सिवनी – एनएसयूआई जिलाध्यक्ष इंजी. धनंजय सिंह ने 16 अगस्त को प्रेस वार्ता आयोजित कर जानकारी दी की आने वाले कुछ दिनों में पूरे मध्यप्रदेश में एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आषुतोष चैकसे के नेतृत्व में प्रदेश के सभी कॉलेजों में कैंपस चलो अभियान की शुरुआत की करेगी। साथ ही धनंजय सिंह ने आगे बताया कि हम इस अभियान को सिवनी के सभी कॉलेजो में चलाएंगे और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मृणाल पंथ के मार्गदर्शन में बना छात्र मांग पत्र को सभी छात्रों तक पहुॅचायेंगे। इस मांग पत्र में वो सभी मांगे है जो आज के समय में छात्रों के लिए अत्यंत आवश्यक है। सिवनी के सभी कालेजों में एनएसयूआई की स्थानीय कमेटी द्वारा छात्रों को यह पत्र देकर समर्थन मांगा जाएगा और इस मांग पत्र में जो मांग की गई है उन मांगो को पूरा कराने के लिए कॉलेज स्तर पर, जिले स्तर पर और प्रदेश स्तर पर आंदोलन कीये जायेंगे।
साथ ही धनंजय सिंह ने यह कहा की सिवनी महाविद्यालय जिसका नाम अब बदल कर प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस कर दिया गया है उसमे दो घोर लापरवाही सामने आई है जिसके लिए दोषियों पर कार्यवाही होना अति आवश्यक है –
’प्रथम प्रकरण’- पीजी कालेज जिसका नाम अभी बदलकर प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस कर दिया गया है। उसी कालेज में गंभीर लापरवाही या यू कहे हजारों बच्चो के भविष्य को कुचलने का काम किया जा रहा है। एक आयुष बोरकर नामक छात्र जो की कामर्स प्रथम वर्ष में ह जिसे अक्सर किसी पूर्व कलेक्टर या किसी आफिसर के बगल में खडे होकर आपने फेसबुक आदि सोषल मिडिया में देखे होगे लोग उसे आयुश बाबा के नाम से भी जानते है जिसने कालेज प्रशासन से साॅंठ- गाॅंठ करके कॉलेज से उत्तर पुस्तिका और प्रश्न पत्र घर पर ले जाकर। घर से ही उत्तर पुस्तिका पर लिखकर कॉलेज में जमा करता है और ताज्जुब की बात तो ये है की वह उर्तीण भी हो जाता है। यह तो बाकी हजारों छात्रों के साथ अन्याय है जो रात दिन मन लगा कर पढ़ाई करते है और अच्छे नंबर लाते है अपनी मेहनत के दम पर। और यह काम तब तक संभव नहीं है जब तक कोई बड़ा प्रोफेसर के निर्देश ना हो। जब शिक्षा के मंदिर में ही बईेमानी की जाने लगे तो कौन भरोसा करेगा शिक्षा की व्यवस्था पर। यह सिर्फ कालेज की के द्वारा किया गया छात्रों के साथ घोर अन्याय नहीं है यह भाजपा सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है उसका नतीजा है। जब यह बात एनएसयूआई के द्वारा उठाई जाती है तो खानापूर्ति के नाम पर जनभागीदारी के अंतर्गत काम कर रहे कर्मचारी को निलबित कर कॉलेज प्रशासन अपनी घोर लापरवाही को छुपाने का काम कर रहा है। संतुष्ट कार्यवाही ना होने पर एनएसयूआई के द्वारा सिवनी के वर्तमान कलेक्टर क्षितिज सिंघल को 8 जनवरी 2024 को ज्ञापन दिया गया। तब भी कोई संतोष जनक कार्यवाही नही की गई। बस कालेज के प्राचार्य ने उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दे दिया। परंतु अभी तक उक्त मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। जिसको ले कर सिवनी एनएसयूआई अब फिर से और ताकत के साथ आंदोलन करेगी और जरूरत पड़ने पर दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। जो भी एग्जाम कंट्रोलर उस समय था वह भी संदेह के घेरे में आता है क्योंकि इतनी बड़ी चूक छोटे कर्मचारी के बस की बात नही है। इसमें जरूर पीजी कालेज के उन बड़े प्रोफेसर की सहभागिता जरूर है जो प्राचार्य नाग सर के करीबी बने हुए है और यह चर्चा जोरों पर भी है।
और यह भी देखा जाना चाहिए की पीजी कालेज सिवनी में कितने ऐसे प्रोफेसर है जो लगातार कई वर्षो से सिवनी महाविद्यालय में ही जडे जमाये बैठे है और अपनी राजनीतिक पकड़ के दम पर ट्रांसफर होने नही देते और वे अपने आप को कालेज में स्थापित कर चुके है और इसी कारण वे ना तो लेक्चर लेते है और ना ही नियमित कालेज आते है अगर आ भी गए तो घूम फिर कर वापस चले जाते है यह भी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कालेज में किया जा रहा है। ट्रांसफर एक प्रक्रिया है और यह प्रशासन का अहम हिस्सा है इसलिए कालेज में लंबे समय से जो प्रोफेसर है उन्हे भी जल्द से जल्द ट्रांसफर कर नए प्रोफेसर को लाना जरूरी है जो सिर्फ छात्रों की शिक्षा पर ध्यान दे।
’दूसरा प्रकरण’ – वर्षो से कालेज के बरामदे में लगे हुए पेड़ो को बिना किसी कारण कटवा दिया गया। जब एनएसयूआई के माध्यम से आवाज उठाई गई तो पता चला कि उन पेड़ो की कटाई की ना तो परमिशन है और ना ही उन पेड़ो की कटाई करवाने का कोई उचित कारण बता पा रहे है।
जहां एक ओर पूरा देश वृक्षारोपण को बढ़ावा दे रहा है हर बड़े-बड़े मंत्री विधायक, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सभी अपने जन्म दिवस पर वृक्षारोपण कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पीजी कॉलेज सिवनी में कई वर्षों से लगे हुए वृक्ष जो की प्राणदायनी ऑक्सीजन देते हैं उन्हें बिना वजह और निर्दयता और निर्ममता के साथ काटना कहां तक सही है परन्तु पता नहीं सिवनी पीजी कालेज का प्रशासन अपनी मनमानी करके सिवनी कॉलेज को बर्बाद करने पर क्यों तुला हुआ है। सिवनी जिला एनएसयूआई ने इसका विरोध किया पर अभी तक इसकी भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। और सुनवाई होगी भी कैसे जब सभी इस कृत्य में शामिल है। मेरा सिवनी की नवीन कलेक्टर महोदया से विनम्र निवेदन है की वे एक जांच कमेटी बना कर सिवनी के प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस (चह कालेज) की जांच करवाएं ताकि जितने भी भ्रष्टचार हुए है वो सभी जनता के सामने आए और दोषियों पर कार्यवाही हो सके। अन्यथा हम अपने कर्तव्य का पालन करते हुए छात्रों के हित की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे।परंतु सिवनी एनएसयूआई शांत नहीं बैठने वाली है हम पुनः दुगनी ताकत के साथ इन सभी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे और दोषियों पर कार्रवाई करवाने का कार्य करेंगे।
इस प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष राज गोस्वामी, जिला प्रभारी विपिन यादव ,युवा कांग्रेस नेता शक्ति सिंह जडेजा ,एनएसयूआई जिला अध्यक्ष धनंजय सिंह,एनएसयूआई जिला प्रभारी साजिद खान, नमन चैरशिया और यश बेस शामिल हुए।