सिवनी – नगर के ड्रीमलैण्ड सिंटी स्थित एसएससी शिक्षा महाविद्यालय में दो तिलक से काव्य गोश्ठी का आयोजन किया गया जिसमें जिला साहित्य मंच के तत्वावधान में यह कार्यक्रम सम्पन्न किया गया इस अवसर जिन – जिन साहित्यकारो ने अपनी रचनाओ पर काव्यपाठ किया उनकी रचनाओ के कुछ अंश कुछ इस प्रकार है इस अवसर पर सर्वप्रथम विद्या की देवी सरस्वतीजी का पूजन दीपप्रज्जवलित कर एवं सभी साहित्यकारो का तिलक कर उनका श्रीफल वस्त्र प्रदान कर सम्मान किया गया जिसके बाद कार्यक्रम की बेला में
साहेबलाले दशरिये सरल मेहता, घंसौर द्वारा गायन वाचन संचालन पर किरपा तेरी बनी रहे दयादृष्टि तेरी हम पर हो, चाह की चादर तनी रहे हे वीणापाणि मां, तू भक्ति का आगार दे, हे हंसवाहनी मां, स्वर दे हे मां शारदे । रचना का वाचन कर कार्यक्रम प्रांरभ किया
अम्बिका शर्मा सिवनी
प्रीत की रीत है अनकही ही रहे बोल दोगे तो अफसाना हो जायेगी.
रमेश श्रीवास्तव चातक
घर में नहीं जो कल तो, कैसा बसंत है। घर में है अगर कंत तो, समझो बसंत है। पिया जो हुए संत तो कैसा बसंत है , संत जो घर आए तो,समझो बसंत है।
जगदीश तपिश
चाँद से मांग ली थोड़ी सी चांदनी उसने सुबह उठते ही सूरत से उजाला मांगा रब ने पूछा बता क्या चाहिये मेरे बच्चे भूख से बेहाल था बस एक निवाला मांगा
⑤ सूफी रियाल निदा
जब खबर आई उनके आने की फिक्र थी अपना घर सजाने की साथ चलना पड़ा जमाने के बात रखनी पड़ी
जमाने की शाहनवाज कुरेशी सिक्नी
न तख्तो ताज न कोई जागीर माँगी थी मैंने तो बस तुझसे तेरी तस्वीर मांगी थी तू मेरी चाहत मेरे ख्वाबों की बने शहजादी अपने ख्वाबों की यहीं तो ताबीर माँगी थी
योगेश योगी
मौत के सिवा बता हकीकत क्या है मैं हूं बस तेरा और गनीमत क्या है ?. मैं थोड़ा ही बचा हूॅं, मुझे खर्च होने दे मैं देखना चाहता मेरी कीमत क्या है।
बीरेन्द्र बीरन
आया बसंत छाया बसंत,चहुदिषी फैली आमगंध।
कोयल कूकी डाल – डाल,गूंजी स्वर लहरी दिगदिंगत।

प्रेमपुजारी
सुनो जो वेलेंटाइन है, मौसम आजफाइन है करो न चैक साहन है, हर एक नई डिजाईन है मै कल ही देख कर आई तुमसे बिना पूछे मै नही लाई
डा.रामकुमार चतुर्वेदी
शब्दों की है भूल भुलैया, भावो का है मंथन। गीत तराने गाने निकले करा रहे है नर्तन ।।
अजयकुमार बोपचे
मै छोड़ गई विरासत में बदतर विस्तार फूटे बर्तन, हम बहनो में उम्र का अंतर।
कार्यक्रम के इस अवसर पर मोहन चंदेल,एडव्होकेट अखिलेष यादव के अलावा कहानीकार रचनाकार बुद्धिजीवीवर्ग के संज्जनवृंदो की उपस्थिती में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ जिसका रसास्वाद सभी ने बडे ही चाव और आंनद से किया कार्यक्रम के अंत में आभार डाक्टर रामकुमार चतुर्वेदी द्वारा किया गया।