नियम निर्देशो की उड रही धज्जियाॅ
सिवनी – जिले में संचालित स्कूली बसों के संचालन के संबंध में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। सभी स्कूलों को उनके स्कूल में संचालित उपयोगी तथा अनुपयोगी स्कूली बसों की जानकारी देना जरूरी होगा। साथ ही सभी स्कूली बसों का फिटनेस, बीमा, परमिट आदि जरूरी दस्तावेज होना अनिवार्य रहेगा। कोई भी कमी पाये जाने पर कार्रवाई होगी। साथ ही कहा गया है कि सभी स्कूली बसों में सुरक्षा के सभी प्रबंध सुनिश्चित किये जाये।
बिना सुरक्षा इंतजामो के धडल्ले से चल रही स्कूल बसें
रेसीडेंसी में शहर में संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों के संचालकों और प्राचार्यों की महत्वपूर्ण बैठक यातायात विभाग और आरटीओ द्वारा आखिर क्यो नही की जा रही है। जिसमें अतिरिक्त परिवहन अधिकारी स्कूल बसों के लिए जरूरी दिशा-निर्देशों और मोटरयान अधिनियम के संबंध में विस्तार से जानकारी दें साथ ही अपेक्षा की जा रही है साथ ही दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाये। पालन में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाये साथ लापरवाही बरतने वाले स्कूल संचालको के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये। विश्वस्त सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार कई स्कूली बसें ऐसी हैं, जिनका फिटनेस समाप्त हो गया है और उनका अभी तक नवीनीकरण नहीं कराया गया है, बैठक में शैक्षणिक संस्थानों को उनकी बसों के वैध प्रमाण पत्र एवं बसों में लगाई जाने वाली की एलटीडी डिवाईस, स्पीड गवर्नर, एफएपीएस (अग्नि सुरक्षा उपकरण), सीसीटीवी केमरा इत्यादि की जानकारी उपलब्ध कराये जाने हेतु फार्मेट उपलब्ध कराया गया। कुछ शैक्षणिक संस्थान के संचालकों/प्रतिनिधियों द्वारा ऑटोमेटेस टेस्टिंग सेन्टर फिटनेस सेन्टर एवं लगाने वाले अधिकृत एजेन्सियों द्वारा समय पर कार्य न करने एवं डिवाईस में आ रही समस्याओं के संबंध में बताया गया, उनके द्वारा इस संबंध में लिखित आरटीओ के समक्ष शीघ्र प्रस्तुत करने हेतु कहा गया।
आखिर स्कूल बसो की जाॅच के लिए अधिकारियो के कदम क्यो नही उठते
एआरटीओ और यातायात विभाग कार्यालय के सबसे कई ऐसे स्कूल है जो नियम विरूद्ध तरीके से वर्षो से संचालित की जा रही है लेकिन यातायात विभाग और परिवहन विभाग के अधिकारियो के कदम आखिर इन स्कूलो के बसों की जाॅच के लिए क्यो नही उठते यह सबसे बडा प्रश्न है।
आखिर चालको की क्‍यों नही होती है जाॅच
मुख्यालय में सैकडो की संख्या में स्कूल बसें संचालित की जाती है जिसमें ड्रायवरों के मादक पदार्थ (शराब) के सेवन को रोकने हेतु ब्रिचिंग एनेलाईजर मशीन से प्रतिदिन दो बार सुबह एवं दोपहर को ड्रायवरों की जांच की जानी चाहिए लेकिन कभी भी यह देखा नही गया कि किसी यातायात या एआरटीओ द्वारा चालको की जाॅच की गई हो, जिससे शराब पीकर वाहन चलाने पर अंकुश लगाया जा सके। अन्य सभी स्कूल को भी उक्त मशीन क्रय कर सतत् निगरानी करने हेतु निर्देशित किया जाना चाहिए।
स्कूल बसों के सुरक्षात्मक संचालन हेतु दिशा-निर्देश –

  1. उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन जरूरी।
  2. स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए।
  3. बसों के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए, अगर किसी एजेन्सी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए।
  4. बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स होना चाहिए।
  5. बस में परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिए।
  6. प्रत्येक स्कूल बस में सुरक्षा हेतु हॉरिजेंटल ग्रिल लगे होने चाहिए।
  7. प्रत्येक बस में आग बुझाने के उपकरण होना चाहिए।
  8. बस पर स्कूल का नाम और फोन नम्बर लिखा होना चाहिए।
  9. बस में सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होना चाहिए।
  10. प्रत्येक स्कूल बस चालक को कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए।
  11. बसों में कंडक्टर/टीचर/माता-पिता/अभिभावक में से कोई एक जरूर होना चाहिए, बच्चों की देखभाल के लिए। (स्कूल बस में छात्राओ को लाना या ले जाने किया जा रहा है, तो सम्बंधित बस में महिला चालक या परिचालक का होना आवश्यक है)
  12. चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज हो।
  13. स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक स्कूल बसें आपातकालीन निकास द्वार स्थापित हो।
  14. स्कूल बस में जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य है और उन्हें हर समय काम करने की स्थिती में रखा जाना चाहिए।
  15. स्कूल बस में परदे या शीशे में फिल्म नहीं होना चाहिए ताकि अन्दर की गतिविधियां बाहर से दिखाई दे।
  16. स्कूल बस के अन्दर पर्याप्त रोशनी व सफाई होनी चाहिए।
  17. बच्चों की सुरक्षा के लिए बस की सीटें गैर ज्वलनशील सामग्री की होनी चाहिए।
  18. स्कूल बस पर रिफ्लेक्टि टेप और स्टॉप साइन होना चाहिए।
  19. सभी स्कूल बस चालकों के पास वैध रजिस्ट्रेशन फिटनेस, परमिट, पीयूसी, बीमा होना चाहिए।
  20. स्कूल बस में स्टेपनी टायर और मरम्मत किट होना चाहिए।
  21. बस में इमरजेंसी सायरन और अलार्म बेल/पैनिक बटन होना चाहिए। (बस में हर सीट के बाद पैनिक बटन लगा हो)
  22. बस चालक वाहन चलाते समय मोबाईल फोन का प्रयोग न करे।
  23. वर्षा काल में यदि पुल/पुलिया पर पानी का अधिक बहाव होने पर पुलिया पार न करे।
  24. विद्यार्थियों को सीमित संख्या में, क्षमता के अनुसार ही परिवहन किया जावे।
  25. स्कूल संचालकों द्वारा समय-समय पर बस चालको की कॉउंसलिंग ट्रैनिंग कि जाए।
  26. स्कूल प्रबंधन व बस संचालकों द्वारा जीपीएस व सीसीटीवी के माध्यम से सुचारू रूप से निगरानी रखी जावे।
  27. बसों के दरवाजे के अन्दर से बन्द करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
  28. स्कूल प्रबंधन द्वारा विद्यार्थियों और पालकों से वाहन चालकों के संबंध में जानकारी/फीडबैक प्राप्त की जाये।
  29. बस चालक व परिचालक का यूनिफार्म में होना अनिवार्य है।
  30. बस के केबिन में छात्र-छात्राओं को न बैठाया जाये।
  31. वर्षाकाल के दौरान वाहनों के संचालन हेतु पालन किये जाने वाले दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।