सीएम राइज विद्यालय सुकतरा में छात्र से मारपीट का आरोप, अभिभावक ने प्रशासन से न्याय की मांग
पूर्व में भी एक छात्र को गणवेश न पहनने पर धूप में खड़ा करने की शिकायत
सुकतरा – सी.एम. राइज विद्यालय सुकतरा में एक बार फिर छात्र से मारपीट का गंभीर मामला सामने आया है। ग्राम मोहगांव सड़क निवासी सतकुमार साहू ने आरोप लगाया है कि उनके पुत्र दिव्यांश साहू (कक्षा 5वीं) के साथ विद्यालय के प्राचार्य और स्टाफ द्वारा लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
अभिभावक के अनुसार लगभग एक माह पूर्व विद्यालय के प्राचार्य संजय श्रीवास्त्री ने दिव्यांश को कान में जोर से मारा-पीटा था। इससे बच्चे के कान में तीव्र दर्द, सूजन तथा मवाद बनने की स्थिति हो गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि बच्चा स्कूल आने-जाने में भी असमर्थ हो गया।
181 पर शिकायत, फिर दबाव में वापस करवाए जाने का आरोप
घटना के बाद सतकुमार साहू ने डायल 181 पर शिकायत दर्ज कराई, जिसका पंजीयन क्रमांक 34674350 है। अभिभावक का आरोप है कि शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधन ने उन पर दबाव बनाकर आवेदन वापस करवा लिया। प्रबंधन ने भरोसा दिलाया था कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी।
लेकिन दीपावली अवकाश के बावजूद उत्पीड़न का सिलसिला नहीं रुका।
अवकाश के बाद दिव्यांश के स्कूल पहुंचने पर एक शिक्षक ने फिर उसके कान पर प्रहार किया, जिससे दर्द और मवाद की समस्या और बढ़ गई।
लगातार दुर्व्यवहार से बच्चा स्कूल जाने में डर महसूस कर रहा है, वहीं परिवार भी मानसिक तनाव में है।
पूर्व का मामला – गणवेश न पहनने पर धूप में खड़ा करना
परिवार ने यह भी बताया कि इससे पहले गणवेश न होने पर एक अन्य छात्र को तीखी धूप में खड़ा किया गया था, जिससे वह चक्कर खाकर गिर पड़ा था। इसकी भी शिकायत की गई थी।
सतकुमार साहू ने कहा कि “यदि मेरे पुत्र की हालत बिगड़ती है या भविष्य में किसी प्रकार का शारीरिक या मानसिक नुकसान होता है, तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्राचार्य संजय श्रीवास्त्री और संबंधित शिक्षक की होगी।”
जनजाति विभाग के एसी, एसडीएम, तथा थाना कुरई में शिकायतें दी हैं, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई।
प्राचार्य संजय श्रीवास्त्री ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि “परिजन विद्यालय प्रबंधन पर ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहे हैं।”
अंत में अभिभावक ने जिला प्रशासन एवं पुलिस अधीक्षक से त्वरित और नियमानुसार कार्रवाई की मांग की है, ताकि बच्चे को न्याय मिल सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।