अपने आप को कोतवाली का सिंघम समझने वाले तीन स्काट कर्मचारी निशाने पर
सिवनी – पुलिस अधीक्षक जैसे ही टेªनिंग पर भोपाल रवाना हुए जिसके बाद दो महिने के लिए प्रभार में रेल्वे एसपी शिमाला प्रसाद को जिले का प्रभारी एसपी नियुक्त किया गया था तो वही एसपी शिमाला प्रसाद ने पाॅच थानो से कुछ सिपाहियों और हवलदारों को चुनकर एक स्काट तैयार किया जिसके बाद स्काट का जिम्मेदारी सिवनी के विवादित कार्यप्रणाली मे लिप्त सिपाही वर्तमान हवलदार योगेश राजपूत को स्काट की पूरी कमान सौपी गई।
स्काट ने अवैध धंधे वालो से खुलेआम वसूली का रास्ता निकाला
इस स्काट का गठन नशे के कारोबार पर लगाम लगाना था लेकिन स्काट का एक और चेहरा तब सामने आया जब पता चला कि स्काट अपने उददेश्यो से भटकते हुए गरीबो को,छोटे अपराधियों और छटे हुए बदमाशो का सहारा लेकर बखारी के चर्चित शोएब खान के द्वारा स्काट ने अवैध धंधे वालो से खुलेआम वसूली का रास्ता निकाला। तो वही सूत्रो की माने तो एक मामला स्काट का तब सामने आया जब सिवनी के पूर्व पार्षद के सवा लाख का जुंआ स्काट ने लूट लिया और अधिकारियो को भनक तक नही लगने दी।
चालक को चैापहिया वाहन समेत उठाया और अज्ञात जगह ले जाकर ठूस दिया
मतलब साफ था कि स्काट अवैध कारोबार करने वालो के खिलाफ कार्रवाई ना करने बजाए उनके सहारे अवैध उगाही का धंधा करना था। इसी बीच एक और मामला प्रकाश में आया जब बखारी के एक टैक्सी चालक महादेव हो हीरा मेडिकल से चैापहिया वाहन समेत उठाया और अज्ञात जगह ले जाकर उसे ठूस दिया गया। मामले को रफा – दफा करने का दौर चलते रहा और स्कूल की छुटटी होने पर मैजिक चलाने वाले महादेव के समय पर बच्चो को लेने स्कूल ना पहॅुचन पर पालको को फोन स्कूल प्रबंधन लगाते रहा।
तीस हजार के लेन – देन और वह भी मोबाईल में फोन के माध्यम से
जब चालक की खोजने का काम जारी हुआ तब पता चला कि गाडी तो थाने में खडी है मामला वही से गडबडाने लगा। अब सवाल यह उठता है आखिर बखारी से सटोरिये शोएब को किसने थाने बुलाया और क्या यह सटोरिया सैटिंग के लिए बखारी से थाने आया था यदि किसी ने उसे बुलाया नही तो शोएब को कैसे पता चला कि महादेव साहू को स्काट ने पकडकर रखा है। जिसके बाद तीस हजार के लेन – देन और वह भी मोबाईल में फोन के माध्यम से इस मामले में सूत्रो से पता चला कि शोएब ने योगेश पुलिस वाले को पूरे पैसे दिया। मतलब साफ था कि भय का माहौल बनाकर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शिमाला प्रसाद का स्काट पूरी उगाही कर रहा था। कबाडियो को,जुआरियों को ले देकर पूरा संरक्षण सुरक्षा के साथ दे रहा था। पुलिस अधीक्षक को धोखे में रखकर अवैध वसूली का खेल इस स्काट के द्वारा किया जा रहा था।
जाॅच में पता चल जायेगा कि स्काट ने कितने मामले रफा – दफा किये
आपको बता दे जिले में अवैध कारोबार करने वाले मंडली का जुंआ खुल्लम – खुल्ला जगंलो में पूरी सुख सुविधाओ के साथ चलता था आज भी लगातार जारी है स्काट जुआरियों का टोटल हिमायती रहा है। अनेको मामले इस स्काट के है जिसमें बात उपर तक पहुॅची तो स्काट ने मामले को छोटा – मोटा बनाकर मामले को रफा – दफा कर दिया। यदि इस स्काट के दो महिने के कार्यो की जाॅच बारीकी से हो जाए तो सब कुछ दूध की तरह साफ हो जाएगा ।
अभी तीन लोग स्काट के जो अधिकारियो के निशाने पर है
इसी तारतम्य में पुलिस महानिदेशक के आदेश पर स्काट प्रभारी योगेश राजपूत का सिवनी जिले से हटाकर नरसिंहपुर जिले में स्थानातंरित कर दिया गया है। वो वही सूत्र बताते है कि अभी तीन लोग स्काट के जो अधिकारियो के निशाने पर है इसमें एक चर्चित सिपाही कोतवाली का बताया जा रहा है मतलब इनके उपर भी जिला बदर की कार्रवाई होने के साफ संकेत मिल रहे है।