सिवनी – जल जगंल और जमीन हमारे कितने जरूरी है इनके बगैर हमार जीवन संभव ही नही है इसके बावजूद जल प्रदूषण वायु प्रदुषण के अलावा वनो की अंधाधुंध कटाई जिसमें कही विकास के नाम पर तो कही वन माफियाओ के द्वारा किया जा रहा है जिसके चलते वन्य जीवो का जीना दूभर हो गया है जिसके चलते वन्य जीव जगंल जो उनका घर है उसे छोडकर वे आवासिय क्षेत्रो में चलकर आ रहे है यह बहुत की गंभीर विषय है जिस पर सरकारो के अलावा हमे भी विचार करना चाहिए वरना हमारा भविष्य खतरो से खाली नही है आपको बता दें वनों को बचाने के लिए भारत में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 सबसे प्रमुख कानून है, जो वन भूमि को गैर-वन उपयोगों के लिए मोड़ने से रोकता है और इसके लिए केंद्रीय सरकार की पूर्व अनुमति को अनिवार्य करता है। इसके अतिरिक्त, वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और वनों के संबंध में अधिकारों और नियमों को स्थापित करने के लिए वन अधिकार अधिनियम, 2006 भी मौजूद हैं। इसके बावजूद भी सोमवार के दिन क्षेत्र के कुरई जनपद अंतर्गत कुरई दक्षिण सामान्य वन परिक्षेत्र अंतर्गत कुरई वन परिक्षेत्र की पीपरवानी, परासपानी बीट में ग्राम आगरी के पी. ओ.आर – 35615,20 पास अवैध रूप से लकड़ी परिवहन करते हुए पिकअप वाहन सहित तीन आरोपियों को वन विभाग की टीम ने दबिश देकर पकड़ा है।


मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में अवैध रूप से लकड़ी परिवहन की सूचना लगातार प्राप्त हो रही थी, इस संबंध में कर्मचारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। दक्षिण सामान्य सिवनी के वन मंडलाधिकारी गौरव मिश्रा के निर्देशन तथा उपवन मंडलाधिकारी योगेश पटेल के मार्गदर्शन में सोमवार की बीती रात्रि लगभग 3 बजे यह कार्रवाई की गई। पीपरवानी पारसपानी बीट में ग्राम आगरी के समीप सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी बालेश्वर सिंह के नेतृत्व में वन अमले ने पिकअप वाहन क्रमांक एमएच 24 एयू 0181 को रोककर तलाशी ली। वाहन में सवार तीन व्यक्तियों उलेश्वर पिता शंकरलाल नंदेश्वर, निवासी कोशरी टोला, मुरझर (वारासिवनी, बालाघाट), मुकेश पिता प्रेमलाल पटले, निवासी मदनपुर (वारासिवनी, बालाघाट), अखलेश पिता सुखराम माडरे, निवासी पीपरवानी, कुरई ने पूछताछ में लकड़ी परिवहन संबंधी किसी प्रकार का वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया। तलाशी के दौरान वाहन से खैर की कुल 36 नग लकड़ी, कुल 1.34 घनमीटर जप्त की गई है।
इस कार्रवाई में सहायक परिक्षेत्र अधिकारी बालेश्वर सिंह के साथ वनरक्षक श्रीमती रेखा उईके, सतेंद्र धुर्वे, प्रवेश राही, नितिन पटेल, सुरेश बर्मन एवं सुरक्षा श्रमिक अनिल कुमार परते, परसराम तेकाम, राशीचंद ठाकरे, दिनेश कुमरे सहित वाहन चालक आशीष मेश्राम का योगदान रहा।