सिवनी – या देवी सर्वभूतेषू शक्ति रूपेण सस्थिता नमस्तै नमस्तै नमस्तै तस्यै नमो नमः,
या देवी सर्वभूतेषू मातृ रूपेण सस्थिता नमस्तै नमस्तै नमस्तै तस्यै नमो नमः,
या देवी सर्वभूतेषू विद्या रूपेण सस्थिता नमस्तै नमस्तै नमस्तै तस्यै नमो नमः,
या देवी सर्वभूतेषू झुधा रूपेण सस्थिता नमस्तै नमस्तै नमस्तै तस्यै नमो नमः,
या देवी सर्वभूतेषू लक्ष्मी रूपेण सस्थिता नमस्तै नमस्तै नमस्तै तस्यै नमो नमः,
या देवी सर्वभूतेषू दया रूपेण सस्थिता नमस्तै नमस्तै नमस्तै तस्यै नमो नमः,
या देवी सर्वभूतेषू क्षमा रूपेण सस्थिता नमस्तै नमस्तै नमस्तै तस्यै नमो नमः,
शारदेव नवरात्र शक्ति की भक्ति की उपासना का पर्व प्रारंभ होने जा रहा है इससे पहले आपको बता दें हमारे देश में यह पर्व बडे ही धूमधाम से मनाया जाता है नो दिनो तक कोई जवारे बोकर तो कोई मूर्ति की स्थापना कराकर नो दिनो तक व्रत रखकर लोग श्रद्धाभाव से यह पर्व मनाते है इस दौरान आजकल गरबा भी मनाया जाता है गरबा एक प्रकार से देवी के प्रति गरबा नृत्य कर देवी की उपासना की जाती है जो कि आजकल एक फैशन बन गया है। इस तरह से नौ दिनो तक हर कस्बे में नगर में धूमधाम रहती है कही कही तो रामलीला का मंचन भी नौ दिनो तक चलता रहता है तो देवी की भक्ति से ओतपोत होेकर जश का आयोजन भी किया जाता है जिसमें देवी माॅं के भजन गाये जाते है आजकल लोग अपने शौक पूरा करने और दिखावे के चक्कर में लाखो रूपये खर्च कर देते है मकसद सिर्फ और सिर्फ दिखावा होता है जिसमें बडे से बडा टेंट,डीजे और अन्य तरह के दिखावे किये जाते है इस पूरे मामले में विचारणीय विषय यह है कि हम देवी की प्रतिमा बनाने वाले को उसका मेहनताना नही दे पाते है तो वही नो दिनो को जो पुजारी देवी की सेवा में लगा रहता है जब उसकी दक्षिणा की बारी आती है तो हम तरह तरह के बहाने बनाते है। हम जो लोग भी देवी की प्रतिमा की दक्षिणा और ब्राम्हण की संतोषजनक नही देे पाते वे कोशिश करें की दूसरी चीजो में आप कटौती करें लेकिन पूजन सामग्री उत्तम से उत्तम और प्रतिमा और ब्राम्हण की दक्षिणा देने में कमी ना करें यह मेरा व्यक्तिगत मत है।