शासन के आदेश को रोकने की पावर सिर्फ माननीय न्यायालय के पास है

सिवनी – नगर पालिका अध्यक्ष शफीक खान द्वारा राज्य शासन के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दिये जाने की तैयारी पूरी की जा रही है। शफीक खान अध्यक्ष पद पर रहेंगे या हटेंगें यह उच्च न्यायालय के निर्णय पर निर्भर करता है। शासन के आदेश को रोकने की पावर सिर्फ माननीय न्यायालय के पास है ऐसी स्थिति में नगरपालिका अध्यक्ष शफीक खान का न्यायालय की शरण में जाना ही एकमात्र विकल्प है।

भारतीय जनता पार्टी ज्ञानचंद सनोडिया को नगरपालिका अध्यक्ष बनाना चाहती थी
आपको बता दें नगरपालिका में सत्ता की लडाई चल रही है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी ज्ञानचंद सनोडिया को नगरपालिका अध्यक्ष बनाना चाहती थी। जब ज्ञानचंद सनोडिया नगरपालिका अध्यक्ष निर्वाचित नही हो पाये तो शिकवा शिकायत के आधार पर राज्य शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया कि शफीक खान का नगरपालिका अध्यक्ष पद पर बने रहना लोकहित में एवं परिषद के हित में वांछनीय नही है। और राज्य शासन द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष पद से शफीक खान को पृथक कर दिया गया है।

आदेश अगर 20 दिनो के बाद जारी होता तो उच्च न्यायालय का ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ हो जाता
यहा यह भी बताना जरूरी होगा कि नगरपालिका अध्यक्ष पद से शफीक खान के हट जाने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव कराया जायेगा। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस अध्यक्ष पद हेतु अपने – अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। और पार्षद वोंटिग करेंगे.इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न कराये जाने में कम से कम एक पखवाडा का समय चाहिए.जो आदेश राज्य शासन द्वारा अभी जारी किया गया है वही आदेश अगर 20 दिनो के बाद जारी होता तो उच्च न्यायालय का ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ हो जाता और ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जब तक न्यायालय खुलते तब तक चुनावा हो चुके होते.नगरपालिका अध्यक्ष शफीक खान अलग हो चुके होते.नया अध्यक्ष कुर्सी पर आसीन हो चुका होता.किन्तु राज्य शासन द्वारा आदेश 2 मई शुक्रवार 2025 को जारी किया गया है.शुक्रवार को आदेश जारी कारने का कारण भी यह प्रतीत होता है कि नगरपालिका अध्यक्ष शफीक खान शनिवार रविवार के अवकाश का लाभ उठाकर अपने अधिवक्ताओ से मिल जुलकर याचिका बनवा लें.इसका मतलब साफ यह है कि शफीक खान को कही ना कही राज्य सरकार द्वारा अवसर दिये जाने का सकेंत है कि वे उच्च न्यायालय से राज्य शासन के आदेश पर स्टे ला पाते है या नही।

अभी तक नपा अध्यक्ष शफीक खान को प्रमाणित आदेश की प्रति प्राप्त नही हो पाई है

राज्य शासन को जो करना था वह कर चुकी है अब पद पर बने रहना और ना रहना न्यायालय पर निर्भर है सत्ता की लडाई का शासन वाला पहला अध्याय समाप्त हो गया अब माननीय उच्च न्यायालय वाला दूसरा अध्याय प्रांरभ हो गया है। इसी बीच खबर आ रही है कि अभी तक नपा अध्यक्ष शफीक खान को प्रमाणित आदेश की प्रति प्राप्त नही हो पाई है जिसके आधार पर वे आगे की कार्रवाई कर सके अब समय के गर्त में यह प्रश्न छिपा हुआ है कि आगे अब क्या होगा।