सिवनी। खुरसुरा रेत खदान में पिछले दिनों हुए विवाद ने अब गंभीर रूप ले लिया है। खदान संचालन से जुड़े लोगों के बीच बढ़ती खींचतान, धमकियों और हमले की ताजा घटना ने पूरे मामले को एक बड़े विवाद में बदल दिया है।यह विवाद का नतीजा यह रहा कि विवाद में हुई फायरिंग में एक युवक को गोली लगने से वह घायल हो गया। फायरिंग की घटना के बाद अब रेत ठेका कंपनी ने अपनी आपबीती बताई की क्षेत्र में लोग गिरोह बना कर हिस्सेदारी के लिए दबाव बना रहे थे। कंपनी द्वारा पुलिस को दी गई लगातार शिकायतों और हालिया हमले के बाद अब क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
लगातार हिस्सेदारी की मांग का आरोप
ठेका कंपनी पक्ष का आरोप है कि राजा चैहान गिरोह और उससे जुड़े कुछ लोग खदान में हिस्सेदारी को लेकर लगातार दबाव बना रहे थे। ठेकेदार के कर्मचारियों ने 13, 14 और 17 नवंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि राजा चैहान और शांडिल्य समूह द्वारा खदान में काम रुकवाने, विवाद पैदा करने और बड़ी वारदात की आशंका जताई गई थी।
जानकारों के अनुसार, ठेका कंपनी का दावा है कि ओम शांडिल्य, सतानंद शांडिल्य, राजा चैहान और राजा सोनी मिलकर खदान संचालन में बाधा डाल रहे थे। कंपनी का आरोप है कि ये सभी समूह मिलकर दबाव बना रहे थे कि खदान में सिर्फ हम ही काम करेंगे, अन्यथा कोई नहीं कर पाएगा।
कंपनी का कहना है कि रंगदारी न देने की वजह से लगातार धमकियां मिल रही थीं, जिनका परिणाम हालिया हमले के रूप में सामने आया। जिसने फायरिंग हुई और एक युवक घायल हो गया।
पूजा के दौरान हमला, वाहन तोड़े जाने का दावा
रेत ठेका संभालने वाले कर्मचारी के अनुसार, घटना के दिन कंपनी के कर्मचारी सामान्य प्रक्रिया के तहत खदान में पूजा करने गए थे और सभी निहत्थे थे। पाठक का आरोप है कि राजा चैहान और अशोक शांडिल्य पहले से ही विवाद की तैयारी में मौजूद थे और हथियारबंद युवक विवाद को अंजाम देने के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे।
ठेकेदार पक्ष का दावा है कि उनके कर्मचारियों पर अचानक हमला किया गया, वाहनों में तोड़फोड़ की गई और कई लोग इस झड़प में घायल हो गए। उनका का कहना है कि यह हमला सुनियोजित तरीके से किया गया और हमला करने वालों का उद्देश्य खदान पर अपना नियंत्रण स्थापित करना था। हमारे कर्मचारी निहत्थे थे तो फायरिंग किसने और किस हथियार से की इसकी सूक्ष्मता से जांच की जानी चाहिए। हमने शासन से यह खदान विधिवत ठेका में लिए है और इसकी रॉयल्टी भी दी गई है। शासन को हमारे द्वारा करोड़ों का राजस्व दिया है लेकिन ऐसे अड़ीबाज लोगो के गिरोह हमारे काम में सबसे बड़ा रोड़ा बन रहा है।







