सिवनी – गत दिनो अवधूत दादा गुरू जो निरंतर विगत अनेक महिनो से बिना अन्न के नर्मदा परिक्रमा कर रहे है जिसमें वे सिर्फ नर्मदा के जल का सेवन और वायु को आहार के रूप में लेते है उनका आगमन नगर के स्मृति लाॅन में हुआ जहां उन्होने बताया कि कभी भी सत्संग,जल और अन्न के एक दाने को भी व्यर्थ मत होने देना क्योकि सत्संग से जाने हमें कब क्या मिल जाये हमारी समस्याओ का समाधान मिल जाये जाने कब साधु के रूप में हमें भगवान मिल जाये कुछ भी हो सकता है जल के महत्व को समझना होगा क्योकि इस धरती पर साक्षात रूप से जो नदियाॅ है वे देवियाॅं है वे कोई साधारण नदियाॅ नही है वे देवी है जैसे माॅ अपनी संतान का पालन पोषण करती है वैसे ही नदियाॅ जाने कितने असंख्य लोगो की पानी की प्यास बुझाने का काम करती है इसके अलावा लोगो को व्यवसाय प्रदान करती है जिससे जाने कितने लोगो का घर चलता है कितने जीव जन्तु उनमें रहते है पलते है इसलिए पानी की एक बूॅंद भी व्यर्थ मत होने देना। इसके अलावा अन्न को जमीन में बोने से लेकर उसको उपजाने और फसल तैयार होने पर उसे घर तक लाने और फिर उसे पकाने के बाद जब हम उसे खाते है जिसकी पाचन क्रिया में जितना समय लगता है उससे हमे उर्जा मिलती है लेकिन सत्संग मिलने के चंद क्षणो में हमारा जीवन बदल सकता है।
पेड कोई पेड नही साक्षात देव है
पेडो के सरक्षंण पर प्रकाश डालते हुए दादा गुरू ने बताया कि इस देश में जाने कितने प्रांत है देश है नगर है जिनका नाम सिर्फ पेडो के नाम पर रखे गए है जैसे सिवनी सेवन का अर्थ समझाते हुए दादा गुरू ने बताया कि सागौन के वृक्ष को सेवन बोलते है ऐसे कई सारी वृक्ष की प्रजाति है जिसके नाम से सिवनी का नाम रखा गया पेड को शिव समझें उसका रोपण करें हमारे यहां की भूमि बहुत ही पवित्र और पावन है जहां देवताओ ने अवतरित होकर बाललीलाये करते हुए दानवों का संहार किया। पेड कोई पेड नही साक्षात देव है इनके काटने से इन्हे तकलीफ नही होती ऐसा मत समझिये ये हमे जीवन देते है हमे जीवन दायिनी आॅक्सीजन प्रदान करते है और कार्बनडाईआक्साईड स्वयं ग्रहण करते है। जंगलो से जल का सरंक्षण होता है उनसे बारिश होती है। पेड हमारे लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है।
नदियो को साफ सुथरा रखे उन्हे गंदा ना करें नदियो का सरक्षंण करें।
हम अपने बच्चो को खुद जहर खिला रहे है
इसके बाद दादा गुरू ने खेतो में अंधाधुंध हो रासायनिक खाद के उपयोग पर रोक लगाने की बात की जिससे होने वाले दुष्प्रभावो पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आजकल छोटे – छोटे बच्चो को गंभीर बीमारियां हो रही है जो कि समय से पहले की काल के गाल में समा जा रहे है खेतो में रासायनिक खाद का उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए जिससे की हम खुद भी उसके दुष्प्रभाव से बच सकें और अपनी संतान को बचा सकें इसके लिए हमें गौ सवंर्धन पर ध्यान देना होगा गाय का पालन करना होगा जिससे उसके गोबर को खाद के रूप में उपयोग करें और स्वयं के साथ अपने परिवार वालो को शुद्ध अन्न उपलब्ध कराना होगा जिससे की हमें और हमारे बच्चो को गंभीर बीमारियो से बचाया जा सकें। हम अपने बच्चो को खुद जहर खिला रहे है जिससे उन्हे गंभीर बीमारियां हो रही है इससे हमें बचना होगा।