आखिर सिविल सेवा नियम में प्रावधान होने के बाद भी आदेश का उल्लंघन करने पर उपयंत्री पर नही हो रही कार्रवाई
पूरा का पूरा मामला 1400 वर्गफिट के प्लाट,766 वर्गफिट की अनुज्ञा और 1800 वर्गफिट में हो रहे व्यवसायिक भवन के निर्माण का मामला गर्माया

सिवनी – नगर पालिका परिषद सिवनी सीएमओ के द्वारा कबीर वार्ड निवासी अशोक यादव के द्वारा अनुाज्ञा के विपरीत किये जा रहे अवैध निर्माण पर कार्रवाई किये जाने के उपयंत्री संतोष कुमार तिवारी को किए गए आदेश पर किसी तरह की कोई कार्रवाई सुनिश्वित नही करते हुए उपयंत्री संतोष कुमार तिवारी के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियो के आदेशो का उलंघन किया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी सीएमओ के द्वारा उपयंत्री संतोष कुमार तिवारी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ना किया जाना अनेको सवाल कटघरे में खडा कर रहा है। कि कही उपयंत्री संतोष कुमार तिवारी के साथ – साथ कही उक्त अवैध निर्माण कार्य में सीएमओ की भी मौन सहमति तो नही है।


अपने अधिकारी के आदेश का पालन ना करने पर क्या कार्रवाई हो सकती है।
इस मामले में उल्लेखनीय होगा कि शासकीय विभाग में सीएमओ ने कोई आदेश दिया और उपयंत्री ने उसे मानने से इंकार कर दिया,तो वह आज्ञा का उल्लंघन और कदाचार की श्रेणी में माना जायेगा। सिविल सेवा नियमों के अधिकारी के वैध आदेशो के पालन करना अनिवार्य है। नियम 19 ( सीसीए रूल्स 1966 ) यदि कोई कर्मचारी वैध आदेश का पालन करता है तो उसके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। नियम में दिये गये प्रावधानों के तहत आज्ञा का पालन नही करने वाले अधिकारी – कर्मचारी के वेतन वृद्धि रोकना,वेतन कटौती,निलंबन ,पदोन्नति रोकना,सेवा बर्खास्तगी किये जाने जैसी कार्रवाई की जा सकती है। यदि आदेश वैघ और विभागीय कार्य से संबंधित था और उपयंत्री ने पालन नही किया,तो यह अनुशासनहीनता और उस पर विभागीय जाॅच एवं दंडात्मक कार्रवाई संभव है।


अनुज्ञा कुछ की प्लाट का साईज कुछ और निर्माण हो रहा कुछ और पर
महावीर वार्ड निवासी संजय चैरसिया के द्वारा जिला कलेक्टर से शिकायत की गई थी कि कबीर वार्ड में स्वयं के प्लाट पर 766 वर्गफिट में निर्माण हेतु नगरपालिका से अनुज्ञा प्राप्त की गई थी,अशोक यादव के द्वारा स्वीकृत अनुज्ञा के विपरीत किये गए निर्माण कार्य अतिक्रमण भाग को अतिक्रमण दल के साथ जाकर हटाये जाकर 3 दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने लिए कहा गया था ताकि उक्त कार्रवाई से कलेक्टर सिवनी को अवगत कराया जा सके। लेकिन नगरपालिका परिषद सिवनी मं पदस्थ उपयंत्री संतोष कुमार तिवारी द्वारा इस सबंध में आज दिनाॅक तक किसी भी तरह कार्रवाई ना कर प्रतिवेदन प्रस्तुत नही किया गया है।


आखिर अतिक्रमणकारी को उपयंत्री द्वारा खुला सरंक्षण क्यों
नगरपालिका में पदस्थ उपयंत्री संतोष कुमार तिवारी द्वारा कबीर वार्ड के उक्त भू – स्वामी से अपनी अर्थलिप्सा की पूर्ति करके उसे अतिक्रमण करने हेतु खुला सरंक्षण देने के संकेत मिल रहे है। क्योकि अतिक्रमण हटाये जाने के सीएमओ के द्वारा आदेश जारी किये जाने के बाद भी आज दिनाॅंक तक किसी तरह की कार्रवाई का ना किया जाना जिसमें भू – स्वामी के द्वारा अपने निजी प्लाट 1400 वर्गफिट में 766 वर्गफिट की अनुज्ञा के विपरीत अपने प्लाट एरिया से अधिक 1800 वर्गफिट में निर्माण किया जा रहा है। उक्त निर्माण को उपयंत्री संतोष तिवारी के द्वारा भी रोका नही जा रहा है। बल्कि अतिक्रमणकारी बे – रोक टोक निर्माण कार्य निरंतर जारी है। अब सवाल यह उठता है कि जो अतिरिक्त 400 वर्गफिट भूमि पर निर्माण हो रहा है। वह भूमि किसकी है,यह जाॅच का विषय है।
अनुज्ञा आवास की और निर्माण हो रहा व्यवसायिक रूप से
भू – स्वामी के द्वारा नगरपालिका सिवनी से रहवासी भवन निर्माण हेतु 766 वर्गफिट में निर्माण की अनुमति ली गई है। लेकिन जिस तरह से निर्माण कार्य जारी है उसे देखकर कोई भी साफ – साफ बता सकता है कि उक्त निर्माण व्यवसायिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। उक्त भवन में ग्राउंड फलोर में दो दुकाने निकाली गई है,जबकि कमरे भी जिस तरह से बनाये जा रहे है उससे साफ है कि वह किराये से देने के लिए बनाए जा रहे है। जिनका बाद में व्यवसायिक उपयोग किया जायेगा। इस तरह से पूरा भवन ही व्यवसायिक दृष्टिकोण से बनाया जा रहा है। यह पूरा निर्माण कार्य नगरपालिका के कर्ताधर्ता बन बैठे संतोष कुमार तिवारी के सरंक्षण एवं अधिनस्थ अमले की देखरेख में चल रहा है। इतना ही नही कबीर वार्ड में तो यह भी चर्चा है कि अशोक यादव के द्वारा जब – जब उपयंत्री संतोष तिवारी जाॅच करने पहुॅचते है तो उनका मुॅह कागज के टुकडो से भरकर बंद कर दिया जाता है।
नपा में पदस्थ उपयंत्री संतोष तिवारी पर उठ रहे कई गंभीर सवाल
नगर के कबीर वार्ड मे ंहो रहे अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर मुख्य नगरपालिका सीएमओ के द्वारा नगर पालिका परिषद सिवनी में पदस्थ उपयंत्री संतोष कुमार तिवारी को 19 जून 2025 को कार्रवाई करके तीन दिनो के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे किन्तु तीन माह बीत जाने के बाद भी उक्त अवैध निर्माण कार्य बेरोकटोक जारी है। और उस पर किसी तरह की कार्रवाई भी उपयंत्री संतोष तिवारी के द्वारा नही की गई और ना ही प्रतिवेदन सक्षम अधिकारी के सामने प्र्रस्तुत किया गया । इस तरह संतोष तिवारी उपयंत्री के द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों के वैधानिक आदेश का पालन ना करके सिविल सेवा नियम का खुला उलंघन किया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी मुख्य नगरपालिका अधिकारी सिवनी के द्वारा उपयंत्री संतोष तिवारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई नही किया जाना सीएमओ की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खडे करता है।