उगली। केवलारी विधानसभा के अंतर्गत बरबसपुर के बच्चे जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने के लिए मजबूर हैं। स्कूल की दीवारें में दरारें आ गई हैं, और छत से पानी टपकता है, जिससे बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा खतरे में है।
हमारी टीम ने जब स्कूल का दौरा किया, तो पाया कि स्कूल की हालत बहुत खराब है। बच्चे सभा मंच में बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि स्कूल के कमरे जर्जर हैं। शिक्षकों ने बताया कि नये भवन के निर्माण लिए कई बार शिक्षा विभाग से अनुरोध किया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। शिक्षा विभाग को नये भवन का निर्माण करना चाहिए।
अचरज की बात यह स्कूल क्षेत्र में टाप है, – हम आपको बता दें सिवनी जिले के केवलारी जनपद के उपतहसील उगली से लगभग 17 किलोमीटर दूर शासकीय प्राथमिक शाला बरबसपुर, विकास खण्ड केवलारी, जिला सिवनी, जनशिक्षा केन्द्र-शास.उ.मा.वि. सरेखा कलॉ, संकुल केन्द्र-शास.उ.मा.वि.पां. छपारा आता है। पूरे केवलारी ब्लाक में किसी भी शासकीय प्राथमिक शाला में इतने बच्चे नहीं हैं। यहां 82 बच्चे पढ़ते हैं।
लेकिन सभा मंच में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे – लेकिन दुर्भाग्यवश बच्चे सभा मंच में बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि स्कूल के कमरे जर्जर हैं। शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही उजागर हो रही है। लगता है शिक्षा विभाग में चाहता है कि सरकारी स्कूलों में ताला लग जाए और सभी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाएं। वहीं स्कूल के बगल में एक अतिरिक्त कक्ष है, जिसका 2 अप्रैल 2005 को शिलान्यास हुआ था लेकिन अतिरिक्त कक्ष की हालत भी अस्तबल के समान हो गई। साथ ही पीएचई विभाग की भी लापरवाही उजागर हुई है, सेड में नल भी नहीं लगाया गया है, सिर्फ दिखावे के लिए बनाया गया है।जिबकी एक बात और विचारणीय है, एक माह पूर्व शाला के प्रधान पाठक दिनेश सोनेकर द्वारा स्कूल के जर्जर भवन के संबंध में बीआरसी केवलारी,जन शिक्षा केंद्र सरेखा और संकुल पां छपारा को लिखित में आवेदन भी दिया गया,जिसके आधार आर ई एस के उप यंत्री तिलगाम और संकुल व जन शिक्षा केंद्र के शिक्षकों द्वारा शाला का औचक निरिक्षण भी किया गया,एक माह बीत जाने के बाद भी आज दिन तक कार्यवाही नहीं की गई।