सिवनी। सबसे पहले मै नमस्कार करना चाहूॅंगा हमारे प्रिय दर्शको को आपने आज तक विकास की गंगा के बहने का नाम सुना होगा लेकिन आज हम साक्षात रूप से विकास की नहर को दो दिन पूर्व फूटते देखा था विकास इतनी तीव्र गति से हो रहा है इस नहर का मरम्मत का कार्य पूर्व में हो जाना था लेकिन जिम्मेदारो की लापरवाही और उदासीनता के चलते यह नहर फूट गई जिसके बाद आनन फानन में इस नहर के मरम्मत का कार्य शुरू हुआ और नहर की ऐसी मरम्मत हुई यह नहर फिर से फूट गई आपको बता दे भीमगढ़ दायीं तट मुख्य कैनाल की जामुनटोला- कान्हीवाड़ा के पास हालात बेहद ही गंभीर होती जा रही हैं। ऐसा क्या हुआ कि यह नहर दो दिन में ही फिर से मरम्मत के अगले ही दिन फूट गई, जिससे इस नहर में आने वाला पानी का बहाव बेकाबू हो गया और आसपास के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना ने न केवल जलसंसाधन विभाग के जिम्मेदार आला अफसरानो की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि किसानों को भी निराश होना पड रहा है। बात करे स्थानीय किसानों कि तो उन्हे तो एक तरफ नुकसान हो ही रहा है इसके अलावा उनका एक प्रकार से मजाक बनाया जा रहा है इससे इस घटना से यह तो साबित हो ही गया है कि इस मामले में कितना भारी भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी जाॅच कर दोषियो के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए आपको बता दे नहर मरम्मत के नाम पर सिर्फ दिखावा और किसानो के साथ छलावा हो रहा है प्रशासन को अधिकारियो द्वारा अंधेरे में रखकर भ्रष्टाचार का नंगा नाच किया जा रहा है जिसमें घटिया सामग्री और गैरजिम्मेदाराना तरीके से नहर के मरम्मत का कार्य किया गया जिसका अंजाम यह हुआ कि नहर एक दिन भी टिक नहीं पाई। किसानों का तो यह भी आरोप है कि जलसंसाधन विभाग ने उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया है और नहर के कार्य में पारदर्शिता नहीं बरती गई । नहर की मरम्मत के नाम पर केवल कागजी घोडे इतनी तेज गति से दौडा दिये गए कि नहर ही फूट गई कार्य में सिर्फ औपचारिकता गई है। विभाग ने जिनको इस कार्य की जिम्मेदारी सौपी थी उनके द्वारा घटिया निर्माण सामग्री और गैर-तकनीकी कार्यप्रणाली का परिणामस्वरूप यह स्थिति पैदा हुई। किसानों ने तो यह भी आरोप लगाया कि नहर मरम्मत के नाम पर केवल लीपापोती की गई और किसानो समस्याओं को अनदेखा कर पूरे काम को सुनियोजित तरीके से अंजाम तक पहुॅचाया गया।
कैसे होगा जल संरक्षण
अब सवाल यह उठता है कि इस नहर के फूटने से पूरे एरिये में जल संरक्षण और सिंचाई पर भारी प्रभाव पड़ा है। सैकड़ों हेक्टेयर कृषको के खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा, जिससे उनकी फसलो की बुवाई नही हो पा रही है। किसानों ने जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों से इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है। सूत्रो की माने तो ग्रामीणों का कहना है कि यदि ही समस्या का त्वरित समाधान नहीं किया गया तो क्षेत्रीय किसानो के सामने भारी संकट खडा हो जायेगा।