कविगणों ने दहाड़ा भी, हंसाया भी रुलाया भी तीर तलवार से बजरंग दल ने किया सम्मान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में हुयी कविता की बौछार
सिवनी – भारत विकास परिषद विगत 20 वर्षों से मानव सेवा संस्कार उन्मुख सामाजिक संस्था है। जिले में इस संस्था को गणेश गुप्ता ने कार्य के माध्यम से पहचान दी। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर राष्ट्रप्रेम सभी क्षेत्रों में यह संस्था समर्पित है। संस्था के प्रांतीय कोषाध्यक्ष सुनील मालू, डॉ प्रफुल्ल श्रीवास्तव, सुबोध बाझल, अंकित नाहर, डॉ. आर. के. चतुर्वेदी तथा महिला विंग की सतादी बाइाल, शिल्पा बक्शी द्वारा जिले में अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। आज यह संस्था पंडित डी.पी. चतुर्वेदी शिक्षा के क्षेत्र में कार्यों को नहीं भुला पायेगी। डॉ. के.के. चतुर्वेदी ने कहा कि एक पिता के आदर्श और प्रेरणा हमारी पूंजी है। बाबूजी ने शिक्षा दान का महत्व बताया और युवा पीढी के लिये नयी दिशा दी। 25 वर्षों से डी.पी.सी. कॉलेज फल फूल रहा है। बाबूजी पंडित डी.पी.चतुर्वेदी के जन्मदिन पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में फिरोजाबाद के पूर्व सांसद एवं कवि ओमपाल सिंह निडर का बजरंग दल द्वारा तलवार देकर रामसेना द्वारा शिवाजी महाराज की तस्वीर भेंटकर वहीं वनवासी विकास परिषद ने तीर कमान देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कवियों का स्वागत हर्ष डॉ. के.के. चतुर्वेदी, प्रद्युम्न, अजित चतुर्वेदी ने किया। फिरोजाबाद से आये ओमपाल सिंह निडर ने कहा कि उठो ! साथियों निज धर्म बिक न जाये बहनों ! जागो निज शर्म बिक न जाये यह आरजू है मेरी कविगणों से सबकुछ बिक जाये पर कलम बिक न जाये। राश्ट्रदेवता की पूजा करना अपराध है तो मुझको घमंड है कि मै भी अपराधी हूॅ। कर सपना साकार अवध मथुरा काषी जायेगें कसम राम की खाते है मंदिर वही बनायेंगे। नागपुर की कवियत्री मंजूश्री पुष्प कारेगोर ने कहा लगातार शांति का एक स्वर नया सरगम बनाना है। लगाकर रंग सदभाव का नया परचम बनाना है। लगाकर प्रेम की बलिदान की त्याग की तस्वीर हमें आपस में मिल के नारी का एलबम बनाना है। आगरा के गीतकार प्रांजल सिंह ने कहा प्यार का पुष्प खिल जाये तो क्या करें कोई रस्ते में मिल जाये तो क्या करें, हमने बोला कि कोई आवाज दे, और हंस कर निकल जाये तो क्या करें।
इसी कड़ी में जबलपुर के कवि सूरज राय सूरज ने कहा चेहरों पर मुस्कान दिलों में लेकर खाई बैठें हैं करके सारे लोग हिसाबें पाई पाई बैठे हैं। आज वसीयत करने वाले बाबूजी दौलत की, घर में पहली बार इकटठे भाई-भाई बैंठे हैं। तुमसर के विजय बघेले ने कहा कास्मेटिक से बूढी भी जवान दिखती है, याने इस मोहब्बत से ठंडी हवा मिलती है। इस जमाने में विजय गम को छुपाने के लिये दारू दुकान में अंग्रेजी दवा मिलती है। बरेली के प्रेम नारायण साहू ने कहा राम जी ने अपने ही घर में प्रवेश घर-घर में दिवाली से दीप जलने लगे सारे देवी देवता भी हो गये प्रसन्न सभी राम-राम जपने लगे। ललितपुर के विरेन्द्र विद्रोही ने कहा मुझे मखमल के बिस्तर पे सोना नहीं आया। मेरे बच्चो के हाथों में खिलौना भी नहीं आया। हमारी दासता सुनकर कहीं रोने न लग जाउ गरीबी के दिनों में भी हमे रोना नहीं आया । घंसौर के साहिबलाल दसरिया ने कहा भांग मदिरा पीने वाले मद में मानो चूर हुये चैराहे और चैपाटी में भरपूर हुये पशु प्रवति मार रही है, मानवता को गोली, बच्चे- बच्चे बोल रहे हैं इंटरनेट की बोली। इस अवसर पर सफर जौनपुरी ने भी काव्य पाठ किया । कार्यकम का संचालन संजय जैन संजू ने किया। इस आयोजन में वनवासी विकास परिषद के नाथूराम धुर्वे, दुर्गाशंकर श्रीवास्तव, अभय सिंह राठौर, शशिबाला डेहरिया, संजय शर्मा, रामगोपाल ताम्रकार, विपनेश जैन, आलोक जैन, सुनील सोनी, प्रफुल्ल जैन, अजय चतुर्वेदी सहित देवीसिंह निर्मलकर का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर आभार डॉ. राम कुमार चतुर्वेदी ने किया।