मामला सिवनी जिले का है जहां जघन्य और सनसनी खेज मामला दिनांक 10 दिसम्बर एवम 11 दिसम्बर 2016 की दरमियान रात्रि की यह घटना महाराणा प्रताप नगर , कबीर वार्ड डूंडा सिवनी की है । जहा पर रहने वाले नागेंद्रसिंह पिता पूनाराम ठाकरे उम्र 38 वर्ष का साला गुन्नू ऊर्फ शैलेंद्र पटले आए दिन नागेंद्र से पैसों की मांग करता रहता था । नोटबंदी के समय उसके द्वारा 1 लाख 70 हजार रूपए अपने खाते से निकालकर अपने घर में रखा था , जिसे उसकी पत्नी पिंकी ऊर्फ सरोजिनी ठाकरे ने इधर – उधर कर दिया था इसी बात पर से पत्नी से उसका दो तीन दिन पूर्व विवाद भी हुआ था ,उसकी पत्नी अपने भाई का सपोर्ट करती थी । इसी वजह से अपने साले को मारने का प्लान बनाया था । उसी प्लान के अनुसार वह दिनांक 10 दिसम्बर 16 को सुबह 11 बजे वह टीवीएस मोटर साइकल से जबलपुर गया था और एक होटल में रूम लिया था और अपना मोबाइल होटल में ही रखकर , अपने साले को घर में फोन करके बुलाया था । रात्रि करीब 11 बजे वह सिवनी अपने घर आया और उसी समय अपने साले से 1,70,000 रूपये के बारे में बाड़ी में ले जाकर पूछा जिसके बाद पैसो को लेकर साले से विवाद होने लगा तो पहले से घर की बाड़ी में रखी कुल्हाड़ी से नागेन्द्र सिंह ने पहले अपने साले गुन्नू ऊर्फ शैलेंद्र के जबड़े और सिर में मारा और जब वह नही मरा तो , उसके गिरने पर रस्सी से गला घोट कर मार दिया और फिर पत्नी पिंकी ऊर्फ सरोजनी को कुल्हाड़ी से मारा ,जिसके बाद अपनी ही मां प्रमिला ठाकरे को और बेटी डाली को भी कुल्हाड़ी से मारा था सभी को मरा हुआ समझकर आरोपी नागेंद्र घर से भाग गया ,घटना के समय आरोपी की 5 वर्षीय छोटी बेटी भी थी, जिसे आरोपी नागेन्द्रसिंह मार नही सका ,उसने ही अपने पड़ोसी को जाकर रात्रि 1 बजे लगभग घटना की पूरी सूचना दी अपने घर बुलाया जिसके बाद पड़ोसी ने नागेन्द्र के घर जाकर देखा तो वे दंग रह गये जिसके बाद पुलिस को सूचना दी थी । घटना में आरोपी के द्वारा कुल्हाड़ी से मारने से उसकी मां प्रमिला और उसके साले शैलेंद्र की मौत हो गई थी और पत्नी पिंकी और बेटी डाली बच गए थे । आगे मीडिया प्रभारी अभियोजन मनोज कुमार सैयाम ने बताया कि जिले के इस जघन्य और क्रूर घटना की विवेचना विवेचना पुलिस के द्वारा पूर्ण कर माननीय न्यायालय अभियोग पत्र में पेश किया था । जिसमे शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक नवल किशोर सिंह के द्वारा सशक्त और प्रभावी पैरवी की गई। जबकि इस मामले के चश्मदीद और आहत साक्षी आरोपी की पत्नी और बेटी के पक्षद्रोही हो गए और घटना से मुकर गए , परंतु परीस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर माननीय न्यायालय श्रीमान प्रथम सत्र न्यायाधीश सिवनी ,के द्वारा अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और तर्को से सहमत होते हुए आरोपी नागेंद्र ठाकरे को अपनी मां और साले की हत्या में धारा 302 धारा 302 आईपीसी में दो बार आजीवन कारावास एवम पत्नी और बेटी को गंभीर हमला करने की धारा 307,307 आईपीसी में दो बार 10,10 वर्ष की सजा और साक्ष्य छुपाने के अपराध की धारा 201 आईपीसी में दो बार 05 वर्ष का कारावास एवम कुल 5000 रूपये जुर्माने की सजा से दंडित करने का फैसला दिया है ।







