सिवनी – जब हम कोई भवन का निर्माण करने जाते है तो उसके कुछ नियम होते जिसका हमें पालन करना होता है जिसके एवज में हमें नगर निगम या संबंधित स्थानीय निकाय से भवन निर्माण की अनुमति लेनी होगी, जो कि भवन के आकार, उपयोग और आसपास के क्षेत्र के अनुसार निर्धारित नियमों और विनियमों के अधीन होगी। लेकिन नियम कानूनो को दरकिनार कर नगर के बुधवारी बाजार में पापुलर शूज के संचालक द्वारा अवैध रूप से भवन का निर्माण करा लिया गया जिसकी ना तो भवन निर्माण से पूर्व अनुमति ही ली गई और जब वार्ड पार्षद द्वारा मामले की शिकायत की गई जिसके बाद नगरपालिका को अवैध रूप से बिना अनुमति के बन रहे भवन को रोक लगाने के लिए आदेश भी दिये गए लेकिन नगरपालिका द्वारा इसका पालन ना करते हुए धडल्ले से उक्त भवन का निर्माण होने दिया गया आखिर क्या मंशा थी नगरपालिका के अधिकारियो की यह अभी जाॅच का विषय है।
किसी गरीब द्वारा बिना अनुमति के आवास का निर्माण कराया जाता तो उसके लिए पूरा नगरपालिका का अमला एडी चोटी एक कर देता आखिर के किसके दबाव नगरपालिका के अधिकारी कोई ठोस कदम नही उठा पाये।
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण नियम दिए गए हैं

अनुमति – भवन निर्माण शुरू करने से पहले, आपको संबंधित स्थानीय निकाय से भवन निर्माण की अनुमति लेनी होगी.
भूमि का उपयोग – भवन का उपयोग किस लिए होगा (दुकान, ऑफिस, गोदाम, आदि), यह निर्धारित करने के लिए जोनिंग नियमों का पालन करना होगा.
पार्किंग
– कमर्शियल भवनों में पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह आरक्षित करनी होगी, जो कि भवन के आकार और उपयोग के अनुसार निर्धारित होगी.
खुला क्षेत्र – भवन के चारों ओर एक निश्चित खाली क्षेत्र (वचमद ेचंबम) छोड़ना अनिवार्य है, जो कि भवन की ऊंचाई और उपयोग के अनुसार निर्धारित होगा.
सुरक्षा – भवन निर्माण में सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है, जैसे कि अग्निशमन व्यवस्था, आपातकालीन मार्ग, आदि.
सामग्री
– भवन निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुसार होनी चाहिए.
ऊंचाई – भवन की ऊंचाई सड़क की चैड़ाई और अन्य कारकों के अनुसार निर्धारित की जाती है.
अवैध निर्माण – बिना अनुमति के निर्माण करना गैरकानूनी है और उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
कंपाउंडिंग – यदि आपने बिना अनुमति के निर्माण किया है, तो आप उसे कंपाउंडिंग के माध्यम से वैध करा सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको जुर्माना देना होगा.
फीस – भवन निर्माण की अनुमति के लिए एक निश्चित शुल्क देना होगा, जो कि भवन के आकार और उपयोग के अनुसार निर्धारित होगा.
जब इस विषय में नगरपालिका के सबइंजिनियर संतोष तिवारी से बात की गई तो उन्होने बताया कि उक्त भवन निर्माण का अनुमति ली गई है या नही मेरे संज्ञान में नही है आज छुटटी है हम कल बता पायेंगे।
जब सीएमओ सुश्री दिशा डहेरिया से बात गई तो उन्होने कहा कि मै अभी रैली की डयूटी में हूॅं अभी मै कुछ भी नही बता पाॅंउंगी।
वार्ड पार्षद से बात की गई तो उन्होने बताया कि मेरे द्वारा भवन निर्माण के जब कालम डल रहे थे तब ही शिकायत की गई थी जिसके बाद उपर से काम रूकवाने का आदेश था लेकिन नगरपालिका द्वारा नही रूकवाया गया आखिर इसके पीछे किसकी क्या मंशा थी मुझे नही पता।