सामना नहीं कर पाती,
उगली क्षेत्रांतर्गत बात किया जाए तो बावली,सारसडोल, गोरखपुर हर जगह पुलियाओं की स्थिति दयनीय है, खासी परेशानी छात्र-छात्राओं को करना पड़ता है, और ग्रामीणों को भी अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए उगली मुख्यालय का रुख करना होता है,लेकिन जरा सी बारिश आने पर यह नाले बाढ ग्रसित हो जाते हैं, खरपड़िया से घूरवाड़ा मार्ग पर बरगुर नाले पर निर्मित पुल भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में अपनी व्यथा का बखान स्‍वयं कर रहा है,क्या इनके कर्मठ कार्यकर्ताओं का इस और कोई रुख नहीं है, जबकि जनपद पंचायत केवलारी के जिम्मेदार जनपद उपाध्यक्ष का कार्यक्षेत्र भी यह जो नसीपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है,जहां से यह जनपद सदस्य हैं.
केवल लकड़ी और रेत के कारोबार में ही यहां के नेता अपने आप को चर्चाओं में रखकर बिजनेस करते नजर आते हैं.
क्षेत्र के स्कूल सड़क पुलियां जर्जर अवस्थाओं में है, इस और इनका ध्यान बिल्कुल भी नहीं है जाता.
कुनबी टोला के संबंधित प्रधान पाठक ने गत दिवस ग्राम के पालक शिक्षक संघ जिम्मेदार नागरिकों की उपस्थिति में एक अवलोकन टिप बनाते हुए इसकी प्रतिलिपि संकुल प्रभारी जन शिक्षक बीआरसी और जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया है,
क्या समाचार प्रकाशन के बाद संवेदनशील कलेक्टर इस और ध्यान आकर्षित करेंगी या ऐसे ही जर्जर स्कूल में विद्यार्जन करते हुए छात्रों के ऊपर कोई दुर्घटना यदि हो जाती है, तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा.
अभी गत दिवस राजस्थान के एक स्कूल की इमारत ढहने से लगभग सात छात्रों की दबने से मौत की खबर भी आई है.
क्या इन दुर्घटनाओं और अन्य खतरों से प्रशासन नहीं जागेगा?