जिले में रजिस्टर्ड क्लिनिक और पैथालाॅजी 75 है तो वही 21 नर्सिग होम बकाया सब अवैध
सिवनी – एक समय था जब हर आदमी चिकित्सक को भगवान मानता था और यह सच भी है क्योकि यदि कहा जाये आदमी को यदि भगवान के बाद कोई जीवनदान दे सकता है तो वो है चिकित्सक लेकिन अब कुछेक चिकित्सको ने इस पेशे को बदनाम करके रख दिया है इसे एक व्यवसाय का नाम दे दिया गया है बडे – बडे महानगरो में तो मानव अंगो की तस्करी तक की जाती है आदमी इलाज कुछ का कराने जाता है बाद में घर लौटने पर पता चलता है कि उसकी तो किडनी ही गायब है आपको बता दे विज्ञान के इस आधुनिक दौर में मनुष्य ने कहा से कहा छंलाग लगा दी है अब विज्ञान की तकनीक इतनी आगे पहुॅच चुकी है कि आप और हम कल्पना भी नही कर सकते है। ऐसे दौर में चाहे नर्सिंग होम की बात करे या अवैध रूप से संचालित पैथालाॅजी इनका कारोबार शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण अंचलो मं इनका काला कारोबार पैरामीशियम की भाॅति अपने पैर पसार रहा है जो कि आम आदमी के लिए सिरदर्द बन चुका है मरीज लोग जब चिकित्सक के पास छोटी मोटी बीमारी को लेकर जाते है तो चिकित्सक के द्वारा खून के अलावा किसी भी तरह की जाॅच कराने की सलाह दे दी जाती है। और कहा जाता है कि पहले यह टेस्ट कराकर लाओ तब दिखाना तब ऐसी परिस्थिति मे मरीज को मजबूरी में पैथालाॅजी जाकर रिपोर्ट लाना होता है। जिले मे रजिस्टर्ड क्लीनिकल प्रतिष्ठानो की संख्या 75 है तो वही 21 नर्सिग होम है। इसके अलावा जितने भी क्लिनिक या नर्सिग होम जिले में संचालित हो रहे है सारे अवैध रूप से संचालित हो रहे है जिनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को कठोर कार्रवाई करनी होगी। पैथालाॅजी और नर्सिम होम के नियमो और योग्यता की जानकारी पढे अगले अंक मे।